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Banda News: DM की सराहनीय पहल, पहली बार इकोफ्रेंडली गोबर के दिए से जगमग होगा बांदा

Banda News:जिले में पहली बार गाय के गोबर के दिए जगमगाएंगे। साथ ही महिला समूह की महिलाओं को आर्थिक मदद भी मिलेगी । जिसकी पहल जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने की है।

Anwar Raza
Report Anwar Raza
Published on: 10 Nov 2023 7:34 AM GMT
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बांदा में इस दीवाली जलेंगे इकोफ्रेंडली गोबर के दिए (न्यूजट्रैक)

Banda News: जिले में पहली बार गाय के गोबर के दिए जगमगाएंगे। साथ ही महिला समूह की महिलाओं को आर्थिक मदद भी मिलेगी और गौ सेवा की एक नई राह मिलेगी। जिसकी पहल जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने की है। डीएम ने इस योजना को सफल बनाने के लिए महिला समूह को मुफ्त में दिए बनाने की मशीनें उपलब्ध कराईं हैं और इसकी मार्केटिंग खुद जिलाधिकारी कर रहीं हैं।

इस वर्ष दिवाली को खास बनाने के लिए जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने कई अहम फैसले लिए हैं और योजना को सफल बनाने के लिए खुद जिम्मेदारी निभा रहीं हैं। उन्होंने इस बार शहर में गोबर के दिए जलाने की योजना बनाई है जो इको फ्रेंडली होते हैं और यह इस्तेमाल के बाद खाद के लिए भी प्रयोग किए का सकते हैं। यह दिए जिले में पहली बार जलाए जाएंगे। इसके लिए जिलाधिकारी ने महिला समूह को मुफ्त में दिए बनाने वाली कई मशीनें मुफ्त में उपलब्ध कराई हैं।

उन्होंने एक लाख दिए बनवाने का टारगेट रखा है। इसकी निगरानी जिलाधिकारी लगातार कर रहीं हैं। इतना ही नहीं इस योजना से जनपद की महिला समूह को नया रोजगार का साधन भी मिला है और उनकी आर्थिक मदद भी होगी। ये दिए बनाने की प्रक्रिया भी बड़ी आसान होती है इसे बनाने के लिए नाम मात्र की मिट्टी मिलाई जाती है इन दियों को भट्टी में पकाया नहीं जाता बल्कि मशीन से दिए का रूप देकर इन्हें छाया में सुखाया जाता है फिर इन्हे रंगों से डिजाइन और कलर किया जाता है। फिर इसमें रूई की बत्ती बनाकर रखी जाती है और मोम पिघलाकर इसमें भर दिया जाता और दिया बनकर तैयार हो जाता है। एक दिए की लागत 7 रुपए की आती है जिसे 10 रुपए में बेंचा जा रहा है यह दिया लगभग 40 मिनट जलता है।

वहीं छोटे दिए में लागत लगभग 4 रुपए की आती है जो पांच रुपए में बेचा जा रहा है हालाकि इस दिए की कीमत बढ़ाई जा सकती है। दियों की पैकिंग में इन दियों की खूबियों को अंकित किया गया है। खास बात यह है की इसकी मार्केटिंग जिलाधिकारी खुद कर रहीं है इन दियों की बिक्री के लिए जिलाधिकारी ने अपने शोसल मीडिया अकाउंट के माध्यम से जनता से अपील की है और खरीदारों को जिलाधिकारी का थैंक्यू कार्ड भी दिया जा रहा है जो जनता को प्रोत्साहित करेगा। जिसके बाद से महिला समूह को कई आर्डर मिल चुके हैं और हजारों दियों की सप्लाई भी हो चुकी है इस कार्य में लगभग 15 से 20 महिलाएं लगी हुई हैं। वहीं महिला समूह की हेड का कहना है की इस कार्य से उन्हें व्यवसाय का नया आइडिया भी मिला है।

वहीं जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि इस बार पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए काम पटाखे जिले में फोड़े जाएंगे और इको फ्रेंडली गोबर के दिए जलाए जाएंगे। यह बांदा जिले में पहली बार हो रहा है। साथ ही इससे महिला समूह की आर्थिक मदद होगी। उन्होंने बताया कि इन दियों के वैदिक लाभ भी हैं साथ ही गौमाता की सेवा भी हो जाएगी जो अपने आप में महान कार्य है। इन दियों की खास बात यह है कि इन्हें बनाने में एक हिस्सा मिट्टी और तीन हिस्सा गोबर का प्रयोग होता है। जो भट्टी में पकाए नहीं जाते छाया में सुखा कर तैयार किए जाते हैं। जिनका प्रयोग खाद बनाने में किया जा सकता है यह आसानी से मिट्टी में घुल जाते हैं।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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