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Bahraich Bhediya News: भेड़ियों को केवल बजरंगबली ही भगा सकते हैं.. ग्रामीणों को भगवान से आस
Bahraich Bhediya News: लोग भेड़ियों से मुक्ति पाने के लिए भगवान की शरण में चले गये हैं और पूजा-पाठ शुरू कर दिया है। ग्रामीणों ने सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया है।
Bahraich Bhediya News: यूपी के बहराइच जनपद में भेड़ियों का आतंक बरकरार है। अब तक इन खुलेआम घूम रहे खूंखार भेड़ियों ने नौ बच्चों समेत दस लोगों का शिकार किया है। इंसानों का शिकार करने के बाद आदमखोर हो चुके भेड़ियों को लेकर गांव में दहशत का माहौल है। वहीं प्रशासन इन आदमखोरों को पकड़ने के लिए ‘ऑपरेशन भेड़िया’ चला रहा है। वन विभाग ने अब तक चार भेड़ियों को पकड़ लिया है।
वहीं अभी दो भेड़िये लगातार खुलेआम घूम रहे हैं और दो दिन के अंदर एक मासूम को अपना निवाला भी बना चुके हैं। सोमवार को भी भेड़ियों ने एक पांच साल की बच्ची को गंभीर रूप से घायल कर दिया। भेड़ियों के हमले से डरे सहमे लोगों को अब किसी चमत्कार का ही इंतजार है। लोग भेड़ियों से मुक्ति पाने के लिए भगवान की शरण में चले गये हैं और पूजा-पाठ शुरू कर दिया है।
बहराइच में ग्रामीण भेड़ियों को गांव से भगाने के लिए ‘चमत्कार’ की आस में है। मंगलवार को ग्रामीणों ने मंदिर में इकट्ठा होकर सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया है। भगवान भरोसे ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग अभी तक भेड़ियों को पकड़ नहीं सका है। जिसके चलते आए दिन मासूम बच्चों की जान जा रही है।
अब केवल बजरंगबली ही आदमखोर भेड़ियों से मुक्ति दिला सकते हैं। वहीं मंदिर के पुजारी का कहना है कि सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ से बुरी ताकतें दूर भाग जाती हैं। ऐसे में जब सभी लोग हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे तो बजरंगबली जरूर ही कोई कमाल दिखायेंगे।
भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की खास टेक्निक
आदमखोर भेड़ियों के आतंक से 35 गांवों के लोग डरे हुए हैं। इन भेड़ियों को पांच वन प्रभागों बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, बाराबंकी और गोंडा की 25 टीमें लगी हुई हैं। वन विभाग के एमडी संजय कुमार, मुख्य वन संरक्षक एचवी गिरीश, दो डीएफओ और दो सहायक वन संरक्षक समेत दस अधिकारी मौके पर हैं।
वन विभाग की टीम खूंखार भेड़ियों को पकड़ने के लिए खास टेक्निक का इस्तेमाल कर रही है। दरअसल वन विभाग रंग-बिरंगी टेली डॉल का इस्तेमाल भेड़ियों को पकड़ने के लिए कर रही है। खास बात यह है कि ये टेडी डॉल को बच्चों के यूरिन में भिगोया गया है ताकि भेड़ियों इनकी गंध से इस तरफ खिंचे चले आए और पकड़े जाएं। इन ‘टेडी डॉल’ को भेड़ियों के आराम करने वाली जगहों और मांद के करीब रखा गया है।