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जेल में कैदी की पिटाई का मामला: अब जेलकर्मियों को मिलेगी ये सजा
जिला जेल में पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक कैदी की सरेआम पिटाई के मामले में जेल कर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
बलिय: जिला जेल में पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक कैदी की सरेआम पिटाई के मामले में जेल कर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। वायरल करने के मामले में सामने आये दो कैदियों को अन्य जेल में स्थानांतरित करने की संभावना जताई जा रही है।
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जिला जेल एक तरफ कैदियों के कोविड-19 के संक्रमण से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ जेल में अंदर जांच को लेकर गहमागहमी काफी तेज दिखाई दे रही है। जिला जेल से जुड़ा एक वीडियो पिछले दिनों वायरल हुआ। इस वायरल वीडियो में तीन कैदी एक कैदी की सरेआम जमकर पिटाई कर रहे हैं। कैदी की हाथ, पैर व चप्पल से पिटाई की जा रही है। इस वीडियो में बहुतेरे कैदी इस घटना को अपनी आंखों से देख रहे हैं।
घटना एक महीने पहले 12 जून की है
जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने इस मामले की प्रारंभिक जांच के उपरांत विभागीय अधिकारियों को प्रेषित रिपोर्ट में जानकारी दी थी कि यह घटना एक महीने पहले 12 जून की है। रिपोर्ट के अनुसार रोहित वर्मा नामक एक कैदी दो अन्य कैदियों के साथ मिलकर यह हमला किये हैं। यह भी जानकारी दी गई है कि रोहित वर्मा ने यह वीडियो बनाकर इसे वायरल किया है।
कारागार महानिदेशक आनन्द कुमार ने इस मामले के सामने आने के बाद गोरखपुर जेल के वरिष्ठ अधीक्षक और प्रभारी रेंज डीआईजी को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। गोरखपुर जेल के वरिष्ठ अधीक्षक और प्रभारी रेंज डीआईजी डॉ. राम धनी कल बलिया पहुंच गए। उन्होंने कल से ही जांच शुरू कर दी है। आज शाम तक जांच जारी थी। उन्होंने न्यूजट्रैक से बातचीत में कहा कि उनके द्वारा मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
कैदियों के साथ ही जेल कर्मियों का बयान लिया
उन्होंने कैदियों के साथ ही जेल कर्मियों का बयान लिया है। वह जांच पूरी कर शीघ्र अपनी रिपोर्ट कारागार महानिदेशक को प्रेषित कर देंगे। उधर जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने भी प्रारंभिक जांच की है। उन्होंने न्यूजट्रैक को बताया कि उन्होंने प्रारंभिक जांच की है। वीडियो बनाने व इसे वायरल करने में एक शातिर अपराधी सहित दो कैदियों की भूमिका मुख्य रूप से सामने आई है। दो कैदियों ने इस कार्य में सहयोग किया है।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ जेल कर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। उन्होंने बताया कि इस मामले में संदिग्ध मिले जेल कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई के साथ ही दोषी कैदियों को अन्य जेल में स्थानांतरित किया जायेगा। यह पूछे जाने पर कि बलिया जेल हमेशा अशांत क्यों रह रहा है, उन्होंने कहा कि शासन के निर्देश व कानून का पालन करने के लिए सख्ती करना कुछ कैदियों को रास नही आ रहा। वह सुनियोजित रणनीति के तहत जेल की छवि खराब करने का कार्य कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जिला जेल बावेला को लेकर प्रायः चर्चा में रह रहा है। अवैध वसूली की शिकायत को लेकर गत 13 जून को पूर्वान्ह कैदियों के दो गुटों में संघर्ष हो गया। विवाद तीन कैदियों को तन्हाई में भेजने को लेकर शुरू हुआ। इसको लेकर कैदी दो गुटों में विभक्त होक आमने सामने आ गए। एक गुट ने तन्हाई में भेजे जाने के निर्णय की जमकर मुखालफत किया तथा कहा कि यदि कोई कैदी जेल प्रशासन की अवैध मांग की पूर्ति नही कर पाता है तो उसे तन्हाई में भेजना उचित नही है।
जेल प्रशासन के समर्थन में आ गया कैदियों का दूसरा गुट
दूसरी तरफ कैदियों का दूसरा गुट जेल प्रशासन के समर्थन में आगे आ गया। इस गुट ने तन्हाई में भेजने के निर्णय को सही ठहराया। इसी को लेकर दोनों गुटों में वाद विवाद से मामला शुरू हुआ तथा मारपीट में तब्दील हो गया । इस दौरान पथराव भी हुआ। कैदियों का आरोप रहा है कि जब से नये जेल अधीक्षक आये हैं , ज्यादती काफी बढ़ गई है । पिछले 20 अप्रैल को भी जिला जेल में जमकर उपद्रव की खबर सामने आई थी । कैदियों ने तोड़फोड़ करते हुए जमकर तांडव किया था ।
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घटना में जेलर व चिकित्सक घायल भी हुए थे
इस घटना में जेलर व चिकित्सक घायल भी हुए थे । प्रशासन ने जेल से दो किलोग्राम गांजा के साथ ही मोबाइल भी बरामद किया था । इसके पूर्व भी कैदी जेल में भूख हड़ताल व हिंसक झड़प आदि कर चुके हैं । इन घटनाओं के लिए जिला प्रशासन के साथ ही जेल विभाग के उच्च अधिकारियों की लीपापोती प्रवृत्ति को जिम्मेदार माना जा रहा है । जेल में लगातार घटना होने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा घटना की वास्तविक वस्तु स्थिति से शासन को अवगत नही कराया जाता । रिपोर्ट में लीपापोती कर दी जाती है । प्रशासन ने जेल में निरीक्षण के समय खाना बनाने की सामग्री के साथ ही स्टोव पकड़ा, लेकिन इसको लेकर शासन को कोई रिपोर्ट प्रेषित नही किया गया।
मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने कहा कि जेल में अराजकता की स्थिति बर्दाश्त नही की जायेगी । वह इस मामले में वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत करेंगे । जिला प्रशासन की तरफ से इस मामले में जांच की जायेगी । पुलिसिया तंत्र के जरिये अवैधानिक क्रियाकलापों पर अंकुश लगाया जायेगा ।
रिपोर्ट: अनूप कुमार हेमकर
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