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सड़क पर तेंदुए को देख रोमांचित हुए राहगीर, कैमरे में कैद की तस्वीर
कारोना के चलते कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य बंद है
बहराइच। कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य राज्य उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद की नानपारा तहसील में स्थित है। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में राहगीरों के आवागमन के दौरान बिछिया मिहिनपुरवा मार्ग पर नर और मादा तेंदुए नजर आ गए। तेंदुओं को देख वाहन चालकों ने अपने वाहनों की रफ्तार धीमी कर दी। कुछ देर में दोनों तेंदुए जंगल में उछल कूद करते हुए चले गए। राहगीरों ने अपने मोबाइल कैमरे में इनकी उछलकूद की तस्वीर भी कैद कर ली।
कोरोना संक्रमण के चलते इस समय प्रदेश के वन्यजीव प्रभाग में पर्यटकों के भ्रमण पर रोक लगी हुई है। लेकिन संरक्षित क्षेत्र से गुजरने वाले लोगों को अक्सर जंगली जानवर दिख रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में स्थिति कतर्निया घाट वन्यजीव प्रभाग में देखने को मिला। संरक्षित वन क्षेत्र के कतर्निया घाट रेंज में एक धार्मिक स्थल के निकट से लोग गुजर रहे थे। कार सवार लोग जंगल की ओर जा रहे थे। जबकि ट्रैक्टर सवार जंगल के रास्ते से होकर मिहीपुरवा जा रहा था तभी दोनों वाहनों के बीच से एक नर तेंदुआ ने सड़क पार किया। कुछ सेकेंड में मादा तेंदुआ भी पीछे से आ गई। दोनों तेंदुए को देख वाहन चालकों ने रफ्तार धीमी कर दी। देखते देखते दोनों तेंदुए जंगल में चले गए। तेंदुए के जोड़े को देख राहगीर रोमांचित हो गए और उन्होंने दोनों तेंदुओं की चहलकदमी को अपने कैमरे में कैद कर लिया ।
लोगों को वाहन धीमी गति से चलाने की सलाह
वन क्षेत्राधिकारी का कहना है कि बारिश के चलते मौसम सुहावना हुआ है। ऐसे में जंगली जीव भी उछल कूद कर रहे हैं। रास्ते से निकलने वाले लोग धीमे रफ्तार में वाहन चलाएं। जिससे वन्य जीवों की जान बचाई जा सके। और घीमे वाहन चलाने से अचानक आ गये जानवरों से वाहन चालकों की भी जान सुरक्षित रहेगी।
कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य 550 वर्ग किमी में फैला है। कतर्निया घाट कभी रेलवे स्टेशन भी था, जब गोंडा की ओर से छोटी लाइन की गाड़ी गेरुआ नदी के किनारे बस यहीं अंतिम सीटी देती थी, यानी आखिरी स्टेशन। गिरिजापुरी के पास नदी पर सड़क और रेलपुल बन जाने से नक्शा बदल गया, लेकिन पटरी रहित स्टेशन की वीरान उजड़ी इमारत अब भी इतिहास की तरह सन्नाटे में मानो बोल रही है।.