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Balrampur News: विश्व हिन्दू परिषद ने श्री राम जन्मोत्सव पर निकाली भव्य शोभायात्रा
Balrampur News: जिले में रामनवमी राम जन्मोत्सव के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद बलरामपुर द्वारा भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया इस में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।
Balrampur News: जिले में रामनवमी राम जन्मोत्सव के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद बलरामपुर द्वारा भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। इस शोभायात्रा में सैकड़ों की संख्या में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता व आम लोग शामिल हुए। शोभायात्रा में विश्वामित्र, श्रीराम, लक्ष्मण माता सीता व हनुमान जी की झांकी निकाली गई। जैसा कि हम हर वर्ष रामनवमी पर जगह -जगह शोभा यात्रा निकालते हैं, लेकिन क्या यह शस्त्रों में वर्णित हैं? इसका उत्तर अपको आनंद रामायण (मनोहर कांड सर्ग क्रमांक 10, श्लोक संख्या 105–139) में मिलता है।
शोभा यात्रा की तैयारी
शास्त्रों के अनुसार संवत्सर की प्रतिपदा को मकान के ऊपर दिव्य वस्त्र और माला आदि से अलंकृत ध्वजाएं राम जन्म की सूचक तथा राम को प्रसन्न करने के लिए घर-घर स्थापित करके भक्तिपूर्वक उनका पूजन करना चाहिए। घर में, देवालय में, गोशाला में तथा तुलसी की बगीची में इस दिन चन्दन के जल का छिड़काव करना चाहिए। इसके बाद पत्थर के चूर्ण से कमल आदि बनाने चाहिएं। अतिशय सुन्दर चित्र मण्डप बनाए। उस मण्डप में चार द्वार बनाएं और स्थान-स्थानपर तोरण की स्थापना करना उचित है। जहां- तहां केले के खम्भे तया इक्षुदण्ड खड़े करें। उनमें तरह-तरह के घण्टे और किकिणी आदि लगा दें, जिनकी मधुर ध्वनि सुनाई पड़ती रहे। जहां-तहां सुन्दर और बड़े-बड़े शीशे लगाना चाहिए दें, विविध प्रकार के चित्र लगाना चाहिए। उसमें सुवर्णमय अथवा रत्नमण्डित मंच की रचना करनी चाहिए और उसपर अच्छे-अच्छे मनोरम शय्या बिछाएं. फिर उसपर कांचनमयी प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए रामचन्द्रजी की यह प्रतिमा सब सुलक्षणों से लक्षित होनी चाहिए। मतलब जैसी अपनी सामर्थ्य हो, उसके अनुसार प्रतिदिन पूजन करना चाहिए।
उनके सामने भेरी, मृदंग, तुड़ही अदि बाजे बजाए और नाचे-गाएं। नाना प्रकार के नैवेद्यों और उपचारों से पूजन करनी चाहिए। इस विधि से नवरात्र में विशेषकर नवमी तिथि को वाहन पर आरूढ़ राम का पूजन करके भेरी, मृदंग, तुड़ही, दुन्दुभी आदि के गम्भीर नाद, गणिकाओं के नृत्य, गायकों के गायन आदि नाना प्रकार के उत्साहों से मंडित, सुन्दर छत्र से सुशोभित, चमर से अलंकृत, पुष्पक विमानपर आरूढ़ रामचन्द्रजी को रामतीर्थ पर ले जाकर पंचामृत के घड़ों तथा पवित्र जलो से स्नान काराना ,स्नान कराते समय रुद्र–सूक्त, विष्णुसू–क्त अथवा सहस्रनामावली का पाठ करना चाहिए।
रामनवी की शोभा यात्रा
वैसे पहले ही जल में विविध प्रकार के मंगलमय द्रव्य से मिले । इस तरह मंगलद्रव्य मिले जल से स्नान कराने को मङ्गलस्नान कहते हैं। यह चैत्रमास में किया जाता है और बड़ी कठिनाई से ऐसा सुयोग प्राप्त होता है। उस स्नान के पंचामृत को किसी तोर्थ में डालना चाहिए और पूजा में जितने लोग सम्मिलित हुए हों, वे सबको उस तीर्थ में स्नान करना चाहिए फिर (रामनवी की शोभा यात्रा)। तभी प्राणी को मंगलस्नान का फल प्राप्त होता है। पुष्कर आदि तीर्थों तथा गंगा आदि नदियों में स्नान करने से जो फछ मिलता है, वही फल मंगल स्नान करने वाले को प्राप्त होता है।इस तरह सीता समेत राम को स्नान कराकर उनकी पूजा करनी चाहिए ,और पूर्वोक्त बाजे-गाजे के साथ फिर उन्हें अपने घर ले आए (रामनवमी शोभा यात्रा) घर पर राम को लाकर उनकी पूजा होनी चाहिए और नाना प्रकार के उत्सव मनाता हुआ दिन बिताना चाहिये और रातभर जागरण होना चाहिए ।
जुलूस में मौजूद रहे
जिसमें बलरामपुर सदर विधायक पलटू राम, तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला, विभाग संयोजक शारदाकांन्त पांडेय, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव, डॉक्टर राकेश डॉ राकेश चंन्द्रा, जिला मंत्री दीपक चौधरी, अजय सिंह पिंकू, धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू अध्यक्ष,राजन जयसवाल, विजय शुक्ला लड्डू सिंह, सुबीर श्रीवास्तव,हर्षित सोनी नगर अध्यक्ष, विजय गुप्त, संजय शर्मा, रवीन्द्र गुप्ता कमलापुरी जिलाध्यक्ष एकल विद्यालय युवा समिति बलरामपुर, मनीष शुक्ला डी पी सिह, विनोद गिरी, रेशम सिंह, किरन सिह, रीता शुक्ला रंजना तिवारी,ललिता तिवारी झूमा सिह, बिंदु विश्वकर्मा, जोत्यना शुक्ला पिंकी, गुड़िया गुप्ता, कंचन गुप्ता, सरिता शुक्ला, निर्मला सिंह मीरा सिह, आदि हजारों की संख्या में विश्व हिंदू परिषद के जुलूस में मौजूद रहे।