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Balrampur News: एमएलके पीजी कालेज में शिक्षण पाठ्यक्रम पाठशाला शुरू
Balrampur News: जिले में एमएलके पीजी कॉलेज में शिक्षाशास्त्र विभाग की ओर से गुरुवार को छात्र-छात्राओं की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी विषयक पर 60 दिवसीय शिक्षण कौशल प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
Balrampur News: जिले में एमएलके पीजी कॉलेज में शिक्षाशास्त्र विभाग की ओर से गुरुवार को छात्र-छात्राओं की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी विषयक पर 60 दिवसीय शिक्षण कौशल प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस दौरान छात्र-छात्राओं को इसकी उपयोगिता व महत्ता पर विधिवत प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. जेपी पाण्डेय ने की। प्रोफेसर जेपी पांडेय ने उपस्थित शिक्षकों और छात्रों से कहा कि शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा संचालित शिक्षण कौशल सार्टिफिकेट कोर्स बहुत ही महत्वपूर्ण और उपयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा में अच्छा शिक्षण कौशल होना आवश्यक है और यह हमारे समाज के विकास के लिए अति आवश्यक है।
शिक्षकों की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता
उन्होंने कहा कि आदर्श जगत में सभी छात्र हर वर्ष सीखने के अच्छे लाभ प्राप्त करेंगे जिसके लिए उन्हें शिक्षा के नवीनतम सिद्धांतों के बारे में जानने वाले उन शिक्षकों से मदद मिलेगी जो इन सिद्धांतों को हर छात्र की जरूरतों पर लागू करने के तरीकों से अवगत होंगे। शिक्षक यह काम विद्यालय द्वारा प्रदान किए गए संसाधनों से संपन्न कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि तथापि हम एक आदर्श जगत में नहीं रहते हैं। शिक्षक भी मनुष्य होते हैं जो कभी-कभी अपना कार्य उत्कृष्टता से नहीं दर्शा पाते। यह एक संवेदनशील मुद्दा है जिसे सावधानी से संभालने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस नियोजन से समर्थित विकास गतिविधियों का उपयोग करते हुए उसे सुधारने की कुछ अवधारणाओं का अन्वेषण करेंगे। आपके शिक्षक छात्रों की उपलब्धि के सबसे बड़े निर्धारक हैं और इसीलिए शिक्षक के काम को प्रोत्साहित करने में आपका प्रभाव छात्रों की सीखने की प्रक्रिया और नतीजों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेगा।
डायरी में नोट्स बनाने के फायदे और उनका उपयोग
एक विद्यालय नेता के रूप में आप शिक्षकों को अपने कार्य-प्रदर्शन में सहायता देकर उन्हें अधिक प्रभावी होने में सक्षम कर सकते हैं। उन्होंने कहा इस इकाई में काम करते समय आपसे अपनी डायरी में नोट्स बनाने को कहा जाएगा। यह डायरी एक किताब या फोल्डर है जहाँ आप अपने विचारों और योजनाओं को एकत्र करके रखेंगे। उन्होंने कहा कि इस इकाई में आप चाहे तो अकेले काम कर सकते हैं, लेकिन यदि आप अपने सीखने की चर्चा किसी अन्य विद्यालय नेता के साथ कर सकें तो आप और भी अधिक सीखेंगे। इसे नियोजित ढंग से या अधिक अनौपचारिक आधार पर किया जा सकता है। आपकी सीखने की डायरी में बनाए गए आपके नोट्स इस प्रकार की कार्यशाला के लिए उपयोगी होंगे और साथ ही आपकी दीर्घावधि की शिक्षण-प्रक्रिया और विकास का प्रतिचित्रण भी करेंगे।
शिक्षा कौशल: विचारों का आदान-प्रदान
इस मौके पर विभागाध्यक्ष एवं पाठ्यक्रम संयोजक डॉ दिनेश कुमार मौर्य ने मेहमानों का स्वागत किया और उनका आभार व्यक्त किया। असिस्टेंट प्रोफेसर शिक्षा शास्त्र एवं पाठ्यक्रम समन्वयक लेफ्टिनेंट डॉ देबेन्द कुमार चौहान ने सर्टिफिकेट कोर्स के उद्देश्य को व्यक्त किया और कहा कि शिक्षा कौशल एक महत्वपूर्ण कौशल है जो हमारे ज्ञान एवं अनुभव को आगे बढ़ाने की क्षमता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि अच्छे शिक्षक न केवल ज्ञान का संचार करते हैं, बल्कि वे अपने छात्रों को सोंचने और संवाद करने की क्षमता भी प्रदान करते हैं। कार्यक्रम का संचालन विभागीय शिक्षक सीमा श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर विभागीय शिक्षक श्रीनारायण सिंह और आनंद त्रिपाठी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।