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Bahraich News: बहराइच की हल्दी खरीदेंगे बाबा रामदेव, किसान हो जाएंगे मालामाल
Bahraich News: क्रिस्टोफर ने बताया कि मिहींपुरवा क्षेत्र की प्राकृतिक संरचना, भूमि और जलवायु कृषि के लिए बहुत उपयुक्त है। इसका कारण यह है कि यहां हल्दी, जिमीकंद और हरा आटा की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है।
Bahraich News: योग गुरु की फर्म आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण के लिए हर साल उत्तर प्रदेश के जिलों से प्रसिद्ध हल्दी खरीदेगी। हल्दी की गुणवत्ता बहुत अच्छी है, जिसके कारण इसकी गुणवत्ता भी बहुत अच्छी है। यही वजह है कि योग गुरु की कंपनी और प्लांट के थ्री एफ स्टूडियो के बीच करार हुआ है। ट्रस्टी मोनिका रानी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभाओं के जिले के आर्किटेक्ट को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत शुरू किए गए प्लांट में 86 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) ने उद्यम शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर हल्दी और अन्नदाता ने उनकी कंपनी के साथ मिलकर थ्री एफ उत्पादों की बिक्री के लिए करार किया है।
आर्टिस्टिक स्टूडियो के थ्री एफ प्लांट प्रत्यूष बायोएनर्जी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, वीरांगना लक्ष्मीबाई महिला किसान निर्माण कंपनी लिमिटेड और सीएससी राज किसान प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। मिहींपुरवा में आयोजित वैज्ञानिक बैठक में योग स्वामी हरिद्वार स्वामी स्वामी, बालकृष्ण, स्टेडियम प्रीमियर मोनिका रानी, उप कृषि निदेशक टीपी रॉयल, सीएससी राज किसान प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड मिहींपुरवा के निदेशक आलोकान्त्रिक सिंह आदि मौजूद हैं।
क्रिस्टोफर ने बताया कि मिहींपुरवा क्षेत्र की प्राकृतिक संरचना, भूमि और जलवायु कृषि के लिए बहुत उपयुक्त है। इसका कारण यह है कि यहां हल्दी, जिमीकंद और हरा आटा की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है। इसे कई राज्यों के साथ-साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी भेजा जाता है। इसके बावजूद किसानों को उनके उत्पाद का मूल्य नहीं मिल पाता था।
इसके मद्देनजर प्रति वर्ष 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर आय बढ़ाने के लिए 2000 से 2000 टन प्रति हेक्टेयर की दर से 45-50 हजार टन से अधिक आय बढ़ाने के लिए 45-50 हजार टन हल्दी मूल्य/विपणन स्वामी कंपनी की स्थापना की गई है। उप कृषि निदेशक टी.पी.टी. रॉयल ने बताया कि एफ.डी.पी.जी. हल्दी उत्पादन में 1,880 पुरुष किसान और 975 महिला किसान शामिल हैं। इसी तरह यहां 150 हेक्टेयर में जिमीकंद की खेती की जा रही है, जिसमें 30-35 टन प्रति हेक्टेयर की दर से कुल 5,250 टन जिमीकंद का उत्पादन हो रहा है। इसकी मांग स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों में काफी है। इसी तरह यहां 600 हेक्टेयर से अधिक टाइल्स में हरे पौधों की खेती भी की जा रही है।