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Banda News: कोढ़ में खाज बना खाद संकट के साथ गेहूं के बीज की किल्लत, बांदा के तिंदवारी में किसानों ने हंगामा कर DM को भेजा ज्ञापन
Banda News: तिंदवारी में किसानों ने बीज वितरण में कर्मचारियों पर भेदभाव और मनमानी का आरोप मढ़ जोरदार विरोध जताया। बीडीओ के जरिए डीएम को भेजे ज्ञापन में विस्तार से दुखड़ा बयां कर व्यवस्था दुरुस्त करनी की फरियाद की है।
Banda News ( Pic- News Track)
Banda News. रबी की बुआई के लिए खाद संकट से हलकान जिले के किसानों को अब गेहूं के बीज के भी लाले पड़ गए हैं। बुधवार को तिंदवारी में किसानों ने बीज वितरण में कर्मचारियों पर भेदभाव और मनमानी का आरोप मढ़ जोरदार विरोध जताया। बीडीओ के जरिए डीएम को भेजे ज्ञापन में विस्तार से दुखड़ा बयां कर व्यवस्था दुरुस्त करनी की फरियाद की है।
खाद और बीज वितरण में अंधेरगर्दी का आलम, चहेतों को मुहैया कराने के बदले मुठ्ठी गरम करने का आरोप
शासन-प्रशासन के तमाम वादों और बातों के बावजूद बांदा जिले में डीएपी को लेकर हाहाकार मचा है। अव्वल तो डीएपी का फकत टोटा है। लेकिन जहां भी सुलभ है, वहां वितरण में भेदभाव के आरोप लगातार सामने आए हैं। किसानों का आरोप है कि सुबह से शाम तक लाइन में लगे किसानों में सभी को एक बोरी डीएपी भी नसीब नहीं होती, लेकिन वितरण कर्मी चहेतों को पांच-पांच बोरी डीएपी मुहैया कराकर बदले में मुठ्ठी गरम करने से कतई नहीं चूकते। अंधेरगर्दी का आलम है।
बैरंग लौटने को मजबूर किसानों ने तिंदवारी में बीज वितरण में मनमानी और भेदभाव की खोली कलई
इस बीच अंधेरगर्दी ने खाद के साथ ही बीज वितरण प्रक्रिया को भी चपेट में ले लिया है। इसका खुलासा बुधवार को तिंदवारी में हुआ। गेहूं का बीज लेने पहुंचे दर्जनों गांवों के किसानों को बैरंग लौटना पड़ा। लेकिन लौटने से पहले किसानों ने बीज वितरण कर्मचारियों के मनमाने रवैए को बेनकाब किया। बरते जा रहे भेदभाव की कलई खोली। बीडीओ के जरिए डीएम को ज्ञापन भेजा।
गोदाम प्रभारी पर मढ़ा बीज की कालाबाजारी का आरोप, किसान बोले- यह स्थिति मुसीबतें न्योतने जैसी
किसानों का आरोप है कि तिंदवारी बीज गोदाम प्रभारी गेहूं के बीज की कालाबाजारी कर रहे हैं। खेत तैयार है। तत्काल बुआई की दरकार है। लेकिन खाद के साथ बीज के भी लाले हैं। बीज वितरण में पात्रता सूची को दरकिनार किया जाता है। दलालों का बोलबाला है। उन्हीं के जरिए चहेतों मात्र को बीज मुहैया कराकर बदले में मुठ्ठी गरम करने का खेल खेला जा रहा है। सुबह से शाम तक बैठालने के बाद बीज खत्म होने की बात कर बैरंग लौटाया जा रहा है। यह रोज का ढर्रा है। इस पर प्रभावी अंकुश न लगा तो रबी की फसल से हाथ धोना तय है। यह स्थिति अनेक मुसीबतें न्योतने जैसी है।