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Balrampur News: गौशाला की दुर्दशा पर सिर्फ आंसू, हालात सुधारने वाले नदारद
Balrampur News: योगी सरकार गौ-वंशों के भरण पोषण, रहन सहन, स्वास्थ्य के लिए जितना संजीदा है, जिला के जिम्मेदार अधिकारी व गांव के प्रतिनिधि उतना ही लापरवाह बने हैं।
Balrampur News: योगी सरकार गौ-वंशों के भरण पोषण, रहन सहन, स्वास्थ्य के लिए जितना संजीदा है, जिला के जिम्मेदार अधिकारी व गांव के प्रतिनिधि उतना ही लापरवाह बने हैं। जिस कारण भीषण धूप, गर्मी और बरसात में गौ-वंश संक्रामक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
अधिकारियों को नहीं है सीएम के आदेशों की परवाह!
पिछले दिनों राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रावस्ती दौरे पर आये थे। उस दौरान जनपद श्रावस्ती कलेक्ट्रेट सभागार में देवी पाटन मंडल के जनपद बहराइच, गोंडा, बलरामपुर और श्रावस्ती के आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। बैठक में गौ वंशों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त किया था और साफ शब्दों में निर्देश दिया था कि गौ- वंशों के भरण पोषण, रहन-सहन और स्वास्थ्य पर अधिकारी पूरी तन्मयता के साथ देखभाल करें। कोई गौ-वंश दवा व चारा और रहन सहन को लेकर क्षतिग्रस्त न हो और यह सुनने में न आए कि की गौ-वंश की मौत दवा, चारा व रहन-सहन को लेकर हो रही है। जांच में सत्यता पाई गई तो संबंधित अधिकारी व गांव प्रतिनिधि के खिलाफ विधिक कार्रवाई तत्काल अमल में लाई जाएगी। लेकिन गौशाला की हालत गवाही देती है कि अधिकारियों को सीएम के इस आदेश की चिंता नहीं है।
सीएम ने कहा था- गुड़ खिलाएं, यहां चारा तक मुश्किल
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया था कि गौ-वंश को संबंधित स्थानीय जिला प्रशासन ग्राम पंचायत प्रतिनिधि के सहयोग से मौसमी घास, चारा, चोकर, गुड़ खिलाएं और समय-समय पर गौ-वंशों की पशु डॉक्टर से जांच लगातार होनी चाहिए। साथ ही गौ आश्रय पर छायादार पेड़, वृक्ष भी लगने चाहिए। उन्होंने आय के साधन के भी टिप्स दिये थे कि गौ-वंश के गोबर से गांव प्रतिनिधि जिले के प्रशासन से मिलकर जैविक खाद्य की उत्पत्ति करेंगे, जो कम कीमत पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाला खाद्य किसान को देने का काम करेंगे, जिससे गौ आश्रय के लिए धन का स्रोत भी बनेगा। परंतु जिले के अधिकारियों के कान जूं नहीं रेंगी और न ही भ्रष्ट प्रतिनिधि अपने स्वभाव में कोई सुधार किए। जिस कारण मुख्यमंत्री योगी का आदेश ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।
ग्राम पंचायत भीखपुर की अस्थाई गौ आश्रय बदहाली का शिकार
जिले की स्थाई और अस्थाई ज्यादातर गौशालाएं दुर्दशा की शिकार हैं। आएदिन सुनने और देखने में आ रहा है कि किसी न किसी गौ आश्रय पर इतने गौ-वंश मर चुके हैं और इतने बीमार है और कुछ मरने स्थिति में है। इसी क्रम में बलरामपुर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत भीखपुर अस्थाई गौ आश्रय पर भी नजारा देखने को मिला जहां सूखा भूसा, गड्ढे में गंदा पानी और खुले में गौ-वंश रहने को मजबूर हैं।
गौ सेवक से जब बात की गई तो उसने बताया गया कि प्रधान जो साधन देंगे उसी में ही तो काम करेंगे। ग्राम प्रधान श्रीमती प्रतिमा भारती के प्रतिनिधि से बात की गई तो वो सवालों के जवाब नहीं दे सके। यह जरूर कहा कि सरकार ने 25 सौ पौधे दिये हैं, जो हमें मिल चुके हैं। कल गौ आश्रय पर लगवाया जायेगा। जब सरकार हमें नकद पैसा देगी तभी कोई भी काम होगा, अपने घर से हम कोई काम नहीं कर पायेंगे।
ग्रामीण राम किशोर, सहजराम और रामनरेश का कहना है कि प्रधान कोई काम कराना ही नहीं चाहता है और अधिकारियों के साथ मिलकर गांव सभा के धन बंदरबांट कर लेते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में जब जिले के आला अधिकारी हर महीने आते हैं,लेकिन गौशाला में व्याप्त भ्रष्टाचार पर मौन हो जाते हैं। आखिर इनको कौन गुमराह कर रहा है। यहां तक पशुओं के लिए हरा चारा तक नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने बताया कि क्षेत्रीय प्रतिनिधि विधायक पलटूदास से भी बात की गई है, किन्तु वह भी आश्वासन तक ही रहते हैं।