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Balrampur: अब खाद पर भी हाथ आजमा रहीं महिलाएं, जैविक खेती से ला रही परिवार में खुशहाली

Balrampur: महिलाएं किसानों को जैविक खाद के इस्तेमाल से होने वाले फायदे बताने के साथ खेतों में इसका प्रयोग करने के लिए जागरूक भी करेगी।

Radheshyam Mishra
Published on: 2 April 2024 10:54 AM GMT
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बलरामपुर में अब खाद पर भी हाथ आजमा रहीं महिलाएं (न्यूजट्रैक)

Balrampur News: जनपद में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जैविक विधि से खेती की जा रही है। तरह-तरह की सीजनल खेती कर महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि लोगों को निरोगी भी बना रही हैं। बता दें कि जिले में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए प्रशिक्षण के साथ खेती कैसे करनी है इसकी जानकारी कृषि विभाग के अधिकारियों ने दी।

बलरामपुर जिला कृषि अधिकारी डा. आरपी राना ने बताया कि शासन के मंशानुरूप खेती किसानी में जैविक खाद के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषि सखियों का सहयोग लिया जा रहा है। महिलाएं किसानों को जैविक खाद के इस्तेमाल से होने वाले फायदे बताने के साथ खेतों में इसका प्रयोग करने के लिए जागरूक भी करेगी। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए जिले की 96 कृषि सखियों को गोंडा जिले में प्रशिक्षित किया जा रहा है। कृषि अधिकारी ने बताया कि कार्ययोजना के पहले चरण में पांच विकास खंडों में प्राकृतिक खेती कराने का लक्ष्य तय किया गया है। इस दौरान कृषि सखी किसानों से संवाद कर उन्हें प्राकृतिक खेती से होने वाले फायदे बताएंगी।

जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि फसलों में रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं का अधिक प्रयोग करने से आदमी के सेहत पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। साथ ही इसके प्रयोग से मृदा की उपजाऊ शक्ति भी कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि जैविक खाद का प्रयोग करने से पैदावार बढ़ने के साथ ही सेहतमंद बनाने वाली उपज से किसानों की आमदनी भी बेहतर होती है। योजना के तहत इस बार ब्लॉक सदर, हरैया सतघरवा, तुलसीपुर, गैंसड़ी व पचपेड़वा में किसानों से प्राकृतिक खेती कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इसके लिए किसानों के 20 कलस्टर समूह बनाए गए हैं। बचे चार ब्लॉक श्रीदत्तगंज, उतरौला, रेहरा बाजार व गैंडास बुजुर्ग में भी जल्दी प्राकृतिक खेती की जागरूकता का कार्य शुरू कराया जायेगा।

उन्होंने बताया कि जिला प्रबंधक अनिल द्विवेदी की देखरेख में प्राकृतिक खेती का प्रचार-प्रसार करने वाली कृषि सखियों को आजकल गोंडा में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र पचपेड़वा के वैज्ञानिक डा. जय प्रकाश व अनीता चौहान प्रशिक्षण दे रहे हैं। पहले बैच का प्रशिक्षण 31 मार्च को पूरा हो गया है। इसमें ब्लॉक सदर की 20 व श्रीदत्तगंज की 12 कृषि सखी शामिल हुई। दूसरे बैच में दो से छह अप्रैल तक पचपेड़वा की 12, तुलसीपुर व गैंसड़ी की 10-10 और तीसरे बैच में 7 से 11 अप्रैल तक हरैया सतघरवा की 12, रेहरा बाजार व गैंड़ास बुजुर्ग की 10-10 कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती कराने के लिए किसानों को जागरूक बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर

जिलाधिकारी बलरामपुर अरबिन्द सिंह ने कहा कि समूह की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला यह कार्य बहुत ही सराहनीय है। इससे महिलाएं एक तो लोगों को निरोगी रहने के प्रति प्रोत्साहित कर रही हैं। दूसरा उनकी आय भी बढ़ रही है और उनका ये कदम उनको आत्मनिर्भर भी बना रहा है।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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