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Balrampur News: विवादित जमीन कब्जा करने के मामले में थानाध्यक्ष व लेखपाल पर गिरी गाज, निलंबन के साथ विभागीय जांच शुरू
Balrampur News: पुलिस अधीक्षक ने कार्यवाही करते हुए गैडास बुजुर्ग थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है। जबकि एसडीएम उतरौला ने लेखपाल को निलंबित करने की कार्रवाई कर दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी है।
Balrampur News: बलरामपुर के गैडास बुजुर्ग निर्माणाधीन थाना के सामने युवक राम बुझावत द्वारा शिकायत के बावजूद कार्यवाही न किए जाने एवम विवादित जमीन पर पिलर लगाए जाने मामले की गाज थानाध्यक्ष और लेखपाल पर गिरी। पुलिस अधीक्षक ने कार्यवाही करते हुए गैडास बुजुर्ग थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है। जबकि एसडीएम उतरौला ने लेखपाल को निलंबित करने की कार्रवाई कर दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी है। साथ ही थानाध्यक्ष से मिलीभगत कर थाना भवन का निर्माण करा रहे ठेकेदार और उसके एक सहयोगी को भी कार्रवाई के घेरे में लिया गया है। डीएम अरविंद सिंह ने जांच रिपोर्ट के बाद हुई कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि पूरे मामले की रिपोर्ट प्रमुख सचिव गृह के साथ ही शासन के अन्य उच्च अधिकारियों को भी भेज दी गई है।
ये था मामला
बता दें कि गैड़ास बुजुर्ग में सड़क किनारे जमीन के लिए संघर्ष कर रहे युवक राम बुझारत ने विगत 24 अक्तूबर को आग लगाकर आत्मदाह करने का प्रयास किया था। बुरी तरह झुलसे राम बुझारत का इलाज लखनऊ के केजीएमयू में चल रहा है। डीएम ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच अपर जिलाधिकारी प्रदीप कुमार को सौंपी थी। जांच में उनके साथ अपर पुलिस अधीक्षक नम्र्रता श्रीवास्तव व अतिरिक्त उप जिलाधिकारी संतोष कुमार ओझा भी शामिल रहे। जांच टीम इस मामले में पीडित के परिजनों के साथ ही थानाध्यक्ष, कार्यदायी संस्था, लेखपाल के साथ ही ठेकेदार व अन्य के बयान दर्ज करने के बाद अपनी तैयार रिपोर्ट बीती शाम शुक्रवार को डीएम को सौंपी।
जांच में सामने आया कि थानाध्यक्ष पवन कुमार कनौजिया के इशारे पर ही ठेकेदार ने विवादित जमीन पर पिलर बना कर जमीन कब्जाने का प्रयास किया। पीड़ित राम बुझारत ने जब इसकी शिकायत की तो निस्तारण के बजाए, उसे पिलर लगाने का कार्य पूरा होने तक जबरन थाने में ही रोके रखा गया। इस दौरान स्थानीय लेखपाल दिनेश पटेल ने भी उदासीनता बरतते हुए अवैध कब्जे की कोशिश की कोई जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं दी। जांच रिपोर्ट में थानाध्यक्ष के साथ ही लेखपाल की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्हें इस हादसे का जिम्मेदार माना गया है।
इसके आधार पर ही डीएम की संस्तुति पर पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने थानाध्यक्ष को तथा एसडीएम उतरौला ने लेखपाल को निलंबित करने की कार्रवाई कर दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि जिस जमीन को अपना समझ कर राम बुझारत शिकायतें कर हक जमा रहा था, उसे खुद पुलिस के संरक्षण में हथियाने का खेल चल रहा था। ऐसे में मामला न्यायालय में लंबित होने की बात कहकर पुलिस ने शिकायतों का निस्तारण केवल रिपोर्ट लगाने तक सीमित रखा। इसी लिए गैड़ास बुजुर्ग थाने के थानाध्यक्ष ने पीड़ित परिवार की गुहार को भी लगातार अनसुना किया।