Balrampur News: धूमधाम से मनाई गई नेता सुभाष चन्द्र बोस की जयंती, डीएम ने दिलाई सड़क सुरक्षा की शपथ

Balrampur News: जिलाधिकारी अरबिन्द सिंह ने स्पोर्ट स्टेडियम में सड़क सुरक्षा पर आयोजित मानव श्रृंखला एवं शपथ कार्यक्रम की शुरुआत उनके चित्र पर माल्यार्पण और नमन करके किया।

Radheshyam Mishra
Published on: 23 Jan 2024 5:06 PM GMT
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Balrampur News (Pic:Newstrack)

Balrampur News: आज यानी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल 23 जनवरी को उनकी जयंती मनाई जाती है। इस दिवस को पराक्रम दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। नेताजी ने देश सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। नेता जी का आज यह 127 वी जयंती रही है। इस मौके पर जिलाधिकारी अरबिन्द सिंह ने स्पोर्ट स्टेडियम में सड़क सुरक्षा पर आयोजित मानव श्रृंखला एवं शपथ कार्यक्रम की शुरुआत उनके चित्र पर माल्यार्पण और नमन करके किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा की जैसे सार्वजनिक जीवन में अनुशासन एवं जिम्मेदारी अति आवश्यक है, वैसे ही यातायात एक ऐसा महत्वपूर्ण बिंदु है ,जिसमे अनुशासन एवं जिम्मेदारी अति महत्वपूर्ण है। युवा पीढ़ी यातायात नियमों का पालन करे एवं सुरक्षित ड्राइविंग करें।

इस अवसर पर उन्होंने सड़क सुरक्षा की शपथ भी दिलवाई। सड़क सुरक्षा कार्यक्रम में एमएलके, एमपीपी, सिटी मांटेसरी, सुंदर दास राम लाल कॉलेज सहित विभिन्न विद्यालयों के छात्र/छात्राओं ने स्पोर्ट स्टेडियम से पीपल तिराहा तक मानव श्रृंखला बनाकर यातायात नियमों का पालन किए जाने को जागरूक किया गया। इस अवसर पर एसडीएम सदर राजेंद्र बहादुर, सीओ सिटी, एआरटीओ, डीआईओएस, युवा कल्याण अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी आर पी राना व अन्य संबंधित अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि भारत के महान क्रांतिकारी, विभिन्न आंदोलनों के अगुआकार नेताजी की उपाधि प्राप्त करने वाले सुभाष चंद्र बोस को सम्मान और उनके पराक्रम को सराहने के लिए प्रतिवर्ष 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जयंती के रूप में मनाया जाता है।

नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 में ओडिशा के कटक में बंगाली परिवार में हुआ था। नेताजी ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका को निभाया और युवाओं में आजादी के लिए लड़ने का जज्बा पैदा किया था। नेताजी ने आजादी के लिए जय हिन्द, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा, चलो दिल्ली जैसे नारे दिए। जिन्होंने युवाओं में आजादी के लिए प्रेरणा का काम किया। आजादी के लिए उनके द्वारा किये गए संघर्ष को नमन करने के लिए उनकी जयंती को प्रतिवर्ष मनाया जाता जाता है।

बता दें कि पहले इस दिन को सुभाष चंद्र जयंती के नाम से मनाया जाता था लेकिन वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को नेताजी के योगदान को देखते हुए पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद से प्रतिवर्ष नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाने लगा गया है। मालूम हो कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती देवी था।

नेताजी ने आजाद हिन्द फौज की स्थापना की थी। नेताजी की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को विमान हादसे में मानी जाती है लेकिन इसका कोई पुख्ता सबूत अभी भी मौजूद नहीं है। नेताजी ने सन 1920 में इंग्लैंड में सिविल सर्विस पास की थी जिसमें उन्होंने चौथी रैंक हासिल की थी। देश की आजादी के लिए उन्होंने इस पद का त्याग कर दिया और आंदोलन में कूद पड़े थे।

Durgesh Sharma

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