TRENDING TAGS :
Street Dogs: लोगों की सुरक्षा और जानवरों के अधिकारों के बीच संतुलन जरूरी, आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
Street Dogs: देश में हाल - फिलहाल में आवारा कुत्तों के हमले की घटनाएं काफी बढ़ी हैं। कई बार इनका हमला जानलेवा भी साबित हुआ है और लोगों की दर्दनाक मौतें हुई हैं।
Street Dogs N (image social media)
Street Dogs: देश में हाल - फिलहाल में आवारा कुत्तों के हमले की घटनाएं काफी बढ़ी हैं। कई बार इनका हमला जानलेवा भी साबित हुआ है और लोगों की दर्दनाक मौतें हुई हैं। इनकी आबादी में भारी वृद्धि परेशानी का सबब बन चुकी है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। शुक्रवार को आवारा कुत्तों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि लोगों की सुरक्षा और जानवरों के अधिकारों के बीत संतुलन जरूरी है। जस्टिस संजीव खन्ना और जेके माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि इसका कोई समाधान निकलाना होगा। समाधान तार्किक होना चाहिए। इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 28 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी। पीठ ने तब तक इस मामले में सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
कुत्तों को खाना खिलाने वाले टीकाकरण की भी जिम्मेदारी लें
लावारिस कुत्तों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक औऱ महत्वपूण टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि जो लोग आवारा कुत्तों को खाना देते हैं, इनका टीकाकरण की जिम्मेदारी भी उन्हीं लोगों की है। ये कुत्ते यदि किसी को काटते हैं तो उस व्यक्ति का इलाज कराना और उन्हें मुआवजा भी इन्हीं लोगों को देना चाहिए। इस दौरान जस्टिस खन्ना ने कहा, हम में से अधिकतर लोग कुत्ते पसंद करते हैं। मैं भी कुत्तों को खाना खिलाता हूं। मेरे दिमाग में एक बात आई। लोगों को कुत्तों का ख्याल रखना चाहिए, लेकिन उन्हें चिन्हित किया जाना चाहिए। मैं इसके पक्ष में बिल्कुल नहीं हूं कि उन्हें चिप के माध्यम से ट्रैक किया जाना चाहिए।
आवारा कुत्तों को खत्म करने के आदेश के खिलाफ याचिका
केरल और मुंबई जैसे शहरों में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। डॉग बाइट के मामले में भारी बढ़ोतरी हुई है। इसे देखते हुए देश के विभिन्न नगर निकायों खासकर केरल और मुंबई के नगर निकायों ने आवारों कुत्तों को खत्म करने का आदेश जारी कर दिया है। केरल हाईकोर्ट भी इस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर चुका है। ऐसे में कुछ गैर सरकारी संगठन और जानवर प्रेमी लोग हाईकोर्ट और नगर निकायों के आदेश के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।