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Wolf terror in UP: आखिर क्यों आबादी की तरफ बढ़ रहे भेड़िये, जानें इनके आदमखोर होने की वजह
Wolf terror in UP: बहराइच ही नहीं यूपी के कई अन्य जिलों में भी मनुष्य और वन्य जीवों के बीच संघर्ष की घटनाओं में इन दिनों बढ़ोत्तरी हुई है।
Wolf terror in UP: यूपी के बहराइच जनपद में बीते दो माह से भेड़ियों का आतंक फैला हुआ है। भेड़िये अब तक नौ बच्चों समेत दस लोगों को मौत की नींद सुला चुके हैं। वहीं दो दर्जन से ज्यादा लोगों को भेड़िये घायल कर चुके है। वन विभाग और पुलिस की टीम दिनरात इलाके में पहरा दे रही है। लेकिन अभी तक भेड़ियों को पकड़ने में कामयाबी नहीं मिली है। वहीं अब वन विभाग ने भेड़ियों को मारने का भी आदेश जारी कर दिया है।
बहराइच ही नहीं यूपी के कई अन्य जिलों में भी मनुष्य और वन्य जीवों के बीच संघर्ष की घटनाओं में इन दिनों बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में सभी के जहन में एक ही सवाल आ रहा है कि आखिर अचानक से भेड़ियों का आतंक कैसे बढ़ गया। अब तक तो बाघ और तेंदुओं के आबादी में घुसने की घटनाएं सुनने को मिलती थी। लेकिन बीते कुछ दिनों से जंगल में रहने वाले अन्य जानवर जैसे भेड़िये और सियार के भी रिहायशी इलाकों में घुसने की खबरें मिलने लगी है। यहीं नहीं जंगली जानवर लोगों को पर हमला भी कर रहे हैं।
आइए जानते हैं कि क्यों मनुष्य और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं और क्यों ये जानवर जंगलों को छोड़कर आबादी की तरफ बढ़ रहे हैं। वहीं जंगलों में मानव आबादी का आवागमन भी बढ़ा है। कुछ जगहों पर तो जंगल के बीच से ही पक्की सड़के और रेलवे लाइन बनायी गयी हैं। जोकि जंगली जानवरों के प्राकृतिक आवास और उनके रहन-सहन में बाधा पैदा करता है।
दिनों दिन छोटे पड़ रहे जंगल
मानव और जंगली जानवरों के बीच बढ़ रहे संघर्षो का एक प्रमुख कारण जंगलों में मनुष्य का हस्तक्षेप भी है। एक तरफ जहां इन दिनों वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं उनके रहने की जगह संकुचित होते जा रहे हैं। जिसके चलते जंगल में जानवरों को स्वयं के ही वर्चस्व के लिए आमने-सामने होना पड़ता है। ऐसे में खुद की रक्षा के लिए भी जानवर जंगलों से बाहर आ जाते हैं और इंसानों के लिए खतरा पैदा करते हैं।
बाढ़ भी भेड़ियों के आबादी में घुसने की एक बड़ी वजह
यूपी के बहराइच समेत कई अन्य जनपदों में इन दिनों जंगली जानवरों के आतंकी घटनाएं बढ़ी है। इनमें से अधिकतर वह जनपद हैं जहां इन दिनों बाढ़ आयी हुई है। भेड़ियां और सियार ऐसे जानवर होते हैं जोकि नदी के किनारे ही रहते हैं। इन दिनों बाढ़ के चलते भी भेड़ियों को आबादी की तरफ रख करना पड़ा। वहीं गांवों में घुसने के बाद भेड़ियों के सामने भोजन का संकट होता है। क्योंकि खेतों में रासायनिक खादों और पेस्टिसाइट की गंध से भेड़िये दूर भाग जाते हैं और आबादी पर हमला करने के लिए मजबूर होते है। भोजन का न मिलना भी उनके आदमखोर स्वभाव होने जाने की एक प्रमुख वजह हो सकती है।
पर्यावरणीय परिवर्तन
जलवायु परिवर्तन और मौसम के असामान्य पैटर्न के चलते जानवरों के प्राकृतिक आवास भी प्रभावित हुए हैं। बढ़ती गर्मी और बाढ़ भेड़ियों के प्राकृतिक शिकार की संख्या को लगातार घटा रहा है। जिससे भेड़ियों को भोजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। नतीजतन वह भोजन की खोज में मानव आवास की बढ़ रहे हैं।