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Ballia News: मृतकों की कुल संख्या 57 पहुंची, हीट वेव से मृत्यु के कोई सबूत नहीं- बोले जिलाधिकारी
Ballia News: प्रदेश शासन द्वारा गठित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की दो सदस्यीय टीम ने बलिया पहुँच कर जांच शुरू कर दी है। टीम की अगुवाई कर रहे निदेशक, संचारी रोग डॉ.ए.के.सिंह ने बलिया में मौत की भयावहता को स्वीकार करते हुए कहा कि रोगियों का उपचार करने के लिए चिकित्सकों को समय तक नही मिल सका।
Ballia News: भीषण गर्मी व लू के मध्य बलिया में भारी संख्या में लोगों की मौत के मामले में जिलाधिकारी ने कहा कि हीट वेव से मृत्यु के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले है। उधर प्रदेश शासन द्वारा गठित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की दो सदस्यीय टीम ने बलिया पहुँच कर जांच शुरू कर दिया है। टीम की अगुवाई कर रहे निदेशक, संचारी रोग डॉ.ए.के.सिंह ने बलिया में मौत की भयावहता को स्वीकार करते हुए कहा कि रोगियों का उपचार करने के लिए चिकित्सकों को समय तक नही मिल सका। उन्होंने स्पष्ट किया है कि मौत की वजह अभी बता नही सकते। इस बीच जिला अस्पताल में रविवार को तीन अन्य रोगियों की मौत के साथ ही मृतकों की कुल संख्या 57 हो गई है।
प्रदेश शासन द्वारा गठित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की दो सदस्यीय टीम रविवार को बलिया पहुंच गई। टीम में निदेशक, संचारी रोग डॉ. ए.के.सिंह के साथ ही निदेशक चिकित्सा उपचार डॉ.के.एन. तिवारी शामिल हैं। निदेशक ने रविवार को जांच के बाद पत्रकारों को बताया कि बलिया में चिकित्सकों को रोगियों का इलाज करने के लिए समय तक नही मिल सका। दो से छह घंटे में मौत हो गई। ब्लड टेस्ट तक नहीं कराया जा सका। बैक्टीरिया, वायरस अथवा जल जनित बीमारी है। मौत की वजह अभी बता नही सकते। उन्होंने बताया कि बलिया की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए जलवायु विभाग से भी जांच करने का अनुरोध किया गया है। पानी की विशेष रूप से जांच होना आवश्यक है।
डॉ.सिंह ने कहा कि वह रोगी के सीरियस होने की स्थिति को पहले देखेंगे। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान अधिकांश रोगी के सीने में दर्द , बुखार व सास फूलने की बीमारी के लक्षण मिले। टीम इस लक्षण के साथ जांच करेगी। जांच का माध्यम ब्लड, यूरिन टेस्ट, सीरम व स्टूल होगा। उन्होने आगे कहा कि रोगी सबसे अधिक बांसडीह व गड़वार ब्लाक के ज्यादातर आए हैं। मृतकों में बांसडीह में सोलह व गड़वार में बारह हैं। अन्य ब्लाक से एक से दो रोगी हैं। टीम वहां जाकर भी स्थलीय जांच करेगी। जल का सैंपल लिया जाएगा। उन्होंने एक सवाल के ज़बाब में बताया कि भर्ती रोगियों में 60 फीसदी किडनी, हार्ट, रक्त चाप बीमारी से पीड़ित हैं। यंग पेसेंट सास फूलने व चेस्ट पेन से पीड़ित हैं। डॉ.सिंह ने स्पष्ट किया है कि बलिया में हीट वेव की वजह से मौत होती तो आजमगढ़, मऊ व दूसरे समीपवर्ती जिले भी प्रभावित होते क्योंकि समीपवर्ती जिलों का तापमान भी लगभग बराबर है। बलिया में तापमान 41 से 42 डिग्री है। इससे अधिक तापमान प्रदेश के अन्य जिले का है। उन्होंने बताया कि हीट वेब में बुखार व चेतना डिस्टर्ब होता है।
जिला अस्पताल में हो रही मौत को लेकर जिला प्रशासन भी गंभीर है। जिलाधिकारी बलिया रविन्द्र कुमार ने कहा है कि इस पूरे मामले पर लगातार नजर रखी जा रही है। शासन स्तर से आए दो निदेशक स्तर के अधिकारी तथ्यों की पूरी जांच का विवरण उपलब्ध कराएंगे। फिलहाल हीट वेव से मृत्यु के सम्बन्ध में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। जनपद के सभी अस्पतालों में चाहे जिला अस्पताल हो या सी एच सी, पी एच सी हो, सभी प्रकार की दवाये जैसे ओ आर एस एवं अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई गई है ताकि आम जनमानस को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जयंत कुमार ने बताया कि रविवार को जिला अस्पताल में भर्ती तीन रोगियों की मौत भी विभिन्न कारणों से हो गई है। इसके साथ ही बलिया में कुल मृतकों का आधिकारिक आंकड़ा 57 हो गया है।