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Bahraich News: वन मंत्री ने कतर्नियाघाट ईको पर्यटन सत्र का किया शुभारंभ, अब बोटिंग का भी आनंद ले सकेंगे पर्यटक

Bahraich News: इस दौरान एफडी ने नेचर प्रटेशन सेंटर में मौजूद लोगों को प्रोजेक्टर पर जंगल व पर्यटन पर बनी वीडियो शॉर्ट फिल्म दिखाते हुए लोगों के इस पर्यटन सत्र की व्यवस्थाएं और विशेषताएं भी बताई।

Radheshyam Mishra
Published on: 6 Nov 2024 9:14 PM IST
Bahraich News
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Bahraich News: यूपी के बहराइच अन्तर्गत स्थित कतर्नियाघाट ईको पर्यटन सत्र का शुभारंभ बुधवार को सूबे के मंत्री व मुख्य अतिथि अरुण कुमार सक्सेना ने किया। इस दौरान थारू जनजाति द्वारा बनाए गए विभिन्न कलाकृति को देखकर जमकर सराहा गया।

बता दें कि इस बार पर्यटन सत्र का मुख्य उद्घाटन कार्यक्रम कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के कतर्नियाघाट रेंज में हुआ जिसमें कतर्नियाघाट के नेचर इंटर प्रटेशन सेंटर (घड़ियाल सेंटर) पर भव्य तैयारियों के बीच वन विभाग, वन निगम, डब्ल्यू डब्ल्यू एफ, गजमित्र (न्यूज़), बाघमित्र की टीम व स्थानीय ग्रामीणों की मौजूदगी में वन मंत्री द्वारा फीता काटकर किया गया। कार्यक्रम में की शुरुआत वन मंत्री व विधायक ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंत्री सक्सेना ने पर्यटन मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने व पर्यटन के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों व उपलब्धियों को बताया ।मंत्री सक्सेना ने पर्यटन मौजूद लोगों से अपील किया है कि पर्यटन को बढ़ावा देने व पर्यटन के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों व उपलब्धियों पर ध्यान दें।

इस दौरान एफडी ने नेचर प्रटेशन सेंटर में मौजूद लोगों को प्रोजेक्टर पर जंगल व पर्यटन पर बनी वीडियो शॉर्ट फिल्म दिखाते हुए लोगों के इस पर्यटन सत्र की व्यवस्थाएं और विशेषताएं भी बताई। जिसके बाद उद्घाटन के दौरान मंत्री सक्सेना ने विधायक व वन विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ जिनान जिप्सी से जंगल सफारी व बोटिंग कर पर्यटन सत्र की तैयारियों का जायजा भी लिया। इस दौरान पर्यटन प्रभारी वन दरोगा मयंक पांडेय ने बताया कि पर्यटक सत्र के पहले दिन से ही कतर्नियाघाट व निशानगाड़ा रेंज के घने जंगलों में जंगल सफारी कर जंगल की सुंदरता का दीदार कर सकेंगे साथ ही गेरुआ नदी में बोटिंग का आनंद ले सकेंगे।

इस अवसर पर सुधीर शर्मा प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मनोज सिंह अपर मुख्य सचिव, संजय श्रीवास्तव प्रधान मुख्य वन संरक्षक, पीपी सिंह सीएसएफ, अदिति शर्मा सीएसएफ, विधायक सरोज सोनकर, राजेश गुप्ता मंडल अध्यक्ष, प्रीतम निषाद प्रधान प्रतिनिधि, इकरार अंसारी प्रधान, घूरे प्रसाद मौर्य, प्रमोद आर्य, मुकेश चन्द्रा मुख्य विकास अधिकारी, अरुण कुमार, एसडीओ वन विभाग संतोष कुमार, डीएलएम वन निगम नारायण सिंह गुप्ताल, रेंजर कतर्नियाघाट आशीष गौड़, वन दरोगा मयंक पांडे, रेंजर मुर्तिहा रतनेश कुमार, रेंजर सुजौली रोहित कुमार, रेंजर निशानगाड़ा सुरेंद्र श्रीवास्तव, दबीर हशन परियोजना अधिकारी डब्ल्यू डब्ल्यू एफ, मंसूर अली, राजा हशन, ऋषभ प्रताप सिंह, अजय सिंह, योगेश सिंह, अन्नु शुक्ला, हीरालाल यादव, कल्लू सिंह, विजय पांडे, डिंपल, अनूप कुमार, महावत मोहर्रम अली, विनोद कुमार, इरशाद अली, राहुल, सरोज यादव, पंजाब सिंह आदि मौजूद रहे।

बता दें कि हिमालय की तलहटी में आबाद कतर्नियाघाट वन क्षेत्र प्रकृति के खूबसूरत जीवों में शामिल बाघों का अभ्यारण्य वन है। यहां साल-दर साल बाघों की संख्या बढ़ रही है। यही कारण है कि बाघों का दीदार करने के लिए बड़ी तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं। सन 1975 में 550 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग को अभ्यारण्य का दर्जा दिया गया था। तब से यहां बाघों के संरक्षण को लेकर काफी प्रयास किए गए। इसका नतीजा रहा कि 2018 की जनगणना में बाघों की संख्या 29 पहुंची तो 2020 में हुई गणना में तादाद 36 पहुंची है। गणना के लिए लिए लगाए गए कैमरों में बाघों के एक हजार के आसपास चित्र कैद हुए थे, जिन्हें अध्ययन के लिए पहले ही देहरादून प्राणी उद्यान भेजा जा चुका था। पर्यावरण विद एवं कतर्नियाघाट फ्रेंड्स क्लब के अध्यक्ष का कहना है कि जंगल से बाघ की रक्षा होती है और बाघ की जंगल से। इस वजह से दोनों एक-दूसरे के पर्याय हैं। शाकाहारी जीवों के नियंत्रण में इनकी अहम भूमिका भी होती है।



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Shalini singh

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