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Banda News: प्रसन्नता मानसिक स्वास्थ्य का सटीक टानिक, सकारात्मकता से सहज ही सुलभ

Banda News: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर गुरुवार को बंडा स्थित वृद्धाश्रम में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। एडीजे एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्रीपाल सिंह ने कहा यदि आप अपनी ऊर्जा का उपयोग दूसरों की मदद में करेंगे तो आप सबसे बड़ी खुशी के हकदार होंगे।

Om Prakash Chaubey
Published on: 10 Oct 2024 7:30 PM IST
Banda News: प्रसन्नता मानसिक स्वास्थ्य का सटीक टानिक, सकारात्मकता से सहज ही सुलभ
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Banda News (Pic-Newstrack)

Banda News: विश्व मानसिक दिवस पर गुरुवार को बांदा के वृद्धा आश्रम में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित हुआ। ADJ और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव श्रीपाल सिंह ने कहा, आप यदि दूसरों की मदद में अपनी शक्ति लगाएंगे तो आप सर्वाधिक प्रसन्नता के हकदार बनेंगे। प्रसन्नता मानसिक स्वास्थ्य का सटीक टानिक है। सकारात्मकता इसे सहज ही सुलभ कराती है। मानसिक स्वास्थ्य पीड़ितों को अधिक से अधिक समय पाजिटिव सोच के लोगों संग बिताने की जरूरत है।

मानसिक विकारों से बचाव और इससे भी ज्यादा विकारों की समझ जरूरी

वृद्धजनों और अन्य को संबोधित करते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव सिंह ने कहा, मानसिक अस्वस्थता से अनेक कठिनाइयां मुकाबिल होती हैं। जबकि स्वस्थ मस्तिष्क व्यक्ति को उसकी क्षमताओं से वाकिफ कराता है। मानसिक विकार व्यक्ति का व्यवहार, निर्णय, व्यायाम और निंद्रा आदि सभी कुछ प्रभावित करता है। ऐसा व्यक्ति पारिवारिक विघटन, गरीबी, नशे के सेवन तथा अपराधों में सहभागी बनता है। लिहाजा मानसिक विकारों से बचाव और विकारों की समझ जरूरी है।

तनाव मुक्त जीवन में प्रबंधन का बड़ा महत्व, व्यवस्थित दिनचर्या प्रबंधन की कुंजी

नरैनी रोड स्थित वृद्धा आश्रम में विधिक जागरूकता शिविर को संबोधित करते हुए सिंह ने आगे कहा, तनावों से मुक्त रहने के लिए जीवन में प्रबंधन का बड़ा महत्व है। यह सब नियमित व्यायाम आदि व्यवस्थित दिनचर्या से संभव है। व्यक्ति को अंदर से शांत रहना आवश्यक है। ध्यान और योग इसके प्रमाणिक उपकरण हैं। शिविर में विधिक सेवा प्राधिकरण के DIO राशिद अहमद समेत जयराम दुबे, नरेंद्र सिंह, प्रतीत कुमार तिवारी और वृद्धजन उपस्थित रहे।

आपको बता दें कि यह दिन मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों से जुड़े सामाजिक कलंक के खिलाफ़ वकालत करने के लिए भी मनाया जाता है। यह दिन पहली बार 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ की पहल पर मनाया गया था, जो एक वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संगठन है जिसके सदस्य 150 से ज़्यादा देशों में हैं।



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Ragini Sinha

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