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Banda News: खेती में आत्मनिर्भर बनने की राह पर बुंदेलखंड, रंग लाईं डबल इंजन सरकार की सौगातें

Banda News: उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा, टिकाऊ खेती का इलाज गौ आधारित खेती है। इसी को प्राकृतिक खेती कहते हैं। किसान गौ माता पालें। आने वाली पीढ़ी को बीमार नहीं, स्वस्थ मृदा देनी है।

Om Tiwari
Report Om Tiwari
Published on: 20 Oct 2024 8:24 PM IST
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Banda News: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रविवार को बांदा में कृषि मेला के समापन पर कहा, बुंदेलखंड कृषि आत्मनिर्भर की ओर अग्रसर है। इसका श्रेय बांदा की कृषि एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी को जाता है। कठिन परिश्रम से कृषक हितैषी तकनीकियां विकसित होती हैं। शोध और प्रयोग के बाद ही तकनीक का प्रसार होता है। प्राकृतिक खेती पर शोध व प्रयोग सराहनीय हैं। पहले मृदा बंजर और जंगली बबूल से आच्छादित थी। पर अब, सफाई कर खेती हो रही है। बुंदेली किसानों को खजूर, ड्रैगन फूड, चिरौंजी आदि उगाने पर फोकस करना चाहिए।

कृषि मंत्री ने किसान मेला समापन पर लोकार्पित किए बकरी और मुर्गी फार्म शेड

कृषि एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी में आयोजित दो दिवसीय किसान मेला के समापन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कृषि मंत्री शाही ने कहा, बुंदेलखंड में अन्ना प्रथा समस्या के मद्देनजर पशु चिकित्सा महाविद्यालय व पशु उपचार केंद्र पशु पालकों को लाभान्वित करने की दिशा में सक्रिय हैं। इससे कृषकों की आर्थिक स्थिति बदलेगी। हम कह सकते हैं, बुंदेलखंड किसी मायने में पिछड़ा नहीं रहा। इससे पहले शाही ने यूनिवर्सिटी परिसर में कृषि विज्ञान केंद्र के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्राकृतिक व जैविक एवं शुुष्क खेती परियोजना अंतर्गत बकरी, मुर्गी फार्म शेड और दुग्ध परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण किया। परिसर में संचालित सभी गतिविधियों का जायजा लिया। जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा, PM मोदी और CM योगी को धन्यवाद देते हुए कहा, डबल इंजन सरकार ने बुंदेलखंड में कृषि सुधार एवं सर्वांगीण विकास को वरीयता दी है। अनेक योजनाओं और अनुदानों की सौगात दी है।

गौ सेवा आयोग अध्यक्ष बोले, प्राकृतिक खेती के लिए एक गाय जरूर पालें किसान

उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा, टिकाऊ खेती का इलाज गौ आधारित खेती है। इसी को प्राकृतिक खेती कहते हैं। किसान गौ माता पालें। आने वाली पीढ़ी को बीमार नहीं, स्वस्थ मृदा देनी है। गुप्ता ने गाय के महत्व एवं कृषि में उपयोग को रेखांकित किया। बीयूएटी प्रबंध परिषद सदस्य राजेश सिंह सेंगर ने विश्वविद्यालय को कृषकों के लिए वरदान बताया।

बुंदेली किसान हितैषी तकनीकें विकसित करने में जुटी यूनिवर्सिटी

कार्यक्रम अध्यक्ष कुलपति प्रो. नरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा, दो दिवसीय किसान मेला में बड़े पैमाने पर बुंदेली किसानों ने गेहूं, चना, मसूर व सरसों के उन्नतशील बीज खरीदे हैं। विश्वविद्यालय तकनीकों के विकास में लगा है। प्रसार निदेशक प्रो. एनके बाजपेयी ने आगंतुकों का स्वागत किया। कृषि स्टालों और प्रतियोगिताओं की जानकारी दी। विजेताओं का ब्यौरा साझा किया। सह निदेशक प्रसार डा. नरेन्द्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डा. बीके गुप्ता, डा. धीरज मिश्रा और डा. जगन्नाथ पाठक ने किया।

Shalini Rai

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