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Bahraich News: डॉ. जय सिंह को मिला यूपी गौरव सम्मान, 25 एकड़ में केले और आलू की खेती से कमाए लाखों

Bahraich News: देश के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा जनपद बहराइच के अग्रणी कृषक डॉ. जय सिंह को केले की आधुनिक खेती के लिए उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।

Mahesh Chandra Gupta
Published on: 24 Jan 2025 8:57 PM IST (Updated on: 24 Jan 2025 8:59 PM IST)
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Dr. Jai Singh felicitated with UP Gaurav Samman (Photo: Social Media)

Bahraich News: लखनऊ स्थित अवध शिल्प ग्राम में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की उपस्थिति में देश के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा जनपद बहराइच के अग्रणी कृषक डॉ. जय सिंह को केले की आधुनिक खेती के लिए उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान मिलने पर जहां आकांक्षी जिले के कृषकों में हर्ष का माहौल हैं। वहीं जिलाधिकारी मोनिका रानी ने भी कृषक डॉ. सिंह को बधाई देते हुए कहा कि इससे जिले के अन्य कृषक प्रेरित होंगे।

विकास खण्ड चित्तौरा अन्तर्गत ग्राम सुरजामाफी में पिता राज सिंह व माता श्रीमती कृष्णा कुमारी के घर जन्मे जय सिंह द्वारा 25 एकड़ में केले की खेती से लगभग रू. 2.25 लाख प्रति एकड़ की दर से रू. 56.25 लाख तथा 25 एकड़ भू-भाग में आलू की खेती से लगभग रू. 70 हज़ार प्रति एकड़ की दर से रू. 17.50 लाख इस प्रकार कुल रू. 73.75 लाख का शुद्ध वार्षिक लाभ प्राप्त किया जा रहा है।

लखनऊ विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ साइंस (बायोकेमिस्ट्री) की डिग्री पूरी करने के बाद, सिंह ने अपनी पैतृक ज़मीन पर खेती शुरू की। कृषि के पारंपरिक तरीकों से शुरूआत करने वाले श्री सिंह ने आगे चलकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण को कठोरता से लागू किया। अपने शुरुआती वर्षों में, गन्ना उगाने में हाथ आजमाया, उसके बाद गुड़ के लिए एक विनिर्माण इकाई स्थापित की। सफल होने के बावजूद, उन्होंने अधिक लाभदायक रास्तों की तलाश में दालों और तिलहन जैसी फसलों के साथ प्रयोग करना जारी रखा।

आखिरकार एक दिन शोहरतगढ़ के राजा से आकस्मिक मुलाकात ने उन्हें केले की खेती की ओर प्रेरित किया। वर्ष 1983 में केले की एक पारंपरिक किस्म की खेती से शुरुआत करते हुए, उन्होंने 1996 में बाजार की बदलती माँगों और वैज्ञानिक विकास के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए टिश्यू कल्चर जी 9 किस्म के केले की खेती को अपनाया। वर्तमान समय में सिंह द्वारा 25-25 एकड़ में केला व आलू की खेती कर केले की उपज में 330 कुन्तल व आलू में 140 कुण्टल प्रति एकड़ का उत्पादन प्राप्त किया जा रहा है।

सिंह, जैन इरिगेशन से प्राप्त टिश्यू कल्चर किस्म के केले उगाते हैं। पिछले कुछ वर्षों के कठिन परिश्रम से सिंह द्वारा एक बहुत मजबूत ब्रांड इक्विटी बनाई गई है जिसे लखनऊ, नई दिल्ली, लुधियाना, चंडीगढ़ और अमृतसर के छोटे और बड़े केले के थोक विक्रेताओं द्वारा अच्छी तरह से पहचाना और सराहा जाता है। उनकी खेती पद्धतियां अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने की दिशा में तैयार की गई हैं। गुणवत्ता मानकों को सुव्यवस्थित करने के लिए कटाई के समय उनके द्वारा केले के गुच्छों के लिए कैलीपर ग्रेडिंग के अंतर्राष्ट्रीय मानदंड प्रस्तुत किये गये हैं। उन्होंने केला उत्पादकों के बीच फ्यूजेरियम विल्ट (टीआर4) के बारे में जागरूकता बढ़ाने में भी योगदान दिया है और एफ.ओ.सी. मुक्त सेकेंडरी हार्डन नर्सरी बनाकर रोकथाम के तरीके सुझाए हैं।

पिछले कई दशकों में, कई साथी किसानों और कृषि कंपनियों को सिंह के ज्ञान और अनुभव से लाभ मिला है, जो कि लगभग 50 वर्षों के करियर में निखारा गया है। केले की खेती में उनके नवाचारों और योगदान के लिए, उन्हें 2019 में एग्री-इनोवेशन फाउंडेशन द्वारा एग्री-इनोवेटर पुरस्कार और 2020 में आईसीएआर-नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर केला द्वारा सर्वश्रेष्ठ केला उत्पादक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सिंह द्वारा विभिन्न औद्यानिक फसलों में प्रदेश स्तर पर अच्छा उत्पादन करने के साथ इनके द्वारा किये गये सराहनीय कार्यों से प्रदेश का नाम रोशन हुआ है।

जिला उद्यान अधिकारी दिनेश चौधरी ने बताया कि कृषक सिंह द्वारा जिले के कृषकों की आय बढ़ाने हेतु उन्हे केला क्षेत्र विस्तार के साथ बागवानी फसलों के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है।चौधारी ने बताया कि डॉ. सिंह के एग्रीकल्चर मॉडल की एक विशेषता यह है कि डॉ. सिंह द्वारा अपने अधिकांश प्रक्षेत्रों पर गोबर खाद, नीम खली, हरी खाद आदि का प्रयोग किया जाता है साथ ही दूसरे किसानों को भी प्रेरित किया जा रहा है। चौधरी ने भी कृषक डॉ. सिंह को बधाई दी है।



Ragini Sinha

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