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Banda News: समन्वित कृषि प्रणाली जल मृदा और मानव स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी, किसानों के प्रशिक्षण का आगाज
Banda News: कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय प्रशिक्षण के पहले दिन किसानों को आईएफएस में फसल प्रणाली के गुर सिखाए गए।
Banda News: कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में मंगलवार (20 फरवरी) को "बुंदेलखंड में समन्वित कृषि प्रणाली से सतत आजीविका विकास" विषय पर किसानों को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षकों ने कहा- समन्वित कृषि प्रणाली न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक हो सकती है, बल्कि जल, मृदा और मानव स्वास्थ्य संवर्धन के लिए भी जरूरी है।
प्रशिक्षकों ने बारी-बारी से दी बारीक जानकारियां
तीन दिवसीय प्रशिक्षण के उदघाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डा. एसी मिश्रा ने समन्वित कृषि प्रणाली की विस्तार से जानकारी दी। विश्वविद्यालय में कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. जीएस पंवार एवं नाबार्ड के जिला प्रबंधक संदीप गौतम ने भी विचार रखे। सहायक प्राध्यापक डा. यश गौतम, डा. मनीष कुमार सिंह और डा. दिनेश शाह ने आयोजन में अहम भूमिका निभाई।
समस्याएं सुलझाने और उत्पादन व आय बढ़ाने के दिए टिप्स
पहले दिन बांदा जिले के 75 किसानों को आईएफएस में फसल प्रणाली, पानी का प्रबंधन, फलोत्पादन, सब्जी की खेती, गौपालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन और जैविक खेती आदि विषयों पर प्रशिक्षित किया गया। व्याख्यान आदि के जरिए व्यापक जानकारी दी गई। समन्वित कृषि प्रणाली इकाई (आईएफएसयूनिट) ने किसानों को समस्यायें सुलझाने के साथ उत्पादन एवं आय बढ़ाने के गुर सिखाए।
साझा की गई किसानों की उन्नति पर केंद्रित परियोजना
बुंदेली किसानों की उन्नति के लिए नाबार्ड एवं कृषि विश्वविद्यालय की संयुक्त परियोजना के मुख्य अन्वेषक डा. अनिकेत हनुमंत कल्हापुरे ने किसानों को परियोजना से अवगत कराया। संचालन डा. अरूण कुमार ने किया। धन्यवाद डा. श्याम सिंह ने ज्ञापित किया।