Budaun: बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा, सुनवाई करेगा कोर्ट

Badaun News: उत्तर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद विवादों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब बदायूं स्थित जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से बड़ा दावा किया गया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 3 Sep 2022 10:15 AM GMT
Uttar Pradesh
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बदायूं की जामा मस्जिद की फोटों (न्यूज़ नेटवर्क)

Badaun News Today: उत्तर प्रदेश में मंदिर - मस्जिद विवादों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब बदायूं स्थित जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से बड़ा दावा किया गया है। बदायू के सिविल कोर्ट में दायर एक याचिका में जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने की बात कही गई है। अदालत ने याचिका को स्वीकार कर लिया है और इसपर सुनवाई अगले शुक्रवार यानी 9 सितंबर 2022 को होगी।

मस्जिद की इंतजामिया कमेटी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। याचिका में पहले पक्षकार स्वयं भगवान नीलकंठ महादेव बनाए गए हैं। वहीं, मंदिर - मस्जिद विवाद को धीरे - धीरे तूल पकड़ता देख बदायूं जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। याचिका अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संयोजक मुकेश पटेल ने दायर की है। अन्य पक्षकारों में मुकेश, ज्ञानप्रकाश, डा. अनुराग शर्मा, उमेश चंद्र शामिल हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स क मुताबिक, याचिका में दावा किया गया है कि बदायूं में स्थित जामा मस्जिद परिसर वास्तविकता में एक हिंदू राजा का किला था। य़ाचिका में दावा किया गया है कि जामा मस्जिद की मौजूदा संरचना प्राचीन नीलकंठ महादेव मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई है। याचिका में अदालत से केस दर्ज कर, सर्वे कराने के आदेश देने की की मांग की गई है।

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के जिला संयोजक मुकेश पटेल का कहना है कि उन्हें पता है कि इस जगह मंदिर हुआ करता था। मंदिर के अस्तित्व से जुड़े साक्ष्य उस कमरे में है, जो लंबे समय से बंद है। उन्होंने आगे बताया कि 1222 ईस्वी में कुतुबुद्दीन ऐबक के दामाद एलतुत्मिश ने राजा महिपाल की हत्या कर दी थी। उसके बाद यहां मौजूद नीलकंठ मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण करवाया था।

क्या जामा मस्जिद की खासियत

बता दें कि बदायूं स्थित जिस जामा मस्जिद को लेकर विवाद है वो शहर के मौलवी टोला इलाके में स्थित है। यह देश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी मस्जिदों में शुमार है। इस मस्जिद में एक समय में एकसाथ 23 हजार लोग जमा हो सकते हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में ज्ञानवापी प्रकरण की तरह इसे लेकर भी सियासी माहौल का गरमाना तय है।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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