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Balrampur news : सपा के पूर्व विधायक आरिफ अनवर की गिरफ्तारी हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानिये क्या है पूरा मामला

समाजवादी पार्टी से उतरौला के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी की गिरफ्तारी मामले पर उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। इससे एक बार जिला प्रशासन की किरकिरी शुरू हो गई है।

Radheshyam Mishra
Published on: 10 April 2024 9:13 PM IST (Updated on: 10 April 2024 9:13 PM IST)
Balrampur news :  सपा के पूर्व विधायक आरिफ अनवर की गिरफ्तारी हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानिये क्या है पूरा मामला
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Balrampur News : समाजवादी पार्टी से उतरौला के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी की गिरफ्तारी मामले पर उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। इससे एक बार जिला प्रशासन की किरकिरी शुरू हो गई है। बता दें कि विगत वर्ष में सादुल्लाहनगर थाने की जमीन कब्जा कर मजार बनाए जाने का सपा के पूर्व विधायक पर आरोप है। इस मामले पर विगत सप्ताह डीएम के आदेश पर उनके तथा उनके परिजनों के नाम मुकदमा लिखा जा चुका है। साथ ही इस मामले पर पूर्व विधायक की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। जिला पुलिस सरगर्मी से पूर्व विधायक की भी तलाश कर रही थी कि इसी बीच सपा के पूर्व विधायक हाई कोर्ट की शरण चले गए और न्यायालय से न्याय की गुहार की। हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई तक पूर्व विधायक को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर ऱोक लगा दी है। कोर्ट ने सवाल उठाया कि राजस्व रिकॉर्ड सरकारी अभिरक्षा में रहता है तो उसमें कोई विधायक कैसे हेराफेरी कर सकता है।

बता दें कि साल 2013 में आरिफ अनवर हाशमी सपा से विधायक थे और प्रशासन की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में उन पर आरोप है कि वह अपने पद का दुरूपयोग करते हुए सादुल्लाहनगर थाने की जमीन कब्जा कर उस पर मजार बनवा दी। सपा विधायक ने प्रशासन के एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए बीते चार अप्रैल को कई सवाल उठाए थे। एफआईआर में खतौनी में नाम परिवर्तन करने वाले किसी अधिकारी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई है।

हाई कोर्ट ने मांग दो सप्ताह में जवाब

उल्लेखनीय है कि विगत साल 2013 में हुए हेराफेरी के लिए सीधे तत्कालीन सपा विधायक को ही जिम्मेदार ठहराया गया था। जबकि राजस्व नियमावली के तहत यह माना गया कि खतौनी में नाम का परिवर्तन राजस्व अधिकारी के ही स्तर से संभव है। ऐसे में हाईकोर्ट ने सवाल किया है कि कोई निजी व्यक्ति राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी बिना राजस्व अधिकारी से मिले कैसे कर सकता है। इस पूरे मामले में हाईकोर्ट ने दो सप्ताह में काउंटर एफीडेविट मांगा है। साथ ही याची सपा के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी को भी एफआईआर की जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। 15 दिन बाद काउंटर एफीडेविट दाखिल होने के बाद हाईकोर्ट मामले की अगली सुनवाई की तिथि तय करेगा।

उल्लेखनीय है कि थाने की जमीन पर मजार बनाकर कब्जा करने और भाई मारुफ अनवर हाशमी को समिति बनाकर मुतव्वली बनाने के मामले में बीते एक अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई गई। जिसमें साल 2013 में हेराफेरी कर थाने की जमीन को खतौनी में समिति के नाम दर्ज कराने के लिए हेराफेरी करने का आरोप पूर्व विधायक पर लगा था। स्थानीय लेखपाल सुनील कुमार ने मामले की एफआईआर में पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी, उनके भाई मारूफ अनवर हाशमी, परिवार के सदस्यों और समिति के सदस्यों के नाम रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें पूर्व विधायक के भाई मारुफ अनवर हाशमी गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं।

तत्कालीन अधिकारी जांच के दायरे में

हाईकोर्ट के इस सवाल से जिला प्रशासन में भी खलबली मच गई है। हाईकोर्ट ने खतौनी में हेराफेरी के समय तत्कालीन उतरौला तहसील में तैनात एसडीएम व तहसीलदार भी अब जांच के दायरे में आ गए हैं। पूरे मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त एसडीएम संतोष ओझा ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। अभी किसी तरह के आदेश की जानकारी नहीं मिली है। जो भी निर्देश होगा, उसके तहत कार्रवाई की जाएगी।

बताया जा रहा है कि साल 2013 में एसडीएम राकेश कुमार सिंह व तहसीलदार प्रमोद कुमार राय तहसील में कार्यरत थे। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व का कहना है कि सादुल्लाहनगर थाने के जमीन प्रकरण में कार्रवाई की गई थी। उच्च न्यायालय के आदेश की जानकारी अभी नहीं मिली है। हाईकोर्ट का जो भी निर्देश होगा, उसके तहत विधिक बारीकियों को देखकर देशहित और समाज हित में कार्रवाई की जाएगी।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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