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Pneumonia: ठंड में बच्चों का रखें खास ख्याल, हो सकता है न्यूमोनिया का खतरा

Pneumonia: न्यूमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस व फंगस के कारण होता है। इससे फेफड़ों की वायु कोष्ठिका में सूजन हो जाती है।

Shravan Kumar
Published on: 17 Jan 2024 10:53 AM GMT (Updated on: 17 Jan 2024 10:54 AM GMT)
azamgarh news
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ठंड में बच्चों का रखें खास ख्याल (न्यूजट्रैक)

Pneumonia: सर्दी के मौसम में न्यूमोनिया व अन्य बीमारियां पांव पसारने लगती हैं। यह एक गंभीर बीमारी है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए खतरा अधिक होता है। इस मौसम में बच्चों की सेहत को लेकर सजग रहने की जरूरत है।

शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीडी सिंह बताते हैं कि न्यूमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस व फंगस के कारण होता है। इससे फेफड़ों की वायु कोष्ठिका में सूजन हो जाती है या उसमें तरल पदार्थ भर जाता है। न्यूमोनिया के लक्षण सर्दी-जुकाम के लक्षणों से बहुत हद तक मिलते हैं। इसलिए जब भी ऐसा लगे तो पहले इसके लक्षणों को पहचाना बहुत जरूरी है। बाल रोग विशेषज्ञ लालगंज के डॉक्टर पवन कुमार पांडेय ने बताया कि नवजात शिशु देखने में बीमार लगे। दूध न पिये, सांस लेने में दिक्कत हो, सुस्त हो, रोये या बुखार हो तो उसे न्यूमोनिया हो सकता है। ऐसी मरीज लगातार अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। इसके लिए तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।

छोटे बच्चों को संक्रमित व्यक्ति से रखें दूर

न्यूमोनिया से बचाव के लिए छोटे बच्चों को संक्रमित व्यक्ति से दूर रखें। बच्चे को माँ का पहला गाढ़ा दूध, जिसे कोलेस्ट्रम कहते हैं, अवश्य पिलाएं तथा बच्चे को छः माह तक केवल स्तनपान कराएं। बच्चे को गरम कपड़े पहनाएँ, सिर और कान ढँककर रखें, कमरे का तापमान सही रखें, बच्चों को बाहर न निकलने दें। बाल रोग चिकित्सक डॉक्टर घनश्याम ने बताया कि परामर्श लेकर न्यूमोनिया का टीकाकरण अवश्य कराएँ। संक्रमित व्यक्ति खांसता व छींकता है, तो वायरस व बैक्टीरिया सांस से फेफड़ों तक पहुंच कर सामने बैठे व्यक्ति को संक्रमित कर देते हैं। न्यूमोनिया का प्रभाव बच्चों पर ज्यादा होता है। खासतौर पर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में न्यूमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने में और दूध पीने में दिक्कत होती है।

न्यूमोनिया के लक्षण

तेज सांस लेना, कफ की आवाज आना भी न्यूमोनिया का संकेत हो सकते हैं। सामान्य से अधिक तेज सांस या सांस लेने में परेशानी, सांस लेते या खांसते समय छाती में दर्द, खांसी के साथ पीले, हरे या जंग के रंग का बलगम, बुखार, कंपकंपी या ठंड लगना, पसीना आना, होंठ या नाखून नीले होना, उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, कंपकंपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द भी न्यूमोनिया के लक्षण हैं।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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