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Baghpat News: कुर्बानी के लिए बिक रहे 250 बकरों को खरीदा, ‘बकराशाला’ में किया संरक्षित
Baghpat News: बकरीद पर बकरों को लेकर जगह-जगह से नई तस्वीरें सामने आईं। ये तस्वीरें बकरों की कुर्बानी से जुड़ी हुई हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें इन पशुओं पर प्रेम उमड़ पड़ा। ऐसे ही एक शख्स ने 250 बकरों को खरीदकर उन्हें एक शेड में संरक्षित कर लिया।
Baghpat News: बकरीद पर बकरों को लेकर जगह-जगह से नई तस्वीरें सामने आईं। ये तस्वीरें बकरों की कुर्बानी से जुड़ी हुई हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें इन पशुओं पर प्रेम उमड़ पड़ा। ऐसे ही एक शख्स ने 250 बकरों को खरीदकर उन्हें एक शेड में संरक्षित कर लिया। इस शख्स का कहना है कि वो इन बकरों का पालन करेगा।
जैन समाज के लोगों ने किया बकरों का संरक्षित
बागपत जनपद के अमीनगर सराय कस्बे में जैन समाज के लोगों ने बाजार में बिक्री को आए 250 बकरे खरीदकर ‘बकराशाला’ में संरक्षित कर लिया। उनका कहना था कि ऐसा करके उन्होंने इन बकरों की जान बचाई है। दरअसल, बागपत के अमीनगर सराय कस्बे में जैन समाज के लोगों द्वारा जीव दया संस्थान की 2016 में स्थापना की थी। इस संस्थान को खोलने का उद्देश्य बेजुबान जीवों की रक्षा करना था। खासतौर पर बकरीद पर कुर्बानी दिए जाने वाले बकरों को बचाना।
भगवान महावीर स्वामी के संदेश से प्रेरणा
जैन समाज के लोग भगवान महावीर स्वामी के संदेश ‘जियो और जीने दो’ की प्रेरणा से इस ‘बकराशाला’ का संचालन कर रहे हैं। जिसमें इस वक्त 450 बकरे मौजूद हैं। बकरीद से एक दिन पहले जिन 250 बकरों को जगह-जगह कुर्बानी के लिए बिक्री को रखा गया था, उन्हें जैन समाज के लोगां ने महंगे दामों में खरीदकर न केवल इनकी जान बचाई बल्कि उन्हें ’बकराशाला’ में संरक्षित किया।
इन सभी के गले में लाल धागे भी कुर्बानी देने वालों ने बांधे हुए थे। 5000 वर्ग फीट में नवनिर्मित बकराशाला में बकरों के खाने-पीने, रहने समेत चिकित्सकों की भी बेहतर व्यवस्था की हुई है। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। संस्थान से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तर भारत में यह पहली और इकलौती ‘बकराशाला’ हैं। इसका उद्देश्य केवल बेजुबान जीवों की रक्षा करना है। आने वाले दिनों में पक्षियों के लिए भी 45 मंजिला ऊंचा टावर बनाया जाएगा। जिसमें पक्षी अपना निवास बनाकर रह सकेंगे।