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Bahraich: साथी के बिछड़ने से और भी घातक हुए भेड़िए, एक लंगड़ा भेड़िया बढ़ा रहा है सबसे ज्यादा दहशत

Bahraich News: बहराइच में दो भेड़िए अब भी पकड़ से दूर हैं। जानकार बताते हैं कि बदला लेने की प्रवृति रखने वाले यह भेड़िए अब ज्यादा आक्रामक हो सकते हैं।

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Newstrack Network
Published on: 31 Aug 2024 2:18 PM IST
Bahraich Wolves terror
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Bahraich Wolves terror   (photo: social media )

Bahraich News: यूपी के बहराइच जिले के थाना क्षेत्र हरदी में कई दिनों से आतंक मचा रहे तीन भेड़ियों में से गुरुवार को एक को पकड़ लिया गया। पकड़ा गया भेड़िया नर है। इसके बाद वन विभाग जहां राहत की सांस ले रहा है तो वहीं जानकारों का कहना है कि अब दो बचे हुए भेड़िए हमले और तेज कर सकते हैं। उन्हें जल्द पकड़ना होगा। बचे दो भेड़ियों में से एक लंगड़ा है जिसके ज्यादा आक्रामक होने की बात कही जा रही है। इससे ग्रामीणों में दहशत बढ़ गई है। वहीं प्रभावित इलाके में पुलिस व पीएसी का पहरा भी बढ़ा दिया गया है।

जिले के हरदी थाना क्षेत्र के 32 गांवों में खूनी खेल खेलने के बाद भेड़ियों ने अपने हमले का दायरा बढ़ा लिया है। भेड़िये खैरीघाट थाना क्षेत्र के दीवानपुरवा निवासी अयांश को जहां निवाला बना चुके हैं तो वहीं काजल व तीन बच्चों को भी घायल कर दिए हैं। उनके हमले का दायरा बढ़कर 50 गांवों तक व प्रभावित आबादी 80 हजार के पार पहुंच चुकी है। यही नहीं भेड़ियों के नानपारा तहसील क्षेत्र के गांवों में भी पहुंचने की बात कही जा रही है। इसे लेकर बुधवार को विधायक नानपारा रामनिवास वर्मा की मौजूदगी में शिवपुर ब्लॉक में आपात बैठक भी की जा चुकी है। बैठक के बाद शिवपुर विकासखंड क्षेत्र के गांवों में भी सतर्कता के साथ गश्ती शुरू हो गई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक अफसर ने बताया कि भेड़िये कुनबे में रहते हैं। एक भेड़िये के पकड़े जाने के बाद बाकी दो भेड़िये और आक्रामक हो सकते हैं। साथी की तलाश व उसकी गंध का पीछा करते हुए गांवों में दस्तक दे सकते हैं। इसे देखते हुए अभियान तेज कर दिया गया और जल्द से जल्द बाकी दोनों भेड़ियों को पकड़ने की तैयारी है। वहीं अपर मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह का कहना है कि टीमें सक्रिय हैं। अन्य दो भेड़िये भी जल्द पकड़ लिए जाएंगे।

20 किलोमीटर तक शिकार करने में सक्षम होता है

जानकारों की मानें तो भेड़िया कुत्ता प्रजाति का सदस्य होता है। इसकी सूंघने व रेकी करने की क्षमता काफी अच्छी होती है। भेड़िया 20 किलोमीटर तक शिकार करने में सक्षम होता है जो इसे और घातक बनाता है। यही नहीं भेड़िये अक्सर झुंड में ही रहते हैं और झुंड के सदस्यों के प्रति काफी संवेदनशील भी होते हैं। हर झुंड का एक मुखिया होता है और बाकी सदस्य इसी के इसारे पर चलते हैं। ऐसे में भेड़ियों के समूह में से जब तक मुखिया का चिह्नांकन कर उसे पकड़ नहीं लिया जाता, तब तक हमले जारी रहेंगे।

खैरीघाट में दिखा भेड़िया, दहशत

भेड़िये को पकड़ने के लिए प्रशासन लगातार मेहनत कर रहा है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस, पीएसी समेत अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी तैनात किए गए हैं। गुरुवार को हरिबक्शपुरवा के निकट कछार में एक भेड़िया पकड़ा गया जबकि दो के अभी सक्रिय होने की बात कही जा रही है। वन विभाग भेड़ियों के मुखिया की तलाश में जुटा है। वहीं खैरीघाट थाना क्षेत्र में भेड़िया दिखने से लोगों में दहशत है। जिन गांवों में भेड़ियों की दहशत है, उन गांवों में पंचायत, विकास, पुलिस, राजस्व व वन समेत अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी रात-दिन गश्त कर रहे हैं। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। अभी तक चार भेड़िये पकड़े भी जा चुके हैं। बावजूद इसके क्षेत्र में दहशत कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

भेड़िया प्रभावित गांवों में लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है। गौरतलब है कि भेड़ियों के हमले से नौ लोगो की मौत हो चुकी है। वहीं करीब 35 से अधिक लोग घायल हो चुके है। वहीं भेड़ियों की चालाकी वन विभाग को छका रही है। वन कर्मियों का मानना है कि अगर भेड़ियों का मुखिया पकड़ में आ जाए तो हमले होने की आशंका बिल्कुल कम हो जाएगी।

भेड़िये को बचाए जाने की अपील

ऐनिमल वेलफेयर बोर्ड के सदस्य, प्रकृति पंथ प्रमुख अर्चित मिश्र ने कहा कि पूर्व में भी पकड़े गए भेड़ियों के साथ हादसे हो चुके हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि भेड़िये विलुप्ति के कगार पर खड़े हैं। ये ईको सिस्टम के लिए बेहद अहम जीव हैं। भारत का भेड़िया संरक्षण संकल्प भी इससे प्रभावित होगा। ऐसे में भेड़ियों को बचाने की जरूरत है।

टीमों का अभियान जारी

जिला अधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि जिले के भेड़िया प्रभावित इलाकों में वन समेत अन्य विभागों की टीमों का सर्च अभियान लगातार जारी है। चार भेड़िये पकड़े जा चुके हैं। उम्मीद है कि अन्य भी जल्द पकड़ लिए जाएंगे। ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर पुलिस भी तैनात है। लोगों को भेड़ियों से बचाने के लिए अफसरों की टीमें जागरूक कर रही हैं।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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