Banda News: 'मां' को जगी न्याय की आस, हिरासत में मौत पर हाईकोर्ट ने सरकार और बांदा पुलिस से मांगा जवाब

Banda News: उच्च न्यायालय के रुख से पुलिस महकमे में खासी हलचल है। जबकि पीड़ित पक्ष को न्याय की उम्मीद जगी है। मृतक की मां ने कहा, देर हो सकती है, लेकिन न्यायालय के रहते अंधेर संभव नहीं है।

Om Tiwari
Report Om Tiwari
Published on: 5 Oct 2024 12:33 PM GMT
The High Court sought answers from the government and Banda police on the death in custody
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मृतक की मां कल्ली देवी: Photo- Newstrack

Banda News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पुलिस हिरासत में मौत को गंभीर मामला बताते हुए सरकार और पुलिस को एक सप्ताह में अपना पक्ष दाखिल करने का आदेश दिया है। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता श्रीयांश सिंह ने बताया, उच्च न्यायालय ने जरूरत लगे तो हलफनामा भी पेश करने को कहा है। उच्च न्यायालय के रुख से पुलिस महकमे में खासी हलचल है। जबकि पीड़ित पक्ष को न्याय की उम्मीद जगी है। मृतक की मां ने कहा, देर हो सकती है, लेकिन न्यायालय के रहते अंधेर संभव नहीं है। लगता है, बेटे के हत्यारे पुलिसवाले जरूर दंडित होंगे।

अतर्रा पुलिस ने लवकुश को घर से पकड़ा, अगले दिन रेल ट्रैक के पास मिली लाश

मालूम हो कि बीते साल 22 नवंबर को अतर्रा थाना पुलिस अतर्रा के ही राजनगर निवासी लवकुश को मोबाइल चोरी के इल्जाम में घर से पकड़ लाई थी। अगले दिन लवकुश का शव रेलवे लाइन के पास मिला था। लवकुश की मां कल्ली देवी ने पुलिस हिरासत में हत्या कर शव फेंकने का आरोप लगाया था। कल्ली देवी ने बांदा SP को प्रार्थनापत्र देकर दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध FIR दर्ज कर कार्रवाई की मांग की थी। कल्ली ने प्रार्थनापत्र में कहा था, अतर्रा थाने के SI प्रदीप कुमार ने पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर उसके बेटे लवकुश की हत्या की है और शव रेलवे लाइन के पास फेंक कर मामले में पर्दादारी की कोशिश की गई है। कल्ली ने SP की चौखट पर कई बार हाजिरी बजाकर न्याय की गोहार लगाई, लेकिन हर बार उसकी गोहार नक्कारखाने की तूती साबित हुई।

बांदा पुलिस से निराश मृतक की मां कल्ली ने ली न्यायालय की शरण, मददगार बने राजा भैया

पुलिस के रवैए से निराश-हताश कल्ली ने बांदा न्यायालय में 156-3 के तहत वाद दायर किया। इस पर अतर्रा पुलिस ने FIR के बजाय परिवाद दायर कर मामले को लटकाने-टरकाने का प्रयास किया। थाना पुलिस की मंशा भांपते हुए कल्ली देवी विद्याधाम समिति के सचिव राजा भैया से मिली। राजा भैया मदद को आगे आए। उनकी पहल पर कल्ली देवी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण ली। राजा भैया ने बताया, उच्च न्यायालय ने मामले का बखूबी संज्ञान लिया है। बीते 30 सितंबर को मामला गंभीर बताते हुए सरकार और बांदा पुलिस को एक सप्ताह में अपना पक्ष प्रस्तुत करने को आदेशित किया है। कहा है, जरूरत लगे तो हलफनामा भी दाखिल करें। इस बीच मृतक की मां कल्ली देवी को न्याय की उम्मीद जगी है। कल्ली ने कहा, लगता है कि अब उसके बेटे के हत्यारे पुलिसवाले जरूर दंडित होंगे।

Shashi kant gautam

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