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Bahujan samaj party: बसपा का सदस्य बनने के लिए देने होंगे पैसे, हर विधानसभा में 75,000 लोगों को जोड़ने का लक्ष्य
Bahujan samaj party: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अपनी पार्टी और संगठन के विस्तार को लेकर नए-नए फैसले ले रही हैं. संगठन को नए सिरे से खड़ा करने के लिए उन्होंने 1 जून से सदस्यता अभियान की शुरुआत की है जो 31 जुलाई तक चलेगा.
Bahujan samaj party: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अपनी पार्टी और संगठन के विस्तार को लेकर नए-नए फैसले ले रही हैं. जहां संगठन को नए सिरे से खड़ा करने के लिए उन्होंने 1 जून से सदस्यता अभियान की शुरुआत की है जो 31 जुलाई तक चलेगा. इसके लिए उन्होंने हर विधानसभा वार 75000 नए सक्रिय सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. इस अभियान में सबसे खास यह है कि पहली बार पार्टी से जुड़ने के लिए कार्यकर्त्ताओं से भी पैसे लिए जा रहे है. इसके लिए 200 रूपये सदस्यता शुल्क निर्धारित किया गया है. पार्टी से जुड़ रहे सदस्यों को इसकी रसीद भी दी जा रही है. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि जो पैसे देकर सदस्य बनेगा वह पार्टी के लिए निष्ठा से कार्य करेगा और पार्टी की नीतियों का प्रचार-प्रसार भी करेगा।
बीएसपी सुप्रीमो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी को उत्तर प्रदेश में पूरी मजबूती के साथ खड़ा करने की रणनीति बनाई हैं. इसीलिए उन्होंने सदस्यता अभियान में यह कहा है कि सभी जाति धर्म के लोगों को पार्टी से जोड़ा जाए। मायावती में सदस्यता अभियान को प्रभावी बनाने के लिए विधानसभा क्षेत्रों को सेक्टर में बांटा है, एक सेक्टर में 10 बूथ शामिल है, 5 सेक्टर को मिलाकर एक जोन और जोनवार ही सदस्यता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं.
इसमें अनिवार्य रुप से जिला स्तर एवं विधानसभा स्तर का एक-एक पदाधिकारी मौजूद होता है. सेक्टर और बूथ के सभी पदाधिकारी भी मौजूद रहते हैं. नेता और कार्यकर्त्ता नए लोगों को इस शिविर में लाकर उन्हें बसपा की नीतियों से अवगत कराकर उन्हें सदस्यता दिला रहे हैं। नेताओं का मानना है 31 जुलाई तक पूरे प्रदेश में विधानसभा वार नए सदस्यों का जो लक्ष्य 75000 का रखा गया है उसे हासिल कर लेंगे।
बसपा ने सदस्यता अभियान को तेज करने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए शिविर और बैठकों के अभी सहारा ले रही है. इसके साथ ही वरिष्ठ पदाधिकारी पूर्व पदाधिकारी और उस क्षेत्र के सक्रिय नेताओं को भी सदस्यता की पर्ची दी गई है जो अपने अपने क्षेत्र में जाकर घर-घर लोगों से मुलाकात करेंगे और उन्हें बसपा की सदस्यता दिलाएंगे। पार्टी का मानना है ऐसा करने से उन्हें अनुभवी नेता और युवाओं का साथ मिलेगा।
मायावती ने 2 महीने के सदस्यता अभियान में नया लक्ष्य हासिल करने को कहा है. अगर एक विधानसभा में 75000 सक्रिय सदस्य हो जायेंगे तो इससे बसपा मजबूत होगी और 2024 में इसका उन्हें फायदा भी हो सकता है. इसी रणनीति के तहत बसपा गांव-गांव, शहर-शहर इस अभियान को तेजी से चला रही है।
गौरतलब है कि मायावती ने 2019 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. दोनों के गठबंधन को सिर्फ 15 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. जिनमें बसपा के 10 और सपा के खाते में 5 लोकसभा की सीट गई थी. उसके बाद मायावती और अखिलेश यादव की राहें फिर से जुदा हो गईं. मायावती यूपी विधानसभा 2022 का चुनाव अकेले दम पर लड़ी इसमें उनका सिर्फ एक विधायक जीता. अब 2024 के लिए वह नई रणनीति के साथ तैयारियों में लगीं हैं.