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Baghpat: पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर जहर खाने वाली मां-बेटी की मौत, गांव में छाया मातम
Baghpat: पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर मां व उसकी दो बेटियों ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। एक दिन पहले बड़ी बेटी स्वाति की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
Baghpat: बागपत के बाछौड़ गॉव (Bachhod village) में अभी स्वाति की चिता की राख ठंडी भी नहीं हो पाई थी कि उसकी माँ गीता और बहन प्रीति ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। छपरौली थाना क्षेत्र (Chhaprauli police station area) के बाछोड गांव में एक साथ तीन मौत होने के बाद पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है। आज गांव के किसी भी घर में चूल्हा चौका नहीं चढ़ा है। गांव में मातम छाया हुआ है, गलियां सुनसान पड़ी हुई है।
पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर मां-बेटी ने जहर खाया
पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर मां व उसकी दो बेटियों ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। एक दिन पहले बड़ी बेटी स्वाति की इलाज के दौरान मौत हो गई तो आज मां गीता व उसकी छोटी बेटी प्रीति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घर में एक साथ तीन मौत होने के बाद पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है। गांव की गलियां पूरी तरह से सुनसान पड़ी हुई है और हर कोई अपने घर में बैठकर इन तीनों मौतों को लेकर मातम मना रहा है। अभी श्मशान घाट में स्वाति की चिता की राख ठंडी भी नहीं हो पाई कि आज गीता और प्रीति के शव भी कुछ देर में गांव पहुंच जाएंगे।
युवक पर बहला-फुसलाकर लड़की को अपने साथ ले जाने का आरोप
दरअसल, आपको बता दें कि छपरौली थाना क्षेत्र (Chhaprauli police station area) के बाछोड़ गांव में एक लड़की को गांव के ही एक युवक पर बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने का आरोप है। गत रात्रि पुलिस छपरौली थाने की पुलिस आरोपी युवक के घर पहुंची, लेकिन घर का दरवाजा किसी ने नहीं खोला। इस पर पुलिस दूसरे घरों आई छतों से युवक के घर में दाखिल हुई। यहां पर पुलिसकर्मियों ने युवक को तलाशने का काफी प्रयास भी किया। घर में केवल युवक प्रिंस की मां गीता व उसकी बहने प्रीति व स्वाति ही थी। प्रताड़ना जब हद से ज्यादा बढ़ गई तो महिला व उसकी दोनों बेटियों ने पुलिसकर्मियों के सामने ही जहरीला पदार्थ खा लिया था ।
घर के आंगन में पुलिस की बर्बरता के बिखरे पड़े सुबूत
बाछोड गांव में महकसिंह के घर की बात करें तो एक छोटे से कमरे और कुछ फ़ीट के आंगन में पुलिस की बर्बरता के सुबूत बिखरे साफ नजर आ जाते है। अभी भी घर में वह स्टील का ग्लास और कप , पड़ा हुआ है जिसमें जहरीला पदार्थ घोलकर माँ-बेटियों ने पीकर अपनी जीवनलीला समाप्त की। घर में जगह-जगह जहरीला पदार्थ भी बिखरा हुआ है। चूल्हे की आग ठंडी पड़ी है और आसपास रोटियां भी बिखरी पड़ी हैं।
पुलिस प्रताड़ना का कितना ख़ौफ़ माँ-बेटियों में था और वे थाने जाने से कितना डरे हुए थे, इस बात का प्रमाण इसी से मिलता है कि माँ-बेटियों ने जान देना ज्यादा उचित समझा। यदि जहरीले पदार्थ से वे बच भी जाती तो पंखे पर साड़ी से फांसी भी तैयार कर रखी थी। यह साड़ी अभी भी पंखे पर लटकी हुई है। इस ह्रदयविदारक घटना के बाद गांव शोक में डूबा हुआ है, गलियां सुनसान पड़ी हुई है और हर कोई इस घटना के लिए केवल पुलिस को दोषी ठहरा रहा है।