TRENDING TAGS :
Azamgarh News: टीबी एक संक्रामक रोग है, जो फेफड़े, रीढ़, मस्तिष्क, गुर्दे को करती है प्रभावित: मुख्य चिकित्सा अधिकारी
Azamgarh News: टीबी को यक्ष्मा, तपेदिक और क्षय रोग के नाम से भी जाना जाता है। टीबी से संक्रमित होने वाला हर व्यक्ति बीमार नहीं पड़ता है, लेकिन अगर आप बीमार हो जाते हैं तो आपको इलाज की आवश्यकता होती है।
World TB Day 2025 (photo: social media )
Azamgarh News: आज विश्व टीवी दिवस मनाया जा रहा है। टीबी एक संक्रामक रोग है जो आपके फेफड़ों या अन्य ऊतकों में संक्रमण का कारण बन सकता है। यदि टीबी रोगी का ठीक से उपचार न किया जाए तो यह बड़ी आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है और इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी आजमगढ़ डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि यह आमतौर पर आपके फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन यह आपकी रीढ़, मस्तिष्क या गुर्दे जैसे अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। टीबी को यक्ष्मा, तपेदिक और क्षय रोग के नाम से भी जाना जाता है। टीबी से संक्रमित होने वाला हर व्यक्ति बीमार नहीं पड़ता है, लेकिन अगर आप बीमार हो जाते हैं तो आपको इलाज की आवश्यकता होती है।
ट्यूबरकुलोसिस होने पर हर किसी को शुरूआत में ही लक्षण दिखाई नहीं देते। टीबी दुनिया में सबसे घातक बीमारी है उसकी रोकथाम करना बहुत आवश्यक है।
टीबी के बारे में जानें ?
तब वैदिक टीबी बैक्टीरिया के कारण होने वाली संक्रामक बीमारी है। यह अक्सर फेफड़ों को प्रभावित करती है। यह हवा के माध्यम से फैलती है, जब टीबी वाले लोग हंसते या खांसते हैं तो दूसरे लोगों को होने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन टीबी का इलाज संभव है।
टीबी के लक्षण
लंबे समय तक खांसी, कभी-कभी खून आना, छाती में दर्द होना, कमजोरी, थकान, वजन में कमी, बुखार, रात को पसीना आना आदि इसके लक्षण है।
यह लोग सावधान रहें
मधुमेह वाले रोगी, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसे एचआईवी या एड्स से पीड़ित, कुपोषित होना, शराब पीने वाले, तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले, शिशुओ और बच्चों का अधिक खतरा रहता है, मरीज के संपर्क में आने से भी खतरा है।
टीबी के इलाज
यदि आपको लंबे समय तक खांसी बुखार है, बिना किसी कारण के वजन कम होने जैसी लक्षण हो तो तत्काल इलाज कराये। एचआईवी या आप अपने घर के आसपास कोई टीवी के संपर्क में है, तो आप भी टीबी की जांच करवाए । यदि आपको टीबी है, तो खाँसते समय अन्य लोगों के संपर्क से बचे और मास्क पहने। लक्षण या बिना किसी लक्षण के ट्यूबरकुलोसिस का निदान किया जाए। एस टी एल एस राकेश दुबे ने बताया कि अस्पतालों में डॉटस केंद्र स्थापित किया गया है, जहां मरीज की दवा निशुल्क दी जाती है।