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Banda News: PWD के लेखाधिकारी पर करोड़ों की राजस्व क्षति का आरोप, DM ने दिए जाँच के आदेश
Banda News: बुंदेलखंड इन्साफ सेना के राष्ट्रीय अध्यछ ए एस नोमानी सहित दर्जन भर पदाधिकारियों ने पीडब्लू विभाग के खंडीय लेखाधिकारी शशिकांत शुक्ला पर भ्रस्टाचार का आरोप लगाया है।
Banda News: उत्तर प्रदेश के बाँदा में पीडब्लू विभाग के प्रांतीय खण्ड के खंडीय लेखाधिकारी पर करोड़ों के राजस्व की क्षति पहुँचाने का आरोप लगा है। खंडीय लेखाधिकारी पर सीसीएल के पैसे को डीसीएल में परिवर्तित कर लगभग 10 करोड़ रुपए की हानि पहुँचाने एवं सम्बंधित ठेकेदारों को ब्लैकमेल कर अवैध धन वसूल किये जाने का आरोप लगा है। बुंदेलखंड इन्साफ सेना के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर उच्च स्तरीय जाँच कराते हुए दोषी अधिकारी व कर्मचारियों द्धारा अवैध कमाई की वसूली का मुक़दमा पंजीकृत करने की माँग की है । वही जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जाँच के आदेश दिए।
बुंदेलखंड इन्साफ सेना के राष्ट्रीय अध्यछ ए एस नोमानी सहित दर्जन भर पदाधिकारियों ने पीडब्लू विभाग के खंडीय लेखाधिकारी शशिकांत शुक्ला पर भ्रस्टाचार का आरोप लगाया है। उनका कहना है की सरकार द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की उम्मीदों को कुछ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा तोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
जनपद बाँदा के पीडब्लू के प्रांतीय खंड बाँदा में लगभग 2 वर्ष से तैनात शशिकांत शुक्ला खंडीय लेखाधिकारी ने हेड परिवर्तन कर विभाग को करोड़ों रुपयों की राजस्व की क्षति पहुँचाई है। यहाँ तक कि ठेकेदारों के बिलो में शशिकांत शुक्ला ने पहले लिख दिया की एलाटमेंट से भुगतान किया जाएगा लेकिन फिर ब्लैकमेल करने की नीयत से शीट को बदलकर ठेकेदारों से अवैध धन वसूला जाता है। फिर उक्त अधिकारियो द्वारा शीट में लिखा जाता है की अलाटमेंट नहीं है, फिर उसी शीट को फाड़कर पुनः दूसरी शीट लगाकर भुगतान सीसीएल में ना होने की वजह से डीसीएल से भुगतान कर लिया जाता है, अर्थात उनके द्वारा व्यापक रूप से भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
ज्ञापन जिलाधिकारी को देकर माँग
बुंदेलखंड इन्साफ सेना ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को देकर माँग की है कि उक्त शशिकांत शुक्ला के किये गए कार्यो की उच्चस्तरीय जाँच करायी जाये जिससे भ्रष्ट अधिकारी के भ्रष्टाचार का खुलासा हो सके तथा दोषी अधिकारी व कमचारियों की अवैध तरीके से कमाई गयी काली कमाई की वसूली की कार्यवाही करते हुए मुक़दमा पंजीकृत कर कानूनी कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में किसी भी ठेकेदार से अवैध वसूली न किया जा सके।