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Mukhtar Ansari Case: माफिया मुख्तार को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, गैंगस्टर मामले में जमानत मंजूर
Mukhtar Ansari:
Mukhtar Ansari Case: सालों से सलाखों के पीछे कैद कुख्यात माफिया और बाहुबली राजनेता मुख्तार अंसारी को लंबे समय बाद किसी मामले में बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए मुख्तार की जमानत को मंजूर कर लिया है। साथ ही कोर्ट ने गाजीपुर एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा लगाए गए जुर्माने पर भी रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने माफिया मुख्तार के मामले में यह फैसला सुनाया है।
गाजीपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने इसी साल 29 अप्रैल को गैंगस्टर मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। साथ ही कोर्ट ने 5 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया था। इसी मामले में गाजीपुर से बसपा के पूर्व सांसद और मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को भी चार साल की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता भी चली गई थी। हालांकि, मुख्तार से पहले इस मामले में अफजाल को जमानत मिल चुकी है और वे जेल से बाहर भी आ चुके हैं।
मुख्तार ने हाईकोर्ट में फैसले को दी थी चुनौती
माफिया मुख्तार अंसारी ने निचली अदालत के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। उच्च न्यायालय में मुख्तार के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने दलील दी थी कि उनका मुवक्किल 12 साल 4 महीने से जेल में बंद है। कोर्ट ने जितनी सजा उन्हें सुनाई है, उससे अधिक सजा वे ट्रायल के दौरान भुगत चुके हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने बांदा जेल अधीक्षक से भी रिपोर्ट मांगी थी, जहां मुख्तार फिलहाल बंद है। वहीं, सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने मुख्तार अंसारी के जमानत अर्जी का कड़ा विरोध किया ।
उच्च न्यायालय ने 20 सितंबर को सुनवाई पूरी करते हुए आज के दिन के लिए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए मुख्यात की जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया। साथ ही जुर्माने पर भी रोक लगा दी है। हालांकि, निचली अदालत द्वारा दी गई सजा पर रोक नहीं लगाई गई है। सजा पर सुनवाई जारी रहेगी।
चर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़ा है मामला
माफिया मुख्तार अंसारी को जिस गैंगस्टर मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली है। वह चर्चित बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़ा मामला है। 2005 में तत्कालीन बीजेपी विधायक की मुहम्मदाबाद में गोलियों से भून दिया गया था। इस हमले में राय के अलावा सात अन्य लोगों की भी जान गई थी। इस घटना के दो साल बाद यानी 2007 में मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार और अफजाल के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
बता दें कि हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद मुख्तार अंसारी फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे क्योंकि कई मामलों में उन्हें अभी भी जमानत मिलना बाकी है।