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UP में तैयार हुई ग्रामीण पेजयल आपूर्ति की सबसे बड़ी परियोजना, खटान प्रोजेक्ट का काम लगभग पूरा
Banda Khatan Drinking Water Project: दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण पेयजल योजनाओं में शुमार होने जा रही बांदा की खटान पेयजल परियोजना लगभग पूरी तरह से तैयार हो गई है।
Khatan Drinking Water Project: महर्षि वामदेव की तपोभूमि बांदा को योगी सरकार (Yogi Government) अब तक का सबसे बड़ा तोहफा देने जा रही है। इस भूमि पर रहने वाले जन-जन को नल से जल पहुंचाने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण पेयजल योजनाओं में शुमार होने जा रही बांदा की खटान पेयजल परियोजना (Khatan drinking water project of Banda) लगभग पूरी तरह से तैयार हो गई है।
इस योजना से कई गांवों में पेयजल आपूर्ति का ट्रायल रन शुरू
इस योजना से कई गांवों में पेयजल आपूर्ति का ट्रायल रन भी शुरू कर दिया गया है। सरकार की हरी झण्डी मिलते ही सभी गांवों में पानी की आपूर्ति निर्बाध रूप से शुरू कर दी जाएगी। वहीं अमली कौर पेयजल परियोजना का भी 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो गया है। 10 प्रतिशत फिनिशिंग का कार्य किया जा रहा है। गुरुवार को प्रमुख सचिव नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग अनुराग श्रीवास्तव और जल निगम के एमडी डॉ. बलकार सिंह ने इन दोनों परियोजनाओं का निरीक्षण किया और कार्य को तेज गति से पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने परियोजनाओं के वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों और इंटेकवेल को भी देखा। सप्लाई से पूर्व की जो भी तैयारी है उसे जल्द पूरा करने के निर्देश दिये जिससे दिसम्बर से गांवों में जलापूर्ति शुरू की जा सके। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी बांदा दीपा रंजन भी मौजूद रहीं।
महर्षि वामदेव की तपोभूमि के लिए वरदान बनने जा रही हर घर नल योजना
जल जीवन मिशन की खटान और अमली कौर पेयजल परियोजनाओं से 617 गांव में रहने वाली 10,88,835 से अधिक लोगों की प्यास बुझेगी। बीमारियों से राहत मिलने के साथ नलकूप और सर्फेस वाटर सप्लाई आधारित योजनाओं का लाभ बांदा जिले के लिए वरदान साबित होगा। जल जीवन मिशन की योजना से बांदा में 217767 परिवारों को नल कनेक्शन दिये जाने हैं। लक्ष्य को पूरा करने में जुटे अधिकारी 38996 से अधिक परिवारों को नल कनेक्शन दे चुके हैं।
खटान और अमली कौर पेयजल योजनाओं ने सूखे की परिभाषा को बदला
पथरीली भूमि और कठिन परिस्थितियों के बीच घर-घर नल से जल पहुंचाकर जल जीवन मिशन योजना ने सूखे से प्रभावित रहने वाले बुंदेलखंड की परिभाषा ही बदल दी है। खटान पेयजल परियोजना जैसी योजनाएं भारत समेत कुछ ही देशों में है। खटान पेयजल परियोजना में इंटैक वेल और डब्ल्यूटीपी की क्षमता 158 एलएलडी है। जबकि 26 एमएलडी और 300 हार्स पॉवर के आठ पम्प इंस्टाल किये गये हैं। यहां लगे डीजी सेट की क्षमता 1600 केवीए और राइजिंग मेन का व्यास 1400 मिलीमीटर है। यहां 374 गांव के 14539 परिवारों तक जलापूर्ति शुरू करा दी गई है। खटान योजना से कमासिन, बिसांडा, नारयनी, महुआ और अमली कौर परियोजना से तिंदवारी, बबेरू, बदोखर खुर्द, महुआ में हर घर तक नल कनेक्शन दिये जाने हैं। शासन की मंशा के अनुरूप हर घर नल परियोजना के तहत प्रत्येक परिवार को अधिकतर 55 लीटर शुद्ध पेयजल दिया जाएगा। अमली कौर पेयजल परियोजना पर नलकूप अधारित 26 गांवों के 10077 से अधिक परिवारों को नल से पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। सर्फेस वॉटर से 217 गांव के 14481 परिवारों को नल से जल पहुंच रहा है।
2244 किमी से बिछाई गई पाइप लाइन
अमलीकौर और खटान पेयजल योजनाओं से अभी तक 2244 किमी से अधिक पाइपलाइन बिछा दी गई है। अमलीकौर परियोजना में 1808 किमी और खटान परियोजना से 2914.5 किमी डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन बिछाई जानी है। योजना के तहत 1 डब्ल्यूटीपी, 1 इंटेकवेल, 1 ट्रीटमेंट प्लांट, 39 सीडब्ल्यूआर, 116 ओवरहैड टैंक निर्मित किये जा रहे हैं। अमली कौर परियोजना में 1 डब्ल्यूटीपी, 1 इंटेक वेल, 1 ट्रीटमेंट प्लांट, 13 सीडब्ल्यूआर और 80 ओवरहैड टैंक निर्मित किये जा रहे हैं।