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भेड़िए का आतंक: जानिए भेड़ियों के बारे में सब कुछ

बहराइच में जिस तरह से भेड़ियों का खौफ दिखाई दे रहा है वो काफी हैरान कर देने वाला है। वन विभाग की टीमें उन्हें पकड़ने का काम कर रही हैं लेकिन फिर भी उनका आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

Neel Mani Lal
Published on: 2 Sept 2024 11:03 AM IST
भेड़िए का आतंक: जानिए भेड़ियों के बारे में सब कुछ
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बहराइच में इन दिनों भेड़ियों का आतंक है। जिसके चलते कई बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। इन हमलों ने आम तौर पर नज़रअंदाज़ की जाने वाली भेड़िया प्रजाति को सुर्खियों में ला दिया है।

हैरान करने वाले हमले

भारत में हर साल 50 से ज़्यादा लोग बाघों के कारण, 100 से ज़्यादा जंगली सूअरों और तेंदुओं के कारण और 50,000 से ज़्यादा लोग साँप के काटने के कारण मरते हैं। पिछले 30 सालों में भेड़ियों ने 1980 के दशक में बिहार के हज़ारीबाग इलाके में और 1996-1997 में पूर्वी उत्तर प्रदेश (प्रतापगढ़, जौनपुर, सुल्तानपुर जिले) में बच्चों पर हमले की दो घटनाओं को अंजाम दिया है। बहराइच में हुई घटनाएं संभवतः तीसरी ऐसी घटना है।

क्या है भेड़िया

- भेड़िया वास्तव में एक मायावी और शर्मीला जानवर है जो मनुष्यों से जितना हो सके उतना दूर रहना पसंद करता है।

- भारतीय भेड़िया अपनी तरह का एक अनूठा जानवर है, जो दस लाख साल पहले भारतीय उपमहाद्वीप में विकसित हुआ था और दुनिया में पाई जाने वाली प्रजातियों में सबसे प्राचीन जीवित वंश है।

- माना जाता है कि भेड़िये भारत में इंसानों के बहुत पहले से रहते आये हैं। यह इस भूमि का मूल निवासी था। पूर्वी इंडो-मलय क्षेत्र से बाघ और पश्चिमी इथियोपियाई क्षेत्र से शेर के भारत में आने से बहुत पहले से भेड़िए यहां मौजूद थे।

- भेड़िया वास्तव में कुत्ते का पूर्वज है और लगभग 15-30 हज़ार साल पहले जब भेड़ियों को पालतू बनाया गया तब उसने कुत्तों को जन्म दिया।

- भारत में भेड़ियों की संख्या 2000 से 3000 के बीच है और ये बाघ से ज़्यादा खतरे में हैं।

- भेड़िये राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में पाए जाते हैं।

- जंगली भेड़िये तीन से पांच दिनों में एक बार भोजन करते हैं और एक बार के भोजन में छह से नौ किलो मांस खा जाते हैं। वे हिरण, खरगोश, रेंगने वाले जीव और चूहों का शिकार करते हैं। लेकिन आज उनके अधिकांश जंगली शिकार और प्राकृतिक आवास बहुत सीमित हो गए हैं। सो,भेड़ियों ने बकरियों, भेड़ों और मवेशियों के बछड़ों को मारना शुरू कर दिया है क्योंकि उनका प्राकृतिक जंगली शिकार खत्म हो गया है। जानकारों के अनुसार, आज भारत में भेड़ियों की 75 फीसदी आबादी पशुधन पर निर्भर है।

- भेड़ियों को जिंदा पकड़ना आसान काम नहीं है। वे शायद ही कभी तेंदुए, बाघ और शेरों की तरह पिंजरों में घुसते हैं।

- भेड़िया और जंगली कुत्ते में बारीक फर्क होता है। भेड़िए 18 से 20 किलो वजन के होते हैं।

- जहां प्राकृतिक आहार कम या खत्म ही हो गया है वहां किसी भी जानवर के लिए इंसानी आबादी में चले जाना स्वाभाविक है। ऐसे में बचाव के लिए खासकर बच्चों को अकेले खेतों में या घर के बाहर नहीं जाने देना चाहिए। गांवों में बहुत लोग खुले में सोते हैं सो वहां भी बच्चों का सावधानी पूर्वक ख्याल रखना चाहिए।



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Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

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