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Babri Demolition anniversary: बाबरी विध्वंस की बरसी आज, अलर्ट पर यूपी के 26 ज़िले
Babri Demolition anniversary: 6 दिसम्बर यानि आज ही के दिन अयोध्या में बाबरी के विवादित ढांचे को गिरा दिया गया था।
Babri Demolition anniversary: 1992 में 6 दिसम्बर यानि आज ही के दिन अयोध्या में बाबरी के विवादित ढांचे को गिरा दिया गया था। कुछ लोग इसे शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं तो कोई काले दिवस के रूप में मनाता है। 6 दिसम्बर 2024 का ये दिन उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए चुनौती से भरा हुआ है। एक तरफ संभल हिंसा को लेकर हाई अलर्ट है, दूसरी तरफ़ आज जुम्मे की नमाज है और आज ही के दिन बाबरी विध्वंस की बरसी है। जिसे देखते हुए अयोध्या में सतर्कता बढ़ाई गई है। राममंदिर परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। खुफिया एजेंसियों की ओर से शहर के सभी होटलों, धर्मशालाओं और सराय आदि पर ठहरे बाहरी लोगों पर नजर रखी जा रही है।
हिन्दू संगठनों का कार्यक्रम और मुस्लिम समाज की कुरानख्वानी
6 दिसम्बर की ये तारीख इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गयी। नफरत की आग पर पकती राजनीति की रोटियों ने इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया, इस अध्याय में आज के सुरक्षा की चुनैतीयों को इस कदर बढ़ा दिया कि आज अपहरण, छेड़खानी और बलात्कार जैसे संगीन मामलों से ज्यादा प्राथमिकता दिसम्बर की इस गुलाबी ठण्ड में समाज के माहौल को गर्म न होने देने की है। पुलिस की चुनौतियाँ तब और बढ़ जाती हैं जब कोई इसे काला दिवस के रूप में मनाता है तो कोई शौर्य दिवस के रूप में। आज मुस्लिम समाज की ओर से मस्जिदों में कुरानख्वानी की जा रही तो वहीँ हिंदू संगठनों की ओर से भी कार्यक्रम किये जा रहे हैं।
चप्पे चप्पे पर नज़र
अयोध्या में आज पुलिसकर्मी सतर्क हैं, आने जाने वाले लोगों की तलाशी ली जा रही है। सादी वर्दी में पुलिसकर्मी हर जगह अपनी निगाह बनाये हुए हैं। पटरी दुकानदारों का सत्यापन करवाया जा रहा है तो वहीँ बाहरी दुकानदारों को हटाया जा रहा है। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे ने बताया है कि सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। राममंदिर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पूरे मंदिर परिसर को लगातार खंगाला जा रहा है। राम बारात के सभी रूटों का निरिक्षण किया जा रहा है।
यूपी के 26 जिलों में हाई अलर्ट
1992 में घटी इस घटना के 32 साल हो गए हैं। आज भी इसका असर साफ़ देखा जा सकता है। इस नफरत की आग को ठंडा रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इन्तेजाम करना भी आव्य्श्यक है लेकिन इन सबके बिच अयोध्या के स्थानीय निवासियों को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है ये बड़ा सवाल? इसका असर सुरक्षा से लेकर रोजगार तक पड़ता है। बात केवल अयोध्या तक ही सिमित नहीं है इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के 26 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। खासतौर पर अयोध्या के अलावा मथुरा, वाराणसी, आगरा, संभल, कानपुर और लखनऊ जैसे जिलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
'राम मंदिर बनने के बाद सारे विवाद खत्म'?
32 साल भी विवादित बाबरी विध्वंश की चर्चा होना भी इसकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। एक तरफ कुछ लोग इसे काला दिवस के रूप में मानते हैं तो कुछ लोग शौर्य दिवस के रूप में। अब इसे लेकर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने भी प्रतिक्रिया दिया है, उन्होंने कहा है कि राम मंदिर बनने के बाद ये सब ख़त्म हो गया है। जब से सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है, तब से सब कुछ ठंडा पड़ गया है, उन्हें यानि मुस्लिम समाज को एहसास हो गया है कि ये कोर्ट का आदेश था और अब वे कुछ नहीं कर सकते जिसके बाद वो अब इसे काला दिवस के रूप में नहीं मनाते हैं। उन्होंने कहा कि अब वहां एकमात्र रामलला का मंदिर है और इस मंदिर में सब लोग दर्शन कर रहे हैं, छह दिसंबर अब एक ऐतिहासिक दिन रह गया हैं और ये सब बंद हो गया है।