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कोरोना का कहर: बलिया में कुछ दिनों में दर्जन भर शिक्षकों ने गंवाई जान

कोरोना से शिक्षकों की मौत की लगातार हो रही घटनाओं ने शिक्षा जगत को स्तब्ध करके रख दिया है।

Anoop Hemkar
Reporter Anoop HemkarPublished By APOORWA CHANDEL
Published on: 27 April 2021 7:32 PM IST (Updated on: 21 May 2021 7:36 AM IST)
कोरोना से 2 हजार 800 लोगों की गई जान
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सांकेतिक तस्वीर, ( साभार-सोशल मीडिया)

बलिया: वैश्विक महामारी कोरोना के कहर ने जिले में आम जनजीवन को झकझोर करके रख दिया है । उपचार के अभाव के कारण नित्य जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में मौत की घटनाएं हो रही हैं । सरकारी कार्यों में संलग्न लोग खास तौर पर शिक्षकों की मौत की लगातार हो रही घटनाओं ने शिक्षा जगत को स्तब्ध करके रख दिया है । पुलिस कर्मी से लेकर राजस्व कर्मी भी तेजी से इसके शिकार हो रहे हैं ।

जिले के शमसुद्दीनपुर ग्राम के प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक रिज़वान अहमद शरीर से बेहद मजबूत रहे , लेकिन कोरोना के कहर ने रिजवान अहमद को लील लिया । बिल्थरारोड नगर पंचायत के वार्ड नम्बर 7 के निवासी तकरीबन 40 वर्षीय रिजवान की मौत जिले में कोरोना के कहर की बानगी मात्र है । जिले में कोरोना ने बीते 24 घंटे में तीन शिक्षकों को लील लिया है । शिक्षा क्षेत्र दुबहर के कन्या जूनियर हाईस्कूल शिवरामपुर की प्रधानाध्यापिका प्रियंवदा ओझा पत्नी स्व. सीताराम ओझा की तबीयत खराब होने पर परिजन उन्हें वाराणसी ले जा रहे थे, लेेकिन रास्ते में ही उनकी सांसें थम गयी। शिक्षा क्षेत्र रसड़ा के प्राथमिक विद्यालय कटहुरा नंबर एक पर तैनात शिक्षक अब्दुल मन्नान तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालय आमघाट पर तैनात सहायक अध्यापक राकेश की भी मौत हो गई है । सहायक अध्यापक राकेश की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव थी।

शिक्षकों की मौत का सिलसिला

जिले में शिक्षकों की मौत का सिलसिला गत 17 अप्रैल से शुरू हुआ है। हनुमानगंज के थमहनपुरा प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक अनुज श्रीवास्तव को कोरोना हुआ था। उनका इलाज आज़मगढ़ में हो रहा था , लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। इसी दिन उच्च प्राथमिक विद्यालय रसूलपुर के सहायक अध्यापक रियाज़ अहमद की मौत भी इलाज के दौरान हो गई। इसके अगले दिन उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ललिता देवी का भी इलाज के दौरान निधन हो गया । गत 20 अप्रैल को प्राथमिक विद्यालय कैलिपाली के स्कूल में कार्यरत दिनेश कुमार की मौत हो गई । दिनेश एकदम युवा थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कतें आ रही थीं। इसके बाद गढताल के उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक अरविंद जायसवाल की मौत हो गई । अरविंद कोविड पाज़ीटिव थे। वह दो दिनों तक होम आइसोलेशन में रहे ।





इसके बाद गत 22 अप्रैल को एक अध्यापक कोटवा निवासी रामदेव सिंह उर्फ डिग्री सिंह की मौत हो गई। वह कोरोना संक्रमित थे , जिन्हें जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। गत 24 अप्रैल का दिन एक बार फिर जिले के शिक्षकों के लिए मनहूस साबित हुआ । इस दिन तीन शिक्षकों की मौत हुई। 25 अप्रैल की तिथि एक बार फिर बलिया जिले के शिक्षा विभाग के लिए मनहूस साबित हुआ । इस दिन बलिया जिले में फिर तीन शिक्षकों की मौत हुई। शमसुद्दीन पुर के प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक रिज़वान अहमद की मौत उपचार के दौरान आज़मगढ़ के अस्पताल में हो गयी । इसके साथ ही बैरिया उच्च प्राथमिक विद्यालय के करमानपुर सहायक अध्यापक अमित मिश्रा का भी निधन हो गया।

बिल्थरारोड तहसील में रजिस्ट्रार कानूनगो सत्य प्रकाश सिंह यादव की मौत गत 25 अप्रैल को हो गई । इसी दिन तिलौली ग्राम में अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य डॉ राम नक्षत्र त्रिपाठी व बिल्थरारोड कस्बे में अवकाश प्राप्त प्रवक्ता मदन लाल भी कोरोना की भेंट चढ़ गए । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में शांति व्यवस्था को लेकर जौनपुर जिले के खेतासराय थाना से आये मुख्य आरक्षी कमला सिंह यादव की डयूटी कल जिले के बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के हुसैनाबाद में लगी थी । सांस फूलने के बाद तबियत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल लाया गया । चिकित्सक ने ऑक्सीजन लेवल कम होने की जानकारी देते हुए स्थिति गम्भीर बताया तथा हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया । इसके बाद पुलिस कर्मी को पड़ोसी बिहार राज्य के बक्सर अस्पताल ले जाया गया , वहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई । स्वास्थ्य विभाग की राज्य मुख्यालय की बुलेटिन बलिया जिले में कोरोना से मौत की संख्या 146 दर्शा रहा है , लेकिन आम लोग इस आंकड़े पर यकीन करने को हरगिज तैयार नहीं हैं । आम लोगों का कहना है कि नित्य मौत की जिस तरह से घटना सामने आ रही है , उसे देखते हुए मौत का आंकड़ा सरकारी आंकड़ों से कई गुना ज्यादा है ।



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Apoorva chandel

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