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Dhananjay Singh: … तो धनंजय सिंह को चुनाव नहीं लड़ने के लिए मिली है जमानत!

Dhananjay Singh: सियासी बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला का अंतिम समय पर बहुजन समाज पार्टी ने टिकट काट दिया। अब इसको लेकर चारो तरफ अलग अलग चर्चाएं हो रही।

Snigdha Singh
Written By Snigdha Singh
Published on: 9 May 2024 3:20 PM IST (Updated on: 10 Aug 2024 7:01 PM IST)
Bahubali Dhananjay Singh
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Bahubali Dhananjay Singh (Photo: Social Media)

Bahubali Dhananjay Singh: पूर्वांचल के बाहुबली नेता धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी अब चुनाव नहीं लड़ेंगी। वैसे तो धनंजय सिंह का कहना है कि बसपा ने टिकट वापस ले लिया, जबकि बहुजन समाज पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि श्रीकला ने स्वयं वापस किया है। मालूम हो कि जौनपुर लोकसभा के लिए मायावती ने श्रीकला को भाजपा उम्मीदवार कृपा शंकर सिंह और सपा प्रत्याशी बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ उतारा था। लेकिन, धनंजय सिंह के जेल से छूटने के बाद रातों-रात ऐसा क्या हुआ कि बसपा ने श्रीकला का टिकट काटकर पूर्व सांसद श्याम सिंह यादव को दे दिया।

एक समय था जब न केवल धनंजय सिंह पर करीब 43 मुकदमें दर्ज थे, बल्कि 50 हजार रुपए के इनामी भी रहे। अजीत सिंह मर्डर में शूटर्स को पनाह देने के केस में धनंजय सिंह को आरोपी मानते हुए लखनऊ पुलिस ने इनाम घोषित किया। लेकिन, धनंजय सिंह के खिलाफ सबूत और गवाह नहीं मिलने के कारण दो दर्जन से अधिक केस खत्म हो गए। अब के समय में 10 मुकदमे दर्ज हैं। लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि लोकसभा चुनाव से पहले धनंजय सिंह को 2020 में दर्ज नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण और रंगदारी वसूली केस में एमपी/एमएलए कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाते हुए जौनपुर जेल भेज दिया। इस बीच लोकसभा चुनाव में बसपा ने धनंजय की पत्नी श्रीकला को उम्मीदवार बनाया। इससे जौनपुर की सियासत में हलचल होने लगी। श्रीकला चुनाव में भाजपा और सपा दोनों को ही कड़ी टक्कर दे रही थी। इसी बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट में धनंजय सिंह के केस की सुनवाई की। सजा पर तो रोक नहीं लगी लेकिन जमानत मिल गई। धनंजय के बाहर आते ही पूरा खेल बदल गया। सियासत के बाहुबली ने यह भी साफ किया जिसे वह चाहेंगे वही सांसद बनेगा तो यह देखना दिलचस्प होगा कि धनंजय अब भाजपा को जितायेंगे हैं या फिर सपा के साथ जाते हैं।



जिसे चाहेंगे वह जीत कर जाएगा

धनंजय सिंह ने इस पूरे मामले में कहा कि इससे पहले भी मेरे साथ दो बार ऐसा हो चुका है। हालांकि मेरी पत्नी के साथ पहली बार है। बहुजन समाज पार्टी अब उल्टे सीधे बयान दे रही। लेकिन, अब ये पार्टी मुझे कायदे से जानती है। 2007 से 2012 में ये सरकार रही, उस समय भी हमारे वैचारिक मतभेद रहे। 2012 चुनाव से पहले मुकदमें लादकर जेल में बंद किया गया। ये कहा गया कि धनंजय सिंह ने माफी मांग ली। हमने कहा कि न कोई गलती की न कोई माफी। वहीं, मीडिया से बातचीत करते हुए धनंजय सिंह ने ये साफ कहा कि हम लोग जिसको यहां से चाहेंगे वही सांसद बनकर जाएगा। आगे कहा कि धनंजय सिंह की वजह से बसपा चर्चा में थी बसपा की वजह से मैं नहीं.' अब ऐसे में सवाल ये है कि जब धनंजय सिंह के बहुजन समाज पार्टी और मायावती के इतने वैचारिक मतभेद रहे तो पत्नी ने चुनाव के लिए नामांकन दाखिल ही क्यों किया?



क्या योगी सरकार का दबाव?

वहीं, धनंजय की पत्नी श्रीकला के चुनाव से बाहर होने पर कई अलग अलग तरह की बातें चल रही हैं। कुछ सियासी जानकारों की मानें तो उत्तर प्रदेश में जिस तरह से माफियाओं पर योगी सरकार का एक्शन है, कभी भी किसी का अपराध खुलने पर कानूनी एक्शन हो सकता है। धनंजय पर एक समय में 43 मुकदमे दर्ज थे। हालांकि, अब इनकी संख्या घटकर 10 ही बची है। वहीं, जौनपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने धनंजय सिंह और उसके साथी संतोष विक्रम सिंह को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण और रंगदारी वसूली के मामले में 7 साल की सजा और 50,000 का जुर्माना लगाया है। ये चुनाव से पहले और पहली बार सजा हुई। ऐसी स्थितियों में धनंजय का भाजपा सरकार के खिलाफ जाना कोई मुसीबत मोल लेने जैसा न हो जाए।



छठे चरण में है जौनपुर में चुनाव

जौनपुर में छठें चरण में यानि 25 मई को चुनाव होंगे। इस लोकसभा सीट पर भाजपा ने कृपा शंकर सिंह तो वहीं सपा ने पूर्वमंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को चुनावी मैदान में उतारा है। कृपा शंकर सिंह काफी समय तक महाराष्ट्र की राजनीति में रहे। एमएलसी, एमएलए, राज्य सरकार मंत्री और काग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद 2019 में कांग्रेस का दामन छोड़कर 2021 में भाजपा में शामिल हो गए। बसपा ने श्रीकला का टिकट काटकर पूर्व सांसद श्याम सिंह यादव को दिया है।



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Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh from Kanpur. I Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During my career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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