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Banda News: बुन्देलखण्ड अलग राज्य की मांग, PM Modi को DM के जरिये भेजा ज्ञापन

Banda News: बुन्देलखण्ड आजादी के पूर्व से ही एक आजाद स्वतंत्र एवं सशक्त राज्य था जिसकी राजधानी ओरछा थी।

Anwar Raza
Report Anwar Raza
Published on: 20 Dec 2022 12:29 PM IST
Demand for separate state of Bundelkhand
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बुन्देलखण्ड अलग राज्य की मांग (photo: social media )

Banda News: बुंदेलखंड आजाद सेना के केंद्रीय केंद्रीय अध्यक्ष प्रमोद आजाद ने जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में कहा है कि उ.प्र. एवं मध्य प्रदेश के दो भागों में बटे पिछड़े बुन्देखण्ड क्षेत्र की भौगोलिक संरचना ऐसी है, कि इस क्षेत्र का समग्र विकास दोनों राज्य करने में अक्षम है। हालांकि दोनों राज्यों ने इस समस्या के समाधान हेतु बुन्देलखण्ड विकास परिषद् का गठन कर रखा है, जो केवल औपचारिक और खानापूर्ति तक ही सीमिति है।

यूपी के हिस्से वाले जिलों, बाँदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर झांसी, जालौन और ललितपुर एवं मध्य प्रदेश के हिस्से वाले जिलों- सागर, दमोह, दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर पन्ना, ग्वालियर, भिण्ड व सतना आदि बुन्देलखण्ड की स्थिति आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़ी हुई है। यहाँ बेरोजगारी, बेकारी, भुखमरी, पलायन, आर्थिक तंगी आदि समस्याएं हैं, जिन्हे सिर्फ उपरोक्त जिलों को मिलाकर बुन्देलखण्ड राज्य गठन कर उचित समाधान से ही निकाला जा सकता है।

बुन्देलखण्ड आजादी के पूर्व से ही एक आजाद स्वतंत्र एवं सशक्त राज्य था जिसकी राजधानी ओरछा थी। 12 मार्च 1948 को बुन्देलखण्ड राज्य अस्तित्व में आया और दिनांक 31.10.1956 को इस राज्य को दोनों क्षेत्रों में बांटकर समाप्त कर दिया गया।

राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. कामता प्रसाद सक्सेना

बुन्देलखण्ड राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. कामता प्रसाद सक्सेना थे। बुन्देलखण्ड राज्य की मांग 1989 से ही जोर पकड़ रही है जिसकी अलख की शुरूआत स्व. शंकरलाल मल्होत्रा ने की थी। बुन्देलखण्ड अनेको सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे हुये है। बुन्देलखण्ड पूर्व मे कई राज्यों में विभाजित था जैसे- ओरछा, दतिया, पन्ना, अजयगढ, बिजावर, झॉसी, बेरी चरखरी, समथर, सरीला, नौगवॉ, रिवई आदि।

बुन्देलखण्ड की आबादी करीब 04 करोड़ और क्षेत्रफल लगभग 70,747 वर्ग किमी. है। ऐसी दशा में बुन्देलखण्ड की भौगोलिक, सांस्कृति, आर्थिक, ऐतिहासिक सहित अन्य सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये बुन्देलखण्ड राज्य का अलग राज्य गठन किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने नरेंद्र मोदी से मांग की है कि मांगों पर गहन विचार मंथन करते हुये शीघ्र अतिशीघ्र बुन्देलखण्ड राज्य की गठन की घोषणा कर दी जाये। यदि शीघ्र ही उपरोक्त मांग पर विचार नहीं किया गया तो 09 जनवरी, 2023 को उ०प्र० को विधानसभा लखनऊ के सामने धरना-प्रदर्शन किया जायेगा और बुन्देलखण्ड अलग राज्य का गठन करने के लिए मजबूर कर दिया जायेगा।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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