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Balrampur news: कोई नेता नहीं चढ़ा सकेंगे मंदिर में चढ़ावा, जानें कारण

Balrampur news: बलरामपुर में आगामी नवरात्र में किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को भारी भरकम चढ़ावा चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी। इसके पीछे आचार संहिता को कारण बताया गया है।

G Singh
Report G Singh
Published on: 6 April 2024 5:00 PM GMT
शक्तीपीठ मंदिर।
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शक्तीपीठ मंदिर। (Pic: Newstrack)

Balrampur News: आगामी 09 अप्रैल मंगलवार से शुरू होने वाले चैत्र नवरात्र में देवी पाटन मंदिर राजकीय मेले में इस बार जागरण, भंडारा या हवन-पाठ के दौरान नेताजी पूजा की थाली में भारी भरकम चढ़ावा नहीं चढ़ा पाएंगे। चुनाव आचार संहिता लगने के बाद चुनाव आयोग की तरफ से इसका पालन करवाने के लिए किसी भी नेता को मंदिर में भारी भरकम चढ़ावा चढ़ाने से रोक रखा है।

आचार संहिता का न हो उल्लंघन

शक्ति पीठों में से एक शक्तिपीठ देवीपाटन शक्ति पीठ जहां हर वर्ष चैत्र नवरात्र पर राजनीतिक दल के नेता अपनी मन्नतें पूरी होने के लिए भारी भरकर पूजा की थाली चढ़ाते आ रहे हैं। किन्तु इस बार लोकसभा चुनावों से पहले आदर्श चुनाव आचार संहिता लग गई है। ऐसे में 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहे हैं। नवरात्र के दौरान राजनीतिक पार्टियां, प्रत्याशी या नेता आचार संहिता का उल्लंघन न करे इसके लिए चुनाव आयोग हर गतिविधि पर कड़ी नजर रख रहा है। नवरात्र को लेकर चुनाव आयोग सतर्क हो गया है। आयोग की ओर से जिला निर्वाचन अधिकारियों को विशेष एहतियात बरतने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं। नवरात्र पर होने वाले आयोजनों जैसे माता के जागरण, माता की चौकी, भंडारा, हवन-पाठ पर चुनाव आयोग की नजर रखे। साथ ही सभी शक्तिपीठों के अलावा जिला और उपमंडल स्तर पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों की निगरानी का जिम्मा जिला और उपमंडल स्तर के चुनाव अधिकारियों को सौंपा गया है। हालांकि नेताओं और प्रत्याशियों के धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक नहीं है, लेकिन धार्मिक कार्यक्रमों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए न होने पाए इस पर कड़ी नजर रखने को राज्य चुनाव आयोग ने दे दिया है। इसकी वीडियोग्राफी भी कराने को आदेश हुआ है।

प्रत्याशियों को धार्मिक आयोजन करने की अनुमति नहीं

आयोग ने कहा है कि नवरात्र के दौरान सभी कार्यक्रम सक्षम अधिकारी की अनुमति के बाद ही होंगे। कोई भी राजनीतिक पार्टी अथवा प्रत्याशी अधिक राशि दान नहीं कर सकेगा। धार्मिक स्थल और कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक तौर पर राजनैतिक विचारों के आदान प्रदान पर भी प्रतिबंध रहेगा। राजनीतिक दलों को विशेषकर प्रत्याशी को धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों की अनुमति नहीं है। अगर कोई प्रत्याशी ऐसा करता है तो इसका खर्च प्रत्याशी के चुनावी खर्च में माना जायेगा। जागरण और भंडारा सहित अन्य धार्मिक आयोजनों में राजनीतिक दल अथवा प्रत्याशी का बैनर-पोस्टर नहीं लग सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो आयोजकों और प्रत्याशी पर विधिक कार्रवाई भी करने का आयोग का निर्देश है । हालांकि बलरामपुर जिला प्रशासन ने देवीपाटन राजकीय मेले को विस्तृत रूप देने की तैयारी पूर्ण कर ली है और पिछले वर्ष की अपेक्षा तीन गुना ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद पाल रखी है।

ऐसे बना था शक्तपीठ

पुराणों के अनुसार, सती के शव के विभिन्न अंग जहां-जहां गिरे थे। वहां पर शक्तिपीठों को स्थापित किया गया था। इन शक्तिपीठों के स्थापित होने के पीछे विशेष कथा है।कथा के मुताबिक़, दक्ष प्रजापति ने कनखल (हरिद्वार) में 'बृहस्पति सर्व' नामक यज्ञ रचाया। इस यज्ञ के आयोजन में ब्रह्मा, विष्णु, इंद्र और अन्य देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया। परंतु दक्ष ने जान-बूझकर इस यज्ञ के लिए अपने जमाता भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया। भगवान शंकर की पत्नी और दक्ष की पुत्री सती, यज्ञ के संयोजक और सती के पिता दक्ष के बिना बुलाये और पति भगवन शंकर के मना करने के बावजूद, यज्ञस्थल पर जा पहुंची। उन्होंने अपने पिता दक्ष से भगवान शिव को आमंत्रित न करने का कारण पूंछा और उग्र विरोध किया। इस पर दक्ष ने शंकर जी को अपशब्द कहे। इस अपमान से पीड़ित होकर सती ने यज्ञ कुंड में कूदकर अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस दुर्घटना का पता चलते ही अति क्रोधित हुए शंकर भगवान का तीसरा नेत्र खुल गया। दुःख और क्रोध से युक्त होकर शंकर जी ने यज्ञकुंड से सती के पार्थिव शरीर को निकाल कंधे पर उठा कर पृथ्वी पर घूमते हुए तांडव करने लगे। तब सम्पूर्ण विश्व को प्रलय से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को कई टुकड़ों में काट दिया। वे टुकड़े जिन जगहों पर गिरे वे स्थान शक्तिपीठ कहलाए।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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