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Balrampur News: दो मन्दिरों के सुन्दरीकरण के लिए डीएम ने शासन को भेजा प्रस्ताव, अयोध्या के तर्ज पर बनेगा विश्राम स्थल

Balrampur News: जिलाधिकारी ने जिले के दो मन्दिरों शक्तिपीठ देवीपाटन मन्दिर तुलसीपुर व झारखण्डी मन्दिर बलरामपुर में यात्री सुविधााओं, मार्ग सुदृढ़ीकरण एवं सुन्दरीकरण का कार्य कराये जाने के लिए 03 करोड़ 75 लाख रूपए का प्रस्ताव शासन को प्रस्ताव भेज दिया है।

Radheshyam Mishra
Published on: 11 Jan 2024 10:21 PM IST
Balrampur News
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Balrampur News (Pic:Newstrack)

Balrampur News: अब अयोध्या के तर्ज पर बलरामपुर के प्रमुख दो ऐतिहासिक मंदिर स्थलों का विकास होगा। इसमें श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विश्राम स्थल बनाने की योजना पेश की है। जिलाधिकारी अरबिन्द कुमार सिंह ने प्राचीन पर्यटनों के विकास कराने के लिए शासन को 3 करोड़ 75 लाख का प्रस्ताव भेजा है। डीएम ने प्रमुख धार्मिक मन्दिरों में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू कर दिये हैं। जिलाधिकारी ने जिले के दो मन्दिरों शक्तिपीठ देवीपाटन मन्दिर तुलसीपुर व झारखण्डी मन्दिर बलरामपुर में यात्री सुविधााओं, मार्ग सुदृढ़ीकरण एवं सुन्दरीकरण का कार्य कराये जाने के लिए 03 करोड़ 75 लाख रूपए का प्रस्ताव शासन को प्रस्ताव भेज दिया है, जिसे शासन से जल्द ही हरी झण्डी मिल जाने की उम्मीद है।

इतने करोड़ से लागत से होगा निर्माण

जिलाधिकारी ने बताया कि लगभग दो करोड़ रूपए की लागत से शक्तिपीठ देवीपाटन मन्दिर को जाने वाले कलश चौराहे से हर्रैया क्रासिंग तक सड़क के दोनों तरफ इंटरलाकिंग का कार्य तथा तहसील परिसर के बगल सिंचाई विभाग कार्यालय के बीच से मन्दिर तक इंटरलाकिंग एवं नाली निर्माण का कार्य कराया जाएगा। इसी प्रकार झारखण्डी मन्दिर परिसर में 01 करोड़ 80 लाख रूपए की लागत से श्रद्धालुओं व पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्रामालय का निर्माण तथा झारखण्डी मन्दिर बगल स्थित मोती सागर तालाब पर छठ माता पूजा घाट के सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जाएगा।

डीएम ने बताया कि दोनों मन्दिरों पर सौन्दर्यीकरण का काम कराये जाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंडी नाथ मंदिर जो छोटे काशी के नाम से विख्यात है यहा हर सोमवार को दूरदराज से लोग दर्शन करने आते हैं। इस दौरान श्रद्धालु विश्राम करना चाहते हैं पर उन्हें उचित स्थल नहीं मिल पाता है जिस कारण श्रद्धालुओं को काफी असुविधा होती है। स्थानीय लोगों और मंदिर के पुजारियों ने की बार मांग की थी जिसको लेकर अब शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है और भेजे गये प्रस्तावों को शासन से जल्दी ही स्वीकृति भी मिल जाएगी।



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Durgesh Sharma

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