TRENDING TAGS :
UP News: बाबा विश्वनाथ को आज से प्रसादम का भोग
UP News: प्रसादम को चावल के आटे, चीनी और बेल पत्र के चूर्ण से बनाया गया है। श्री काशी विश्वनाथ न्यास ने दस महीने पहले अपना प्रसादम बनाने की घोषणा किया था।
UP News: काशी विश्वनाथ मंदिर में अब प्रसाद बदल गया है। शनिवार से बाबा विश्वनाथ को प्रसादम का भोग लगना शुरू हो जाएगा। आज यानी विजयदशमी पर बाबा विश्वनाथ को भोग के तौर पर प्रसादम चढ़ाया जाएगा। उसके बाद प्रसादम की बिक्री मंदिर परिसर में ही लगे स्टालों से शुरू की जाएगी। बाबा विश्वनाथ को भोग में प्रसादम चढ़ाने का यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले लड्डुओं के प्रसाद की गुणवत्ता और उसमें मिलावट की जांच चल रही है। बता दें कि श्री काशी विश्वनाथ न्यास ने दस महीने पहले अपना प्रसादम बनाने की घोषणा की थी।
शास्त्र सम्मत होगा
बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाने वाला यह प्रसादम शास्त्र सम्मत होगा। इस प्रसाद की कई विशेषताएं भी होंगी। प्रसादम बनाने के नियमों का सख्त रखा गया है। प्रसादम को शास्त्रों के अध्ययन के बाद विद्वानों की टीम ने तैयार किया। प्रसादम को चावल के आटे, चीनी और बेल पत्र के चूर्ण से बनाया गया है। इस प्रसादम की सबसे खास बात यह है कि जो बेल पत्र बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाता है, उसी का चूर्ण बनाकर इसमें यानी प्रसादम में मिलाया गया है।
केवल हिंदू कारीगर ही बनाएंगे
मंदिर प्रबंधन की शर्तों के मुताबिक, प्रसादम धार्मिक मान्यता और नियमों के हिसाब से ही तैयार किया जाएगा यानी बनेगा। प्रसादम को बनाने के लिए केवल हिंदू कारीगर ही लगाए जाएंगे। वहीं कारीगरों को प्रसादम बनाने से पहले स्नान करना अनिवार्य रहेगा।
दस महीना पहले प्रसादम बनाने का काम शुरू करने की घोषणा की गई उसके बाद इस पर काम शुरू हुआ। इसके बाद विद्वानों की टीम शास्त्र सम्मत प्रसादम बनाने की तैयारी में जुट गई। इसके लिए पुराणों का अध्ययन किया गया और फिर आटे के चावल से प्रसादम बनाने का निर्णय लिया गया।
और इस तरह तैयार किया गया
विद्वानों के मुताबिक, धान भारतीय फसल है और इसका जिक्र पुराणों में भी है। यही नहीं भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा के संवाद में भी चावल का जिक्र है। भगवान भोले शंकर को चावल के आटे का भोग लगता था। बेल पत्र भी काफी महत्व है, इसलिए बाबा विश्वनाथ को चढ़ने वाले बेलपत्र को जुटाया गया, फिर इसे धुलकर साफ कराया गया। सूखने के बाद बेलपत्र का चूर्ण बनाया गया, फिर इसे प्रसादम में मिलाया गया और इस तरह से बाबा विश्वनाथ के लिए प्रसादम तैयार किया गया।
इन्हें मिली बनाने की जिम्मेदारी
बाबा विश्वनाथ के इस प्रसाद को बनाने की जिम्मेदारी अमूल कंपनी को सौंपी गई है। अमूल ने नियमों और शर्तों के मुताबिक अभी दस दिन का प्रसादम बना कर तैयार किया है। प्रसादम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रमाणीकरण संस्था से मंजूरी भी मिल चुकी है। अब बाबा को आज से इसी प्रसादम का ही भोग लगाया जाएगा।