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Balrampur News: बलरामपुर पुलिस की दबंगई देखकर सहम गया राम बुझावत, घटनाक्रम बना प्रशासन के गले की हड्डी
Balrampur News:गैण्डास बुजुर्ग के थाने के बाहर विवादित जमीन पर पुलिस सुरक्षा में पिलर का निर्माण होता देख राम बुझावत भयभीत हो गये। पुलिस की इस दबंगई से उसे अपनी पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जा हो जाने का डर सताने लगा।
Balrampur News: गैण्डास बुजुर्ग के थाने के बाहर विवादित जमीन पर पुलिस सुरक्षा में पिलर का निर्माण होता देख राम बुझावत भयभीत हो गये। पुलिस की इस दबंगई से उसे अपनी पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जा हो जाने का डर सताने लगा। इससे आहत और क्षुब्ध राम बुझावत ने आत्मदाह का रास्ता चुना। इस मामले में बहराइच बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में पहुंचे उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संयोजक व सहअध्यक्ष-बार काउन्सिल उत्तर प्रदेश प्रशांत सिंह अटल ने मीडिया से रू-ब-रू होते हुए बलरामपुर में जमीनी विवाद को लेकर निस्तारण न होने से आहत युवक राम बुझावत द्वारा पहले फेसबुक पर लाइव होकर अपनी पीड़ा बताने और फिर निर्माणाधीन गैंड़ास बुजुर्ग थाने के सामने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगाने के मामले पर कहा कि देवरिया हत्याकांड में जमीनी विवाद सामने आने के बाद सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के अफसरों को पहले ही सख्त निर्देश दे चुके है कि सीएम ने जमीनी विवाद पर किसी तरह की घटना होने पर संबंधित जिले और तहसील के अफसर नपेंगे।
मुख्यमंत्री ने अफसरों को पैमाइश और विरासत से संबंधित मामलों को 48 घंटे में निपटाने का भी निर्देश दे चुके हैं और कहा कि जहां से भी जमीन संबंधी शिकायत आ रही है, जिले या तहसील के बड़े अफसर खुद जाकर निपटारा करें। साथ ही जनसमस्याओं के समाधान पर लापरवाही कतई न करें। उन्होंने कहा कि योगी सरकार के आने के बाद भू माफियाओं, गुंडों और भ्रष्ट अधिकारियों का मनोबल साफ तरीके से टूटा हुआ है। यह सभी जानते हैं। श्री अटल ने कहा कि बलरामपुर में घटी घटना पर कानून अपना कार्य कर रहा है और न्याय के लिए जो भी उनसे बन पड़ेगा करेंगे।
भाजपा प्रदेश संयोजक इस दौरान अधिवक्ताओं से विधि को सामाजिक सेवा के रूप में लेने और अपने दायित्वों को ईमानदारी से भी निर्वाहन के लिए अपील की। साथ में अपनी कामियों को भी दूर करने तथा कही कहाई व सोसल मीडिया पर आंख मूंद कर विश्वास न करने का भी अपील किया। उल्लेखनीय है कि बलरामपुर में निर्माणाधीन गैड़ास बुजुर्ग थाना भवन के बाहर विवादित भूमि पर पुलिस संरक्षण में हुए पिलर का निर्माण देख पीड़ित राम बुझारत सहम गया था और पुलिस की इसी दबंगई से उसे अपनी पुश्तैनी जमीन अवैध कब्जेदारी में चले जाने के डर से आहत व क्षुब्ध होकर आत्मदाह करने का रास्ता चुना।
इस मामले में डीएम के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी प्रदीप कुमार ने मजिस्ट्रेट जांच शुरू करते हुए थानाध्यक्ष के साथ ही कार्यदाई संस्था से जुड़े अधिकारियों और पीडित परिजनों के बयान दर्ज किए हैं। वहीं स्थानीय स्तर पर पुलिस का खेल सभी के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। थाना भवन का निर्माण करा रही कार्यदायी संस्था पुलिस आवास विकास निगम के अफसरों की मानें तो थानाध्यक्ष ने फोन करके पहले भी पिलर लगाने की बात की थी,लेकिन थाना भवन के ले- आउट से बाहर निर्माण का अधिकार न होने के कारण संस्था ने इससे इंकार कर दिया था। इसके बावजूद विवादित जमीन पर पिलर का निर्माण कैसे हो गया, यह सवाल पुलिस व प्रशासन के गले की हड्डी बना है।
कार्यदायी संस्था के एक्सईन राजीव की मानें तो थाना भवन का निर्माण पूरा हो चुका है। थाना भवन के लिए आवंटित जमीन से पिलर का निर्माण होने की जानकारी उन्हें नही है। इससे इस पूरे मामले में थानाध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है। पीड़ित की माता विमला व भाई का कहना है कि उसके प्रार्थना पत्र के बाद भी थानाध्यक्ष ने न तो पिलर का निर्माण कार्य रुकवाया और न ही कोई जांच पड़ताल की।
सवाल है कि अगर निर्माण सही तरह से हो रहा था, तो इसके लिए छुट्टी का दिन ही क्यों चुना गया। अब आत्मदाह से झुलसे राम बुझावत का इलाज कराने में पूरा प्रशासनिक अमला जुटा हुआ है। जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने इसकी निगरानी के लिए एक एसडीएम व एक एसीएमओ को लखनऊ भेजा रखा है। यह दोनों अधिकारी लखनऊ में ही प्रवास कर इलाज कार्य की निगरानी कर रहे हैं जबकि पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने भी दो निरीक्षक की अगुवाई में पुलिस कर्मियों की टीम भर्ती युवक की निगरानी में लगा रखा है। डीएम अरविंद व एसपी केशव कुमार का कहना है कि मामले की मजिस्ट्रेट जांच हो रही है। जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी।