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Bulanshahr News: बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर को जान का खतरा, बोले उनके खिलाफ हो रही हैं साजिशें

Bulanshahr News: यूपी के बुलंदशहर आए बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी जान को खतरा जताया है।

Sandeep Tayal
Published on: 13 Dec 2022 8:05 AM IST (Updated on: 13 Dec 2022 9:27 AM IST)
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बुलंदशहर: बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी जान को खतरा बताया

Bulanshahr News: यूपी के बुलंदशहर (Bulandshahr) आए बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी जान को खतरा जताया है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मेरे खिलाफ देश और विदेश में रची जा रही साजिश, विदेशो से साजिश के लिए फंडिंग होने का किया दावा। बागेश्वर धाम सरकार बोले..अगर मुझे कुछ हो जाता है तो सनातन की यह आग बुझनी नहीं चाहिए।अपनी सिक्योरिटी बढ़ाने को लेकर भी उन्होंने कहा कि यह सरकार का विषय है।

संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि उनके खिलाफ साजिशें बहुत दिनों से चल रही हैं। सनातन धर्म के खिलाफ साजिशें हो रही हैं। उनके खिलाफ भी है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि अगर उन्हें कुछ हो भी जाए तो यह जोत बुझनी नहीं चाहिए। उनका कहना है कि उनके खिलाफ विदेशों से और देश में साजिशें हो रही हैं लेकिन वह भयभीत नहीं हैं।

बिना पूछे ही व्यक्ति की समस्या जान लेते हैं

मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में स्थित संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का धाम बागेश्वर धाम के नाम से विख्यात है। वह बिना पूछे ही व्यक्ति की समस्या जान लेते हैं और उसका समाधान देते हैं वह भी निशुल्क। वह परंपरा में इस पीठ के पीठाश्वर धीरेंद्र कृष्ण वताते हैं कि 12-13 वर्ष की उम्र से ही संत धारा की ओर बढ़ गए थे। उनके दादा गुरू ने उन्हें गूढ़ रहस्यों से परिचित कराया।

पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन

ग्राम गढ़ा में दस जुलाई 1996 पिता श्री रामकृपाल गर्ग के घर जन्मे धीरेंद्र का बचपन गरीबी में बीता। दक्षिणा की उम्मीद में भटकते रहे। कोमल आयु में परिवार के भरण पोषण का भार आ गया। दादा गुरू के काशीवास के बाद स्वप्न में साधना का निर्देश मिला और अज्ञातवास साधना आरंभ की। अज्ञातवास साधना के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दरबार की ओर लौटे और दादा गुरू की कृपा और बाबा सरकार की महिमा लोगों का भला होने लगा। उनका मानना है कि मनुष्य कभी भगवान नहीं बन सकता। वह संत हो सकता है।

Shashi kant gautam

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