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Balrampur News: ठंड के साथ बढ़ी हार्ट अटैक व ब्रेन स्टोक की घटनाएं, हृदय गति रुकने से शिक्षा मित्र की मौत

Balrampur News: ठंड बढ़ने से हार्ट अटैक व ब्रेन स्टोक की घटनाएं बढ़ रही हैं। जिला अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो जिले में पिछले दो सप्ताह में तकरीबन डेढ़ दर्जन हार्ट अटैक एवं ब्रेन स्टोक के मरीज अस्पताल आ चुके हैं।

Radheshyam Mishra
Published on: 28 Dec 2024 9:30 PM IST
Shiksha Mitra dies of heart attack
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 District Hospital Balrampur-(Photo- Newstrack)

Balrampur News: बलरामपुर में शिक्षा क्षेत्र पचपेड़वा के कम्पोजिट परिषदीय विद्यालय लौकहवा में शनिवार शाम को एक शिक्षामित्र की हृदय गति रूक जाने से मौत हो गई है। बताया गया कि मृतक शिक्षा मित्र मोहम्मद अयूब वर्ष 2001 से अब तक शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत थे।

वहीं विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि ठंड बढ़ने से हार्ट अटैक व ब्रेन स्टोक की घटनाएं बढ़ रही हैं। जिला अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो जिले में पिछले दो सप्ताह में तकरीबन डेढ़ दर्जन हार्ट अटैक एवं ब्रेन स्टोक के मरीज अस्पताल आ चुके हैं। बताया जा रहा है कि बलरामपुर जिले में किसी भी सरकारी अस्पताल में कोई हृदय रोग व न्यूरो का चिकित्सक नही है जिससे की इन मरीजों का सही से उपचार हो सके। ऐसी स्थिति में ऐसे मरीजों का प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बाहर ही रेफर किया जाता है। स्थिति यह है कि हृदय रोगियों को इलाज के लिए लखनऊ व दिल्ली तक की दौड़ लगानी पड़ती है। तमाम प्रयासों के बावजूद आधुनिक सुविधाओं से लैस संयुक्त जिला चिकित्सालय व जिला मेमोरियल अस्पताल में भी कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हो पाई है। जिससे मरीजों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

हार्ट अटैक का शिकार होने वालों में बुजुर्ग व अधेड़ के साथ-साथ युवा भी

विशेषज्ञ चिकित्सकों की माने तो सबसे ज्यादा हार्ट अटैक व ब्रेन स्टोक की घटनाएं ठंड के मौसम में ही होती हैं। बताया गया कि पिछले दो सप्ताह में हार्ट अटैक व ब्रेन स्टोक से पीड़ित तकरीबन डेढ़ दर्जन से अधिक लोग जिला अस्पताल पहुंचे हैं। बताया गया कि हार्ट अटैक का शिकार होने वालों में बुजुर्ग व अधेड़ के साथ-साथ युवा भी शामिल हैं। जिले में हृदय रोग विशेषज्ञ न होने के कारण मरीजों को इसका खामियाजा अपनी जान देकर भुगतना पड़ता है।

हैरत की बात यह है कि हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती के लिए स्थानीय जन प्रतिनिधियों व जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई गंभीर प्रयास भी नहीं किए हैं। वहीं कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती न होने की वजह से यहां दिल की बीमारी लाइलाज बनी हुई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा मुकेश बताते हैं कि वह अपनी तरफ से संयुक्त जिला चिकित्सालय व मेमोरियल अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती के लिए कई बार शासन को पत्र लिख चुके है। बावजूद इसके स्थिति जस की तस बनी हुई है ।बता दें कि शनिवार शाम को जिले के शिक्षा क्षेत्र पचपेड़वा के कम्पोजिट विद्यालय लौकहवा में तैनात शिक्षामित्र मोहम्मद अयूब की हृदय गति रूकने से मौत हो गई है।

साथी शिक्षामित्र की मौत होने पर शिक्षामित्र संघ ने शोक संवेदना व्यक्त की है। और शिक्षामित्रों ने दिवंगत आत्मा को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। मृतक शिक्षामित्र मोहम्मद अयूब सिद्दीकी की चार पुत्रियां व दो पुत्र हैं। दो पुत्रियों की शादी नहीं हुई है। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ब्लॉक अध्यक्ष पचपेड़वा अफजाल अहमद ने बताया कि साथी के निधन से शिक्षामित्र संघ में शोक की लहर है। संघ की ओर से मोहम्मद अयूब सिद्दीकी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। खंड शिक्षाधिकारी घनश्याम वर्मा ने कहा कि शिक्षामित्र के निधन की सूचना दु:खदाई है। शिक्षामित्र के परिजनों की निजी फंड से सहायता इकट्ठा कर मदद की जाएगी।



Shashi kant gautam

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