TRENDING TAGS :
Babar Ali murder case: फोन पर CM योगी के अपनत्व भरे शब्द सुनकर भावुक हुईं बाबर की मां
Babar Ali murder case: मुख्यमंत्री ने ढांढस बंधाते हुए फोन पर कहा, मैं भी आपका दूसरा बेटा ही हूं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के इस अपनत्व भरे शब्द सुनकर बाबर की मां भावुक हो फफक पड़ी।
Babar Ali murder case: यूपी के पूर्वांचल का जिला कुशीनगर बाबर अली की मौत के बाद से सुर्खियों में है। जिले के रामकोला थाना क्षेत्र के कटघरही निवासी बाबर की मां से बुधवार, 30 मार्च को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बात की। सीएम योगी से बाबर की मां की बातचीत उस वक़्त बेहद भावुक क्षण में बदल गई, जब मुख्यमंत्री ने ढांढस बंधाते हुए फोन पर कहा, मैं भी आपका दूसरा बेटा ही हूं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के इस अपनत्व भरे शब्द सुनकर बाबर की मां भावुक हो फफक पड़ी।
बता दें, कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) समर्थक बाबर की मौत मामले की जांच मामले में डीआईजी सोमवार रात गांव में पहुंचकर परिजनों तथा अन्य लोगों से मिले। इस दौरान उन्होंने घटना के संबंध में जानकारी ली। डीआईजी ने कहा, 'इस घटना में जो लोग भी शामिल हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।'
तीन पुलिसकर्मियों पर गिर चुकी है गाज
रामकोला थाना क्षेत्र के कटघरही में बीजेपी समर्थक बाबर और उसके पड़ोसियों के बीच विवाद हुआ था। बाद में बाबर के साथ मारपीट हुई। लखनऊ में इलाज के दौरान बाबर की मौत हो गई। मौत के बाद स्थानीय प्रशासन जागा। लापरवाही बरतने के आरोप में रामकोला थाना प्रभारी निरीक्षक को लाइन हाजिर कर दिया गया। साथ ही, इसी थाने के एक और हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया।
मदद को बढ़े हाथ
इस बीच, सांसद प्रतिनिधि गांव पहुंचे और बाबर के परिवार को सहायता धनराशि का अंतरण प्रमाण पत्र सौंपा। इसके बाद, बाबर के गांव बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं का आना शुरू हो गया है। मंगलवार को कुशीनगर के सांसद विजय कुमार दुबे के प्रतिनिधि खड्डा ब्लॉक प्रमुख शशांक दुबे भी बाबर के घर पहुंचे। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दो लाख की सहायता राशि का अंतरण प्रमाण पत्र सौंपा। बाबर के परिजनों को आश्वस्त भी किया कि भाजपा व सरकार की तरफ से परिवार को भरपूर संरक्षण मिलेगा। इस मामले में कुशीनगर के पूर्व सांसद राजेश पांडेय ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
स्थानीय पुलिस नाली विवाद से जोड़कर देख रही
बता दें, कि इसी साल फरवरी माह में बाबर का उसके पड़ोसियों के साथ नाली आदि को लेकर विवाद हुआ था। अपर जिलाधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक की जांच में पाया गया, कि पूर्व में फरवरी माह में नाली को लेकर विवाद हुआ था। इस विवाद में 151/ 117/ 116 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई हुई थी। यही घटना 20 मार्च को फिर से दोहराई गई। जांच में पाया गया कि प्रभारी निरीक्षक द्वारा त्वरित गति से कार्यवाही नहीं की गई। उन्हें कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में हाजिर किया गया है।