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ओपिनियन पोल पर बिफरीं मायावती, कहा-विरोधी दलों के इशारे पर होते हैं ऐसे सर्वे

मायावती ने प्रमुख विपक्षी दलों भाजपा, कांग्रेस और सपा पर लोगों को बरगलाने का आरोप लगाया। मायावती ने कहा कि अधिकांश मीडिया घराने और ओपिनियन पोल दिखाने वाले संस्थान धन्नासेठों के हैं। ये मीडिया घराने और संस्थान भाजपा, कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों के लिए हवा बनाने का काम करते हैं।

zafar
Published on: 13 Oct 2016 8:35 AM GMT
ओपिनियन पोल पर बिफरीं मायावती, कहा-विरोधी दलों के इशारे पर होते हैं ऐसे सर्वे
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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने हाल में आए एक ओपिनियन पोल को विरोधी दलों की साजिश बताया। ओपिवियन पोल पर करारा प्रहार करते हुए मायावती ने कहा कि ये सर्वे कुछ मीडिया घरानों और ओपिनियन पोल दिखाने वाले संस्थानों की मिलीभगत होते हैं। बसपा प्रमुख ने कहा कि ये सर्वे भाजपा, कांग्रेस, सपा और अन्य विरोधी दलों के लिए हवा बनाने का काम करते हैं।

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निशाने पर ओपिनियन पोल

-मायावती ने एक प्राइवेट चैनल के हालिया ओपिनियन पोल पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि सर्वे एजेंसियां पूंजीपतियों के हिसाब से काम करती हैं।

-उन्इहोंने कहा कि ये लोग सर्वे का इस्तेमाल बसपा का मनोबल गिराने के लिए करेंगे। प्रदेश की जनता को वोट पड़ने तक इनसे सावधान रहना है।

-चुनावी तैयारियों को लेकर पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में मायावती ने आरोप लगाया कि अधिकांश अखबार और टीवी चैनल पूंजीपति और धन्नासेठ चलाते हैं, जो सर्वे का इस्तेमाल कांग्रेस, बीजेपी समेत सभी विरोधी पार्टियों के पक्ष में हवा बनाने के लिये करते हैं। बाद में उन्हीं दलों के हिसाब से काम करते हैं।

-बताते चलें, कि हाल में हुए एक ओपिनियन पोल में बसपा को प्रदेश में 115 से 124 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।

-सर्वे के अनुसार प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरेगी।

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बरगला रहे हैं विरोधी दल

-मायावती ने कहा कि सपा, भाजपा और कांग्रेस साम, दाम, दंड भेद अपनाकर धन्नासेठों के धन बल पर लोगों को बरगलाने में माहिर हैं।

-मायावती ने प्रमुख विपक्षी दलों भाजपा, कांग्रेस और सपा पर लोगों को बरगलाने का आरोप लगाया।

-मायावती ने कहा कि बसपा का मुकाबला भाजपा और सपा जैसे दलों से है, जो साम, दाम, दण्ड, भेद और दूसरे हथकण्डों के धुरंधर हैं।

-उन्होंने कहा कि ये दल पूंजीपतियों और धन्नासेठों के धनबल और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के बल पर सत्ता में आते रहे हैं।

-मायावती ने कहा कि बसपा अपनी ’’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’’ की नीतियों पर आधारित सरकार ही चलाती है ।

-भाईचारा संगठन की कमेटी की रिपोर्ट की समीक्षा करते हुए मायावती ने कहा कि चुनाव तक पार्टी के लोगों को जोश के साथ पूरी समझदारी से काम करना होगा।

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सपाई समाजवाद पर सवाल

-बसपा प्रमुख ने अखिलेश सरकार पर गन्ना किसानों के हितों की घोर अनदेखी का आरोप लगाया।

-उन्होंने पूछा, कि चीनी मिल मालिकों का लगभग 900 करोड़ रूपये का ब्याज माफ कर किसान विरोधी सपा सरकार खुद को ’समाजवादी’ होने का दावा कैसे कर सकती है।

-मायावती ने कहा कि सरकार के ग़लत और जनविरोधी फैसले वास्तव में ’लोहियावाद’ और ’समाजवाद’ का मज़ाक उड़ाने वाले फैसले हैं।

-बसपा प्रमुख ने कहा कि सपा सरकार अपने से पूर्व की बसपा सरकार के बनवाए गए स्मारकों व पार्कों को फिजूलख़र्ची बताकर दलितों के महापुरूषों का अपमान कर रही है।

-उन्होंने कहा कि डा. अम्बेडकर ग्रीन गार्डेन का नाम बदलकर जनेश्वर मिश्र पार्क, लोहिया पार्क, समाजवादी संग्रहालय, इटावा में मौज-मस्ती के लिये ’लायन सफारी’ व सैफई महोत्सव पर सरकारी व्यय को सही व उचित ठहरा कर सरकार अपना दोहरा चाल, चरित्र, चेहरा उजागर कर रही है।

-उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने नये जिलों, नये शिक्षण संस्थानों, मेडिकल कालेजों व विश्वविद्यालयों का भी नाम बदला है।

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-मायावती ने कहा कि ’समाजवादी पेंशन’ योजना पहले ‘‘महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना‘‘ के रूप में 2010 में शुरू की गई थी।

-इसके तहत 31 लाख परिवारों को आर्थिक मदद दी गई थी। इसका नाम बदलकर अब समाजवादी पेंशन योजना कर दिया गया है।

-उन्होंने सवाल किया कि बसपा सरकार की योजनाओं को बन्द करना या नाम बदलना क्या नया समाजवाद है?

-मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर हुई दुर्घटना के लिए प्रशासनिक मशीनरी को जिम्मेदार ठहराया।

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