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Bahraich News: बहराइच हिंसा के बाद अब कैसे हालात?, मृतक के परिजनों से आज सीएम योगी करेंगे मुलाकात
Bahraich News: UP एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के खुद सड़क पर उतरने के बाद गुस्साई भीड़ अब शांत है। हिंसा करने वाले लोग अब सड़कों पर नजर नहीं आ रहे हैं। हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा के परिवार वालों से मंगलवार को सीएम योगी मुलाकात करेंगे।
Bahraich News: यूपी के बहराइच जिले में सांप्रदायिक हिंसा फिलहाल शांत है। उत्तर प्रदेश एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के खुद सड़क पर उतरने के बाद गुस्साई भीड़ अब शांत है। हिंसा करने वाले लोग अब सड़कों पर नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि पूरे जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल चप्पे-चप्पे पर गश्त कर रहा है। एडीजी अमिताभ यश के सड़क पर उतरने के बाद से हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है।
हिंसा में मारे गए राम गोपाल के परिवार से कल मिलेंगे CM योगी
बहराइच हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा के परिवार वालों से मंगलवार को सीएम योगी मुलाकात करेंगे। ये बातचीत लखनऊ सीएम आवास पर होगी। पूरी सुरक्षा के बीच परिवार को बहराइच से सुबह लखनऊ लेकर जाया जाएगा। इस दौरान महसी से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह भी मौजूद रहेंगे।
हिंसा और हत्या के मामले में 40 आरोपी हिरासत में
दंगा प्रभावित क्षेत्र महाराजगंज, महसी समेत पूरे बहराइच में अब शांति स्थापित है। रविवार को हुई हिंसा और हत्या के मामले में 40 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। जबकि हत्या में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए देर शाम तक जगह-जगह छापेमारी जारी है। मालूम हो कि बहराइच जिले में दंगाई मृतक राम गोपाल को घर में घसीटकर पीट रहे थे और जब तक उसे बाहर निकाल पाते, उस पर गोलियां चल चुकी थीं। साथियों ने जब तहसीलदार से राम गोपाल को अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई तो वह भाग गया। साथियों ने किसी तरह राम गोपाल को बाइक पर अस्पताल पहुंचाया। तहसीलदार की इस हरकत से परिवार के लोग अभी भी अंदर ही अंदर नाराज हैं।
बहराइच में रविवार को मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा राम गोपाल की गोली मारकर हत्या करने के बाद परिजनों ने सोमवार को कहा कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण यह घटना हुई है। राम गोपाल को बेरहमी से पीटा गया और मरणासन्न अवस्था में छोड़ दिया गया। जब उसे अस्पताल ले जाने के लिए तहसीलदार से मदद मांगी गई तो उन्होंने अपनी गाड़ी देने से मना कर दिया। इसके बजाय वह मौके से भाग गए। साथी किसी तरह मृतक राम गोपाल को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
तहसीलदार ने नहीं दिखाई संवेदनशीलता
परिजनों के मुताबिक अगर तहसीलदार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए गाड़ी दे दी होती तो राम गोपाल आज जिंदा होते। तहसीलदार के व्यवहार से परिजन और गांव वाले अभी भी नाराज हैं। इससे पहले सोमवार सुबह जब एसडीएम मृतक राम गोपाल के घर पहुंचे तो परिजनों ने उन्हें भगा दिया। लोगों का गुस्सा देख अफसरों ने तहसीलदार को तुरंत वहां से हटा दिया।
मृतक राम गोपाल की पत्नी ने कहा
मृतक राम गोपाल की पत्नी जब पोस्टमार्टम हाउस पहुंची तो उसने रोते हुए कहा कि "उसे न्याय चाहिए। उसे जैसे भी हो न्याय चाहिए। उसने यह भी कहा कि उसे खून का बदला खून चाहिए।" इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पति की हत्या को लेकर उनमें कितना गुस्सा भरा हुआ है। एक तरह से पूरा परिवार बदले की आग में जल रहा है। इसलिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। अधिकारी भी परिजनों से बात कर रहे हैं। भरोसा दिला रहे हैं कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
परिजनों का यह भी कहना है कि हर साल मूर्ति विसर्जन होता है। यह पहली बार नहीं हुआ। ऐसे में पुलिस प्रशासन को उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी। पहले तो वे उचित व्यवस्था नहीं कर पाए, जब दंगा हुआ तो उसे नियंत्रित नहीं कर पाए। उन्होंने सीधे तौर पर पुलिस प्रशासन की नाकामी बताई। उन्होंने यह भी कहा कि दंगे के बाद पुलिस ने उनके पक्ष पर लाठीचार्ज किया। दूसरे पक्ष पर नरमी बरती गई। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने में भी लापरवाही बरती गई। आला अधिकारी सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए मौके पर आए थे। जो पूरी तरह से गलत है।
पुलिस प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश
बता दें कि महसी तहसील के थाना हरदी क्षेत्र के महराजगंज कस्बे में हुई घटना को लेकर लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश है। जिसे देखते हुए एसपी वृंदा शुक्ला ने हरदी थाना प्रभारी सुरेश कुमार वर्मा व महसी चौकी इंचार्ज शिव कुमार को सुबह ही निलंबित कर चुकी है। जबकि सीओ पर कार्रवाई न होने से ग्रामीणों में अभी भी भारी आक्रोश है।
उल्लेखनीय है कि जिले के महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में रविवार की शाम मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे पर बज रहे गाने को लेकर विवाद हो गया। गाने के विरोध में दूसरे समुदाय के युवकों ने गाली-गलौज की और छत से पत्थरबाजी कर दी। बताया जाता है कि पत्थर चलने से मां दुर्गा की प्रतिमा खंडित हो गई। जिससे दूसरे समुदाय ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। आरोप है कि प्रदर्शन दौरान दूसरे समुदाय के लोग युवक मृतक राम गोपाल को घर के अंदर पकड़ ले गए और गोली मार दी। जिससे रेहुवा मंसूर निवासी रामगोपाल मिश्रा(22) की मौत हो गई।
वहीं उसे बचाने पहुंचा राजन(27) भी गंभीर रुप से घायल हो गया। यही नहीं लगभग एक दर्जन अन्य लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है। स्थिति को काबू में करने के लिए मौके पर छह थानों की पुलिस व पीएसी तैनात है। एसपी वृंदा शुक्ला समेत अन्य आला अधिकारी महराजगंज में फ्लैग मार्च कर रहे हैं।