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Wolf Terror in UP: भेड़ियों का 48 घंटे में छह बार हमला, दिए गए गोली मारने के आदेश, विशेष टीम बहराइच पहुंची
Wolf Terror in UP: बहराइच जिले में भेड़ियों का आतंक जारी है। बीते 48 घंटे के भीतर भेड़ियों ने छह लोगों पर हमला किया। वहीं इसको लेकर स्थानीय लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
Wolf Terror in UP: यूपी के बहराइच जिले में भेड़ियों का आतंक जारी है। जिले में अलग-अलग जगहों पर पिछले 48 घंटों में भेड़ियों ने छह लोगों पर हमला बोला है। हरदी क्षेत्र में सोमवार देर रात मां के साथ सो रही अफसाना (5) को भेड़िया ने निवाला बनाने का प्रयास किया। बालिका की चीख सुनकर उठे परिजनों को देख भेड़िया भाग निकला। भेड़ियों के लगातार हो रहे हमलों से स्थानीय लोगों का भारी आक्रोश है। शनिवार रात करीब 12 बजे भेड़ियों ने नकाही निवासी पारस (7) पर और रविवार सुबह चार बजे मैकूपुरवा दरैहिया निवासी कुन्नू (55) पर हमला बोला था।
वहीं, रविवार रात नव्वन गरेठी निवासी अंजली (5) को भेड़िए ने मार डाला। कोटिया निवासी कमला (60) व सुमन (55) को गंभीर रूप से घायल कर दिया। सोमवार रात अफसाना (5) को गंभीर रूप से घायल कर दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग केवल दावे कर रहा है, लेकिन भेड़ियों पर कोई नियंत्रण नहीं हो पा रहा वे हर रोज किसी न किसी पर हमला बोल ही रहे हैं।
मृतक अंजली के गांव में तीन बार पहुंचा
नव्वन गरेठी निवासी अंजली को रविवार रात मां नीलू के पास से भेड़िया उठा ले गया था। भेड़िए ने सोमवार को फिर गांव में दस्तक दी। ग्रामीणों ने बताया कि भेड़िया तीन बार गांव में देखा गया। उसकी घेराबंदी की गई, लेकिन वह भागने में सफल रहा।
जिंदा या मुर्दा पकड़ने के आदेश
बहराइच में ड्रोन कैमरे में दो खूंखार भेड़िए कैद भी हुए हैं। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव संजय श्रीवास्तव ने इन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़ने का आदेश जारी कर दिया है। इस समस्या से निपटने के लिए वन विभाग ने चार-चार अलग-अलग तरह के कामों के करने के लिए टीमें गठित की हैं। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, बहराइच में बच्चों पर हमला करने वाले छह भेड़ियों का समूह था, जिनमें से चार को पकड़ लिया गया है। दो भेड़िए अभी भी इधर-उधर दौड़ रहे हैं। ड्रोन कैमरे के जरिये इन्हें देखा भी जा चुका है। अब इनकी सटीक लोकेशन और जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए चार तरह के कामों में बांटकर टीमें लगा दी गई हैं। ऐसा बहराइच के कई इलाकों में किया गया है, ताकि भेड़ियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।
लोकेशन के लिए पेट्रोलिंग
प्रत्येक क्षेत्र में लगाई गई एक टीम भेड़ियों की लोकेशन पता करने के लिए पेट्रोलिंग करेगी। दूसरी टीम उन्हें बेहोश करने के लिए घेरे में लेगी। तीसरी टीम उन्हें पकड़ेगी और चौथी टीम पकड़ने के बाद उनके बारे में निर्णय लेगी।
छत पर सोने से टाला जा सकता है खतरा
पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने लोगों से अपील की है कि वे खुले में न सोएं। रात में छत पर सोने से भी खतरे को टाला जा सकता है। भेड़िए हर जिले में मौजूद हैं और इनकी कभी गणना नहीं की गई। लेकिन, आम तौर पर यह इंसानों पर हमला नहीं करते। अगर किसी झुंड के मुंह किसी भी कारण से इंसानों के मांस का स्वाद लग जाए तो वही बच्चों पर हमला करता है। इसके पीछे की एक वजह यह भी है कि भेड़ियों की प्राकृतिक मांद में पानी वगैरह भर जाने से वे आबादी की ओर रुख कर लेते हैं।
डब्ल्यूआईआई की टीम पहुंची बहराइच
इस बीच आदमखोर भेड़ियों का अध्ययन करने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून (डब्ल्यूआईआई) के वैज्ञानिकों की एक टीम बहराइच पहुंच गई है। इन भेड़ियों के हाईब्रिड यानी संकर प्रजाति के होने की प्रबल संभावना है। डीएनए टेस्ट के जरिये इसका ही पता डब्ल्यूआईआई के विशेषज्ञों की टीम लगाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, भेड़िये और कुत्ते अंतरजन्य प्रजातियां मानी जाती हैं। यानी वे आपस में प्रजनन करके संतान पैदा कर सकते हैं। अक्सर यह देखने में आया है कि इस तरह से पैदा होने वाले हाइब्रिड प्रजाति के भेड़िये अधिक आक्रामक हो जाते हैं। इनमें आदमखोर होने की प्रवृत्ति भी पाई जाती है। यही वजह है कि प्रदेश सरकार ने डब्ल्यूआईआई के वुल्फ एक्सपर्ट्स यानी भेड़ियों के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम बुलाई है। यह टीम मंगलवार को दिन में यूपी वन विभाग के सीनियर अधिकारियों से मिली और उसके बाद बहराइच के लिए रवाना हो गई। टीम आदमखोर भेड़ियों का डीएनए सैंपल लेकर आगे की जांच करेगी।