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Balrampur News: अगर विद्यालय छोड़ा तो कटेगा वेतन, देना होगा जवाब, गुरूजी के लिए सख्त हुए नियम
डीजी ने सभी प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों की जिम्मेदारी तय की, बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश का अनुपालन करने का दिया निर्देश है।
Balrampur News: परिषदीय विद्यालयों के गुरु जी लोगों के लिए एक बुरी खबर है। विद्यालय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को शिक्षण अवधि के दौरान स्कूल छोड़ना अब भारी पड़ सकता है। गुरु जी शिक्षण अवधि में स्कूल छोड़ने पर अगर पकड़े गए तो उनका उस दिन का वेतन कटना निश्चित है। साथ ही जबाव तलबी व अन्य परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है। स्कूली शिक्षा महानिदेशक ने सभी प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों का दायित्व तय करते हुए इसका अनुपालन कराए जाने का निर्देश मंडल के सभी बीएसए को दिया है। अब बीएसए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज कर आदेश का अनुपालन कराए जाने के लिए निर्देशित करेगे ।
बता दें कि अक्सर देखने में आता है कि परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापक या सहायक अध्यापक विद्यालय से सम्बन्धित कार्यों का बहाना बनाकर शिक्षण अवधि में स्कूल छोड़कर चले जाते हैं। जब कोई अधिकारी जांच के लिए विद्यालय पहुंचता है तो पता चलता कि मास्टर साहब पासबुक में एण्ट्री कराने या उसे अपडेट कराने बैंक गए हैं। कई बार ग्राम प्रधान से चेक पर हस्ताक्षर कराने या एमडीएम सम्बन्धी कार्य का बहाना भी सामने आता है। यहां तक शिक्षक संघ की अंदोलन की रणनीति व बैठक का भी आधार बताया जाता है। ऐसे में एक तो बच्चों की पढाई बाधित होती है वहीं दूसरी तरफ जांच भी अधूरी रह जाती है। इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए स्कूली शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों के दायित्व का निर्धारण करते हुए शिक्षण अवधि में स्कूल छोड़कर जाने पर रोक लगा दी है। डीजी ने अपने आदेश में साफ किया है कि इस तरह के किसी भी कार्य का बहाना बनाकर शिक्षण अवधि में कोई भी शिक्षक विद्यालय परिसर से बाहर नहीं जायेंगे।
डीजी ने अपने आदेश में कहा है कि उपर्युक्त कार्यों के कारण निरीक्षण अथवा सपोर्टिव सुपरविजन में कोई शिक्षक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाया जाता है तो उसके उस दिन के वेतन की कटौती की जायेगी। साथ ही अन्य विधिक कार्रवाई से गुजरना पड़ेगा। डीजी ने बीएसए को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन कराने के लिए निर्देशित किया है। बीएसए शुभम शुक्ल ने बताया कि सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजे जा रहे हैं। अगर कोई शिक्षक शिक्षण अवधि में स्कूल से बाहर पाया जाता है तो उसके उस दिन के वेतन की कटौती कर ली जायेगी।
बता दें कि स्कूली शिक्षा महानिदेशक ने निर्देश दिया है कि शिक्षण अवधि में अवकाश स्वीकृत कराने एवं अन्य समस्याओं के लिए विकासखण्ड या जनपद स्तरीय कार्यालय में जाना प्रतिबंधित होगा। मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रणाली से ही अवकाश के लिए आवेदन किया जायेगा। इसके लिए जन सुनवाई समाधान पोर्टल (IGRS) पर भी शिकायतें दर्ज की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि यदि किसी विद्यालय में कोई प्रॉक्सी टीचर पाया जाता है अथवा कोई शिक्षक बिना अवकाश के अनुपस्थित पाया जाता है या किसी माध्यम से यह संज्ञान में आता है कि कोई शिक्षक अनाधिकृत रूप से विद्यालय से अनुपस्थित है एवं उसका नियमित वेतन आहरण हो रहा है तो इसके लिये सम्बन्धित प्रधानाध्यापक व खण्ड शिक्षा अधिकारी पूरी तरह से उत्तरदायी होंगे तथा सम्बन्धित के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
डीजी के आदेश में कहा गया है कि विद्यालय अवधि में किसी भी विभाग से सम्बन्धित हाउस होल्ड सर्वे नहीं कराया जायेगा। एवं विद्यालय में मरम्मत एवं निर्माण कार्य, रंगाई पुताई या तो छुट्टी वाले दिनों में अथवा शिक्षण अवधि के बाद ही कराया जायेगा। साथ ही विद्यालय में शारीरिक दण्ड, भेदभाव, उत्पीड़न रहित आनन्दमय वातावरण बनाने जैसी गतिविधियों की जिम्मेदारी सभी शिक्षकों एवं विद्यालय कर्मचारियों की होगी। किसी भी तरह के भेद-भाव एवं असुरक्षा आदि की स्थिति में तत्काल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं पर्यवेक्षणीय अधिकारी को अवगत कराया जायेगा। बच्चों के मध्य किसी भी प्रकार का भेदभाव किये जाने की स्थिति में शिक्षक एवं शिक्षिका के विरूद्ध कठोर अनुशानात्मक कार्रवाई भी की जायेगी।