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नौ महीने बाद गुलज़ार हुई महामना की बगिया, सबसे पहले इसको मिली अनुमति
कोरोना वायरस ने तकरीबन पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया। शायद ही कोई तबका हो जो इससे प्रभावित न हुआ हो। ऐसे में देश के नामचीन विश्वविद्यालयों में शुमार महामना की बगिया यानी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में भी कोरोना संक्रमण के कारण पठन-पाठन पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ था।
वाराणसी। चीन के वुहान से पिछले साल निकले कोरोना वायरस ने तकरीबन पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया। शायद ही कोई तबका हो जो इससे प्रभावित न हुआ हो। ऐसे में देश के नामचीन विश्वविद्यालयों में शुमार महामना की बगिया यानी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में भी कोरोना संक्रमण के कारण पठन-पाठन पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ था। कोरोना काल में बंद चल रहे बीएचयू में कई महीनों के बाद सोमवार से शिक्षण कार्य का शुरुआत हुई। हल्की ठंड और गुनगुनी धूप के बीच विभागों में चहल पहल भी दिखने लगी है। हालांकि पहले चरण में साइंस फैकल्टी के शोध छात्रों को ही बुलाया गया है और बाकी फैकल्टी के स्टूडेंट्स को बुलाने पर फैसला बाद में लिया जाएगा।
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गेट पर ही की गई थर्मल स्क्रीनिंग, सेनिटाइजेशन का भी था माकूल इंतज़ाम
पिछले कई महीनों से विज्ञान संकाय में ताला जड़ा हुआ था। सोमवार की सुबह 10 बजे विभागों के ताले खुलने के बाद रिसर्च स्कॉलर्स पहुंचने लगे। डिपार्टमेंट के गेट पर ही सभी लोगों की बकायदे थर्मल स्क्रीनिंग की गई और सेनिटाइजेशन के बाद ही उन्हें अंदर प्रवेश दिया गया।
सुरक्षा के मद्देनज़र विभागों के प्रवेश द्वार पर बिना मास्क के प्रवेश वर्जित होने की सूचना भी चस्पा की गई है। इसके अलावा वहां तैनात सुरक्षाकर्मी भी लोगों को मास्क लगाकर ही अंदर प्रवेश करने की अपील कर रहे हैं। वैसे महीनों बाद यूनिवर्सिटी खुलने से अन्य विभागों में भी पहले की अपेक्षा चहल-पहल अधिक देखने को मिली।
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फोटो-सोशल मीडिया
हर फैकल्टी में होगा कोर कमेटी का गठन
जैसे-जैसे संकाय में पठन-पाठन शुरू होगा, वैसे ही हर संकाय एक कोर समिति का गठन करेगा, जिससे मानकों के पालन समेत उनके प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके।
इसके साथ ही विभाग और छात्रावास स्तर पर भी समितियों का गठन करने का फैसला विश्वविद्यालय द्वारा लिया जाएगा। नियमों के पालन संबंधी ये एसओपी स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय व राज्य सरकारों द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिए जारी सुरक्षा मानकों पर ही आधारित होंगी।
बाहरी लोगों को नहीं होगी हॉस्टल में प्रवेश की अनुमति
अब तक कृषि विज्ञान संस्थान, पर्यावरण एवं सतत विकास, चिकित्सा विज्ञान, पशु चिकित्सा विज्ञान के छात्रावासों में स्वयं छात्रों द्वारा एक दस बिंदुओं वाली एसओपी तैयार की गई है। इसमें मास्क, सैनिटाइजर समेत शारीरिक दूरी का पालन करने को अनिवार्य किया गया है।
वहीं यह भी कहा गया है कि हम छात्र किसी बाहरी को छात्रावास में प्रवेश नहीं करने देंगे। इसके साथ ही छात्रों ने कहा है कि यदि वे कोरोना पीड़ित पाए जाते हैं, तो तत्काल छात्रावास खाली कर अस्पताल या घर चले जाएंगे।
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रिपोर्ट- आशुतोष सिंह