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Banda News: बांदा जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग भ्रष्ट, जनपद में पैथोलॉजी सेंटरों और अस्पतालों में नहीं है फायर सुरक्षा की व्यवस्थाएं

Banda News: बांदा कलेक्ट्रेट से ऐसा ही एक मामला जनपद के बबेरू क्षेत्र से आया है जहां जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे अस्पताल संचालक में शिकायत की है की मुख्य चिकित्सा अधिकारी उन्हें अनावश्यक परेशान करते हैं ।

Anwar Raza
Report Anwar Raza
Published on: 16 Dec 2024 4:49 PM IST
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Banda News: उत्तर प्रदेश की सरकार पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बड़ी-बड़ी बातें कर रही है और सब कुछ ठीक होने का दम भर रही है वहीं उत्तर प्रदेश के बांदा में स्वास्थ्य विभाग और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कार्यालय पर भ्रष्टाचार का दानव बैठा हुआ है। बांदा जनपद में आरटीआई द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के आधार पर अखबार में छपी खबर की बात करें तो 31 नर्सिंग होम 32 पैथोलॉजी सेंटर 22 क्लीनिक सीएमओ के कागज पर संचालित है।लेकिन धरातल पर यह आंकड़े कुछ और ही कहते हैं जनपद की छोड़ें मात्रा शहर की बात करें तो शहर में ही आधा सैकड़ा से ज्यादा नर्सिंग होम और सुपर स्पेशलिटी सेंटर संचालित है।

पिछले दिनों झोलाछाप डॉक्टर लापरवाही से 3 साल की बच्ची की पैलानी क्षेत्र में मौत हुई थी वहीं नरैनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से नर्स की लापरवाही के चलते एक गर्भवती महिला के पेट में बच्चा खत्म होने की खबर भी प्रकाश में आई थी लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने ले देकर पूरे मामले को ही निपटा दिया और बिना किसी कार्रवाई के मामला खत्म हो गया, झांसी मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद भी बांदा जनपद में चल रहे पंजीकृत पैथोलॉजी सेंट्रो व अस्पतालों में जहां फायर सुरक्षा की व्यवस्थाएं नहीं है ऐसे में कभी भी यहां बड़ी घटनाएं हो सकती है क्या मुख्य चिकित्सा अधिकारी को यह कमियां दिखाई नहीं देती या फिर पैसे की चमक ने उन्हें अंधा बना रखा है।

सूत्रों की माने तो जिला अस्पताल के आसपास चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंट्रो में चोरी छुपे मोटी रकम लेकर आशा बहुएं गर्भवती महिलाओं के गर्व का निर्धारण भी करवा रही है और यह अल्ट्रासाउंड सेंटर चुपचाप यह पूरा खेल करते नजर आ रहे हैं।अगर इस पर गंभीरता से जांच की जाए तो एक बड़ा खुलासा सामने आ सकता है इतना ही नहीं यह अल्ट्रासाउंड सेंटर आशाओं को प्रलोभन देकर जिला महिला अस्पताल से मरीजों को यहां पर बुलाते हैं और उसके आवाज में एक बड़ा कमिशन इन आशा बहू को दिया जाता है। इसकी कई बार शिकायत भी हो चुकी है लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी का भी इस ओर ध्यान ही नहीं देते क्योंकि यह संस्थान हर महीने एक मोती रकम उन तक पहुंचा देता है।

शहर भर में खासकर जिला अस्पताल के बाहर प्राइवेट अस्पतालों के लगे बड़े-बड़े बैनर यह अपने आप में दर्शाते हैं कि यहां खुलेआम सीएमओ की लूट चल रही है सरकारी सुविधा कुछ भी नहीं है इसलिए लोगों को इन प्राइवेट अस्पतालों में लूटने के लिए मजबूर होना पड़ता है। शहर में लगभग एक सैकड़ा छोटी बड़ी रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड पैथोलॉजी संचालित है जिसे हर महीने मोटी रकम सीएमओ तक पहुंचाई जाती है जिसके आवाज में सीएमओ का संरक्षण इन पैथोलॉजी सेंटरों को प्राप्त होता है और किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाती बांदा में संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर में जो डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं वह भी यहां कभी नहीं रहते अगर जांच की जाए तो दूसरे लोग अल्ट्रासाउंड करते हुए नजर आएंगे।

बांदा कलेक्ट्रेट से ऐसा ही एक मामला जनपद के बबेरू क्षेत्र से आया है जहां जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे अस्पताल संचालक में शिकायत की है की मुख्य चिकित्सा अधिकारी उन्हें अनावश्यक परेशान करते हैं जो उन्हें महीना समय से पहुंचना है उन अवैध हॉस्पिटल में कभी कार्रवाई नहीं होती पहले ₹50000 की मांग की थी अब ₹100000 की मांग कर रहे हैं नहीं दिया तो जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं।

Shalini singh

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